Mahant Jagannath Puri ने कहा कि मनुष्य को अपने ही कर्मों का फल भोगना होता है

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By Aanchalik khabre
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Mahant Jagannath Puri ने कहा कि जीवन ही कर्मों के लिए होता है
Mahant Jagannath Puri ने कहा कि जीवन ही कर्मों के लिए होता है

Mahant Jagannath Puri ने बताया मनुष्य अपने कर्मों से समाज में अपना स्थान निर्धारित करते हैं

कुरुक्षेत्र : श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में पूजन सम्पन्न करवाने के उपरांत अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष Mahant Jagannath Puri ने कहा कि मनुष्य को अपने ही कर्मों का फल भोगना होता है। किसी भी मनुष्य के कर्मों का फल दूसरे को प्राप्त नहीं हो सकता है। जिस मनुष्य ने जो कर्म किए हैं। उन कर्मों का फल उसे ही भुगतना होगा।

aanchalikkhabre.com Mahant Jagannath Puri

यही कर्म समाज और दुनिया में स्थान निर्धारित करते हैं। Mahant Jagannath Puri ने कहा कि जीवन ही कर्मों के लिए होता है। बिना कर्मों के मनुष्य जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है। मनुष्य के जीवन की समाप्ति के उपरांत धन, दौलत और संपत्ति कुछ भी साथ जाने वाला नहीं है। मनुष्य द्वारा अपने जीवन में किए गए कर्मों का फल सदैव साथ रहता है।

Mahant Jagannath Puri ने कहा कि जैसा अन्न हम ग्रहण करते हैं वैसा ही हमारा तन- मन होता है। उन्होंने कहा कि किसी को दुख देकर कमाए गए धन से लक्ष्मी की कृपा हासिल नहीं होती है। पैसा आने के बावजूद मन की शांति खो जाती है। इस अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी, स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, दर्शन, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, ज्योति एवं सुदेश कुमारी इत्यादि भी मौजूद थे।

 

अश्विनी वालिया, कुरुक्षेत्र

 

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