Gandhi Jayanti : महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर, कल गुजरात के ऐतिहासिक शहर पोरबंदर में राष्ट्रीय तटीय और समुद्र तट पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा, जिसका नेतृत्व केंद्रीय युवा मामले और खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया करेंगे। इस अनूठे अभियान का लक्ष्य भारत के समुद्र तटों और तटीय क्षेत्रों को सिंगल यूज वाले प्लास्टिक कचरे से मुक्त करना है। इस अवसर पर “स्वच्छता ही सेवा” अभियान का समापन होगा। “स्वभाव स्वच्छता – संस्कार स्वच्छता” “स्वच्छता ही सेवा” अभियान का विषय है, जो 17 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2024 तक चलेगा।
युवाओं के नेतृत्व वाली पर्यावरण संरक्षण पहलों का समर्थन करने में डॉ. मंडाविया अग्रणी भूमिका में हैं। वे ऐतिहासिक महत्व के पोरबंदर में स्वच्छता अभियान का उद्घाटन करेंगे, जिसे महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti) की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया की भागीदारी पर्यावरण के अनुकूल तरीकों के प्रति समर्पण को रेखांकित करती है। यह पहल एक स्वच्छ, सिंगल -उपयोग प्लास्टिक से मुक्त भारत बनाने के लक्ष्य के अनुरूप है।
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इस वर्ष युवा मामलों के विभाग के माई भारत ने स्वच्छता ही सेवा अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया है। यह युवाओं को पर्यावरण की जिम्मेदारी और स्वच्छता को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करता है। 2 अक्टूबर, 2024 को स्वच्छ भारत दिवस के उपलक्ष्य में मेरे भारत के युवा स्वयंसेवकों के निर्देशन में एक महत्वपूर्ण तटीय सफाई अभियान शुरू किया जाएगा।
इस पहल के तहत भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट पर 1,000 से ज़्यादा जगहों की सफ़ाई की जाएगी। इसमें खास तौर पर सिंगल-यूज़ प्लास्टिक को इकट्ठा करने, उन्हें दूसरे कचरे से अलग करने और उनका निपटान करने पर ध्यान दिया जाएगा। समुद्र तटों की सफ़ाई के लिए इस राष्ट्रव्यापी अभियान में माई भारत के दस लाख से ज़्यादा स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे। यह कार्यक्रम दीर्घकालिक पर्यावरण संरक्षण में सामूहिक प्रयासों की प्रभावशीलता को दिखाएगा।
एक लाख युवाओं की कोशिश : Gandhi Jayanti पर प्लास्टिक से मुक्त होगा भारत
इस वर्ष स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम ने असाधारण सफलता प्राप्त की है। 30 सितंबर, 2024 तक 56 लाख से अधिक माई भारत युवा स्वयंसेवक देश से लाखों पाउंड कचरा हटाने में सक्रिय रूप से भाग ले चुके होंगे। 1 लाख से अधिक गाँव, 15,000 से अधिक सामुदायिक केंद्र, 9,501 अमृत सरोवर और अन्य ऐतिहासिक और सार्वजनिक स्थान भी इन सफाई अभियान में भाग ले रहे हैं।
यह ऐतिहासिक परियोजना अगली पीढ़ियों के लिए एक शक्तिशाली उदाहरण के रूप में कार्य करती है और स्वच्छ भारत मिशन के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। तट को साफ करने की पहल महात्मा गांधी के इस दृष्टिकोण का प्रमाण है कि स्वच्छ भारत केवल सामूहिक प्रयास से ही संभव है।
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