Mau Block के ग्राम प्रधानों का कहना है कि 5 माह से गौवंश के भरण पोषण का पैसा नहीं आया और इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है
चित्रकूट। मऊ तहसील अंतर्गत Mau Block में 54 गौशालाएं इस समय पर प्राकृतिक ठंड में भी चल रही हैं। पिछले वर्ष जुलाई तक में ग्राम पंचायतों के गौशालाओं के भरण पोषण का पैसा मिला था जब Mau Block के प्रधान संघ ने जोर दिया था। तब भूखे गौवंश को पत्रावली से क्या मतलब छटवां माह लग गया है और ग्राम प्रधानों द्वारा भरण पोषण के खर्चे की फाइल बराबर क्यों लौट आती है।
प्रधान संघ के अध्यक्ष प्रभात पांडे का कहना है कि सरकार ने जो जिम्मेदारी हमें गौवंश की दी है, हम उसे पूरा कर रहे हैं लेकिन मासिक खर्च करके हम गोवंश का भरण पोषण तथा वहां के कार्यकर्ताओं को पैसा भी देना पड़ता है और वहां के कार्य करता कहते भी हैं कि प्रधान अपने घर से हमें खर्चा देते हैं क्योंकि गौवंश के भरण पोषण का खर्च समय से नहीं आता है। औंझर ग्राम पंचायत के प्रधान फूलचंद ने कहा की गौवंश एक बहुत बड़ा धन भी है लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
गौशालाओं पर जितना भी गोबर गोमूत्र होता है सरकार को चाहिए की जो भी वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं गोबर से इंधन बना है, गोबर से पेंट बना है, गोबर से और भी बहुत से उपयोग की चीजें बन सकती हैं। अत: सरकार शोधकर्ताओं को लाकर यहां पर कुछ ट्रेनिंग और प्रैक्टिकली करवाए तथा उपकरण भी उपलब्ध कराएं तो गौशाला में एक नई आशा की किरण और जग सकती है।
भिटारी ग्राम के प्रधान बालक नंद पांडे ने जानकारी दी की गौशाला में इकट्ठा रहने से छोटे-छोटे पशुओं को बड़े पशु मार भी देते हैं सुरक्षा करते-करते एकदम से पलटा देते हैं ,अतः कैटेगरी के हिसाब से बरनाली, छोटे पशुओं, दुधारू पशुओं को नश्ल के हिसाब से कुछ इनको अलग भी करने की सरकार व्यवस्था करें।
ब्लॉक के कई प्रधान अपने गौशाला में स्वयं 4 घंटा रहकर गोबर की सफाई और पशु हांकने तक का काम करते हैं
Mau Block के कुछ प्रधानों की परेशानी देखकर मऊ खंड विकास अधिकारी राम जी मिश्रा गौवंश के भरण पोषण को लेकर आज कुछ संबंधित कागजात लेकर के मच उप जिलाधिकारी राकेश कुमार पाठक और तहसीलदार मऊ से मिलेंगे । प्रधान संघ का कहना है की गौवंशों की ऐसी जिम्मेदारी कब तक चलेगी। ब्लॉक के कई प्रधान अपने गौशाला में स्वयं 4 घंटा रहकर गोबर की सफाई और पशु हांकने तक का काम करते हैं। क्योंकि जब ग्राम में अन्य ग्रामों के पशु बाड़े के आसपास आ जाता है तो वहां के प्रधान स्वयं उसे हांककर अपने बाड़े में अंदर करते हैं।
Mau Block संघ के प्रधानों का कहना है कि एक पशु एक दिन में 10 किलो चारा खाएगा तब उसका पेट भरता है। जो भी पैसा भरण पोषण का सरकार दे समय से दे, तीन माह से ग्राम प्रधान प्रत्रावली तैयार करते हैं तो उसे आधिकारी क्यों लौटा देते हैं कुछ समझ नहीं आ रहा है।
जबकि Mau Block के सभी प्रधानों को ग्राम पंचायत के अधिकारी व पशुचिकित्साधिकारी जो नियम बताते हैं, हम लोग वही कागजात भी लगाते हैं फिर भी फाइलें क्यों लौट रही हैं । इसी कारण Mau Block के ग्राम प्रधानों का कहना है कि समय से पैसा नहीं आएगा तो हमारी मजबूरी होगी जो भी कदम उठाएंगे इन्हीं सब बातों से मऊ ब्लाक के प्रधानों में आक्रोश दिख रहा है।
प्रमोद मिश्रा, चित्रकूट
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