बिना उबाले Milk पीना हो सकता है हानिकारक
झुंझुनू। पशु विज्ञान केन्द्र सिरियासर कलां, झुंझुनू के द्वारा स्वच्छ Milk Production पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। केन्द्र के प्रभारी अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि केंद्र के डॉ विनय कुमार ने पशुपालकों को Milk को हमेशा उबालकर पीने की सलाह दी। बिना उबले हुए दूध से मनुष्यों में क्षय रोग (टीबी), ब्रूसेलोसिस, क्लोस्ट्रीडियम संक्रमण, कोकसी ब्रनेटी संक्रमण, ई- कोलाई तथा सालमोनेला संक्रमण हो जाता है।
जिसमें इन्होंने बताया कि टीबी में मनुष्यों के फेफड़े प्रभावित होते हैं तथा खांसी आती है। ब्रूसेलोसिस में आदमी में बुखार, अंडकोष में सूजन व नपुसंकता आ जाती है तथा गर्भवती औरतों में गर्भपात हो जाता है। कालोस्ट्रीडियम के संक्रमण से बच्चों में बुखार व दस्त हो जाते है व अन्य जीवाणु संक्रमण में तेज बुखार हो जाती है। इन सब से बचने के लिए दूध निकालते समय साफ -सफाई रखने, बीमार पशु का समय रहते पशु चिकित्सक से इलाज करवाने, दूध निकालने से पहले पशुपालक अपने हाथों को धोकर ही Milk निकाले।
Milk के बर्तनों को अच्छे डिटर्जेंट से धो कर सुखाने चाहिए
पशु के गादी/अडर वाले स्थान के आस-पास लगे हुए गोबर व मिट्टी को अच्छी तरह से साफ करके थानों को पानी से अच्छी तरह धोयें तथा दूध निकालने के बाद पशु को मेस्टाइटिस रोग से बचाने के लिए थानों को लाल दवा के घोल से धो कर छोडऩा चाहिए। Milk के बर्तनों को अम्लीय या क्षारीय द्रव या अच्छे डिटर्जेंट से धो कर सुखाने चाहिए जिससे जीवाणु न पनपे।
इसके अलावा उन्होंने दूध में होने वाली मिलावटों व इसकी पहचान कैसे करें के बारे में जानकारी दी तथा दूध निकालने की विधियों के बारे में जानकारी देते हुए पूर्ण हस्त दोहन विधि को सबसे उत्तम बताया तथा प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी पशुपालकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
Visit our social media
YouTube: @Aanchalikkhabre
Facebook: @Aanchalikkhabre
Twitter: @Aanchalikkhabre
इसे भी पढ़े:शिक्षा विभाग का State Level Culture Festival का आयोजन
for more click here