Panchayat के जिम्मेदार कर्मचारियों ने मतदाता सूची से अधिक लोगों को मजदूर दर्शा कर करोड़ों रुपए का घोटाला कर डाला है
ग्वालियर । गरीबों और बेरोजगारों को घर में ही काम दिलाने वाली मनरेगा योजना में Panchayat के जिम्मेदार कर्मचारियों ने मतदाता सूची से अधिक लोगों को मजदूर दर्शा कर करोड़ों रुपए का घोटाला कर डाला है जिसकी शिकायत एक जागरूक व्यक्ति द्वारा जिला पंचायत सीईओ से लेकर संभाग आयुक्त तक की गई है।
बता दें कि जनपद Panchayat भितरवार के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत स्याऊ में फर्जी मस्टररोल लगाकर मतदाता सूची से अधिक मजदूरों को रोजगार देकर करोड़ों रुपए के बारे में जारी किए गए हैं। जबकि देखा जाए तो ग्राम पंचायत में जिन मजदूरों के नाम पर पिछले 3 और 4 साल के भीतर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है तो वही धरातल पर कराए गए निर्माण कार्य भी नहीं है।
*ये है Panchayat के घोटाले -*
ग्राम Panchayat के जिम्मेदार कर्मचारियों के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का आकलन इसी से किया जा सकता है कि वर्ष 2020- 21में ग्राम पंचायत सचिव और पूर्व सरपंच के द्वारा रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत ग्राम में कराए गए सभी निर्माण कार्य घटिया किए गए जो या तो कागजों में बना दिए गए हैं या फिर धरातल पर टूट फूट कर नष्ट हो गए हैं।
उपरोक्त Panchayat प्रतिनिधियों ने पूर्व ग्राम सरपंच के सहयोग से 835 जॉब कार्ड बनाए गए और सभी 835 जॉब कार्ड परिवारों को मजदूरी पर लगाया दर्शाया गया है। जिनमें अधिकतर लोग गांव के ना होकर बाहर के हैं। यहां तक कि एक ही खाते में अधिकतर मजदूरों का भुगतान भी कराया गया है जबकि शासन के नियमानुसार सभी मजदूरों का पृथक से खाता होना अनिवार्य है।
इतना ही नहीं एक ही मजदूर के खाते में 50 हजार से अधिक का भुगतान करा कर बड़ी अनियमितता की गई है जबकि निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों में जो खाते फीट किए गए हैं उनमें भुगतान संबंधितों द्वारा नहीं किया गया है। वर्ष 2020- 21 में इनके द्वारा 3718 फर्जी मजदूर लगाए गए हैं जबकि ग्राम पंचायत की कुल मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या 1034 है जिनमें से 300 नाम तो वृद्ध विकलांग एवं पढ़ाई और काम काज के लिए गांव से बाहर रहने वाले लोगों के हैं।
निर्माण कार्य में इतना भी भूल गए कि कार्य करने वालों में से 7 गुना ज्यादा फर्जी मजदूरों को निर्माण कार्य पर लगा दिया और 1 करोड़ 22 लाख रुपए से अधिक राशि का भुगतान करा दिया गया तथा निर्माण कार्यों के लिए आए मटेरियल कि राशि से भी लाखों रुपए का घोटाला संबंधितों द्वारा कर डाला। इसी प्रकार वर्ष 2021- 22 मैं 509 जॉब कार्ड धारी परिवारों को रोजगार दिया गया।
60 लाख से अधिक का भुगतान मजदूरों के नाम पर फर्जी मस्टररोल लगाकर निकाला गया तो वही मटेरियल में भी घोटाला किया गया
जबकि 2020-21 मैं काम करने वाली जॉब कार्ड की संख्या 835 थी फिर इतनी भारी संख्या 326 बिना कारण के जॉब कार्ड क्यों डिलीट किए गए?, तो उपरोक्त वर्ष में 2334 मजदूरों को मजदूरी पर मनगढ़ंत तरीके से लगाया गया इस प्रकार उपरोक्त वर्ष में संबंधितों द्वारा 60 लाख से अधिक का भुगतान मजदूरों के नाम पर फर्जी मस्टररोल लगाकर निकाला गया तो वही मटेरियल में भी घोटाला किया गया।
इस प्रकार जनपद Panchayat भितरवार के अंतर्गत आने वाली उपरोक्त ग्राम पंचायत में वर्ष 2019- 20 से लेकर वर्ष 2021- 22 तक रोजगार गारंटी योजना एवं 14 और 15 वें बित्त योजना में निर्माण कार्य व निर्माण कार्य में लगे फर्जी जॉब कार्ड फर्जी खाते फर्जी व्यक्तियों के नाम अन्य जगहों के खाते तथा दूसरे जिले के व्यक्तियों के नाम मनगढ़ंत बनाए गए।
मजदूरों नाबालिक बच्चों के खाते की जॉच कराए तो ऐसी तमाम नियमितताएं सामने आ सकती हैं। वहीं अनियमितताओं को लेकर एक जागरूक युवक द्वारा जिला पंचायत सीईओ से लेकर संभाग आयुक्त तक ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों की एवं जिम्मेदार अधिकारियों की भी जांच कराकर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
के के शर्मा, भितरवार
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