NOTA Yatra: सहभागी राजपूत परिवार ने किया नोटा यात्रा की शुरुआत

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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NOTA Yatra: सहभागी राजपूत परिवार ने किया नोटा यात्रा का आगाज

NOTA (None of the Above) Yatra: सहभागी राजपूत परिवार (राजपूत, कायमखानी राजपूत, रावणा राजपूत, चारण राजपूत, राजपुरोहित, अन्य सभी मूल राजपूत, अन्य सभी सहयोगी जातियां) के आह्वान पर शनिवार को मण्डावा विधानसभा क्षेत्र के नूआं गांव से नोटा यात्रा का आगाज हुआ।

राजपूत परिवार ने कहा हमें हमारे 10 अधिकार नहीं मिले तो NOTA का विश्व कीर्तिमान स्थापित करेंगे

ज्ञात रहे कि 10 मार्च को श्री क्षत्रिय अधिकार महारैली में सभी राजनैतिक पार्टियों को चेताया गया था कि अगर हमें हमारे 10 अधिकार नहीं देंगे या उनको राजनैतिक पार्टियां अपने घोषणा पत्र में दर्ज नहीं करेगी तो मजबूरन हमें इस बार NOTA का विश्व कीर्तिमान स्थापित करना पड़ेगा।

NOTA Yatra: सहभागी राजपूत परिवार ने किया नोटा यात्रा का आगाज

हमारे मुख्य  अधिकारों में युवाओं के भविष्य के लिए सेना, अद्र्धसैनिक बलों, पुलिस बलों में विशेष आरक्षण,  ईडब्ल्यूएस का प्रतिशत 10 से 14 करवाना, कायमखानी राजपूतों के लिए केन्द्र सरकार में ओबीसी आरक्षण इत्यादि हैं। 13 मार्च को प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से 15 मार्च तक का समय दिया गया था। परन्तु राजस्थान सरकार, भारत सरकार और सभी राजनैतिक दलों  द्वारा हमारी अनदेखी की जा रही है ।

उनके इस अडिय़ल रूख के कारण आज NOTA Yatra का आगाज हुआ। आज यात्रा में नूआं,  श्यामपुरा, भोजासर, भारू, चेलासी, हुक्मपुरा, सिरियासर से सैकड़ों क्षत्रिय शामिल हुए। सभी ने अपने हाथ पर काला धागा बांधकर शपथ ली कि वो किसी पार्टी को महत्व ना देकर अपने खून के रिश्ते को महत्व देंगे और पार्टियों को NOTA के माध्यम से अपनी अनदेखी करने एवं नाराजगी का सन्देश देंगे।

राजपूत परिवार ने कहा वोट NOTA से करेंगे चोट

क्षत्रिय अधिकार नहीं मिलने की सूरत में सहभागी राजपूत परिवार के वोट NOTA से करेंगे चोट का नारा दिया गया। सहभागी राजपूत परिवार करेगा नोटा से वार का नारा भी लगाया गया। यात्रा में सभी का जोश देखने योग्य था। सहभागी राजपूत परिवार के अध्यक्ष इंजीनियर महावीर सिंह शेखावत झाझड़ ने NOTA पर वोट देने का महत्व समझाया। उन्होने बताया कि ऐसा करने से ना तो परिवार के संसाधन खर्च होंगे और ना ही चुनावों का बहिष्कार होगा।

NOTA Yatra: सहभागी राजपूत परिवार ने किया नोटा यात्रा की शुरुआत

सहभागी परिवार का शक्ति प्रदर्शन भी हो जाएगा और सम्पूर्ण भारत नहीं अपितु विश्व में लोकतांत्रिक पार्टियों को जवाब देना भारी हो जाएगा कि परमवीर धरा शेखावाटी के संस्थापकों के वंशजों ने इस बार यह फैसला क्यों लिया। ऐसी क्या परेशानी हुई उनको कि उन्होंने राष्ट्रीय पार्टियों को छोडक़र NOTA का विकल्प चुना। इंजीनियर महावीर ने बताया कि यह हमारी वर्तमान एवं भविष्य की पीढिय़ों के अधिकारों और उनका शेखावाटी से पलायन रोकने का अभियान है।

हम ना तो किसी नेता और ना ही किसी पार्टी के पक्ष या विपक्ष में हैं हम तो सिर्फ  शेखावाटी के संस्थापकों को शेखावाटी में सम्मान से रहने का अवसर मिले इस बात के पक्षधर है। इसमें मुख्य रूप से कप्तान सुरेंद्र सिंह, कप्तान हय्यात खां, सूबेदार करण सिंह, सूबेदार शिवभगवान सिंह, मास्टर शिंभू सिंह, सूबेदार अजहर खां, कप्तान इश्तियाक खां, मास्टर महमूद खां, मुस्लिम सदर सफीक खां, सवाई सिंह, पीटीआई अलीहसन, मास्टर महमूद खां, मनोहर सिंह, उदन सिंह, उपसरपंच बिशन सिंह, राजेंद्र सिंह, उम्मेद सिंह फौजी, गुलजार फौजी, प्रताप सिंह भोजासर, सूबेदार इकराम खां, सरवर खां, जुल्फीकार फौजी, हवलदार फिरोज खां, हवलदार असजद खां, हवलदार शमसाद खां, इजहार फौजी, पार्षद अलीशेर फौजी, फारूक फौजी,  कप्तान हड़मान सिंह, नरेश सिंह, अब्दुल खां, सोनू खां, जमील खां, नवीन सिंह, रूपेन्द्र सिंह, पाबूदान सिंह, जगदीश सिंह आदि शामिल हुए।

झुंझुनू (संजय सोनी)

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