बेतवा नदी पर हो रहा है जमकर अवैध खनन, प्रशासन मौन-आँचलिक ख़बरें-मुन्ना विश्वकर्मा

News Desk
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अवैध खनन के चलते नदियों का बिगड़ रहा स्वरूप, कई जगह काफी गहरी हो गईं नदियां

कुरारा हमीरपुर :- हमीरपुर की बेतवा नदी में अवैध और मनमाने तरीके से खनन के चलते नदी का स्वरूप तेजी से बिगड़ता जा रहा है। बेरी गांव के आसपास के ग्रामीणों के लिए जीवनदायी साबित होने वाली बेतवा नदी में हो रहे मनमाना अवैध खनन ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही हैं। खनन के लिए खनन विभाग व पर्यावरण संस्थाओं के सुनिश्चित प्रावधान व दिशा निर्देश हैं। संबंधित कार्यालय व अधिकारी भी हैं। लेकिन यह तंत्र इलाके की बेतवा नदी में अवैध खनन को रोकने में सफल साबित नहीं हो रहा है।

आपको बता दें कि हमीरपुर जनपद के कुरारा थाना क्षेत्र के बेरी गांव स्थित बेतवा नदी के बीचों बीच पोकलैंड लगाकर खनन किया जा रहा है. फिर भी खनन विभाग अनजान बना हुआ है। लाल सोने की चाहत में हर खनन माफिया की आंखें चौंधिया जाती हैं। इसके साथ ही वह नदी में खनन का पट्टा तो करा लेता है लेकिन लाल सोने की लूट में वह नियम कानूनों को ताक पर रखकर पोकलैंड मशीनों से खनन करने लगता है। इसी की बानगी है, जनपद के कुरारा थाना क्षेत्र के बेरी गांव स्थित खंड संख्या,10/36, 10/33, 10/30, 10/29 के मौरंग माफिया मशीनों के सहारे बेतवा नदी की जलधारा को चीरकर दूसरी तरफ तक खनन कर रहे हैं। जिससे क्षेत्र के चार घाटों पर दिन रात पोकलैंड गरज रही हैं और मौरंग को नदी के बीचों बीच से निकालकर किनारे पर बड़े स्तर पर डंप किया जाता है.और बाद में बेचने के लिए ट्रकों पर लोड किया जाता है।

नदी की जलधारा हुई प्रभावित

बेतवा नदी के इन खंडो पर मौरंग माफिया खनन तो करते ही हैं साथ ही नदी की जलधारा को भी मौरंग निकालने के लिए मोड़ देते हैं। जेसेबी से मशीनों के द्वार नदी की धारा को घाटों के किनारे से दूर तक मोड़ दिया जाता है और फिर आराम से मौरंग निकालकर खनन हो रहा है।

अनजान बना खनिज विभाग

जब मौरंग घाट के पट्टों का आवंटन हुआ था तो खनिज विभाग की गाइड लाइन के अनुसार खनन करने की बात कही जाती है लेकिन जैसे ही पट्टा आवंटित होता है तो थैली की खनक के सहारे मनचाहे रूप से खनन किया जाता है और जिम्मेदार इस पर ध्यान नहीं देते हैं।

नजराना पेशगी से अधिकारी नहीं देते ध्यान

जब खनन मानकों के विपरीत खनन हो रहा है तो इसमें अधिकारियों को हर बात की जानकारी होती है लेकिन समय पर नजराना मिलने के कारण वह आंख, कान बंद किए हुए बैठे रहते हैं जिस कारण खनन माफिया दिन दोगुने और रात चौगुने फलते फूलते हैं।

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