Rinshul Chandra Zomato:भारत की अग्रणी फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (अब इटरनल लिमिटेड) में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला है। कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस के सीओओ रिंशुल चंद्रा ने 5 अप्रैल 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा कि यह कदम उन्होंने नए अवसरों और अपने जुनून को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया है।
रिंशुल चंद्रा (Rinshul Chandra) का यह कदम केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है, बल्कि यह कंपनी के भविष्य की दिशा और रणनीतियों में हो रहे परिवर्तन की ओर भी संकेत करता है। उन्होंने 7 अप्रैल से प्रभावी रूप से अपने पद को त्यागने की घोषणा की है।
बदलती कंपनी, बदलते मूल्य
हाल ही में जोमैटो ने अपनी मूल कंपनी का नाम बदलकर ‘इटरनल लिमिटेड‘ रख दिया है। इस नए नाम के साथ कंपनी ने अपने बिजनेस को चार वर्टिकल्स में बांट दिया है:
- फूड डिलीवरी यूनिट – Zomato
- क्विक कॉमर्स यूनिट – Blinkit
- गोइंग-आउट वर्टिकल – District
- B2B किराना सप्लाई – Hyperpure
इस ढांचे के तहत हर यूनिट का अपना सीईओ है और वे स्वतंत्र रूप से संचालन करते हैं, लेकिन एक छतरी के नीचे काम करते हैं जिसे अब ‘इटरनल लिमिटेड’ कहा जाता है।
इतिहास की झलक
जोमैटो की शुरुआत 2008 में Foogibay नाम से हुई थी, जिसे 2010 में बदलकर Zomato कर दिया गया। इसके बाद कंपनी ने तकनीकी इनोवेशन और रणनीतिक अधिग्रहणों के जरिये मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत की। 2022 में Blinkit (पहले Grofers) के अधिग्रहण के साथ ही जोमैटो ने आंतरिक रूप से खुद को ‘इटरनल’ कहना शुरू कर दिया था। अब 2025 में जाकर इस ब्रांडिंग को आधिकारिक रूप दे दिया गया है।
कर्मचारियों की छंटनी और AI का बढ़ता प्रभाव
एक और बड़ा बदलाव जोमैटो के कस्टमर सपोर्ट डिविजन में देखने को मिला है। कंपनी ने अपने एसोसिएट एक्सेलरेटर प्रोग्राम के तहत नियुक्त करीब 600 कर्मचारियों को एक साल के भीतर निकाल दिया। यह कदम AI के बढ़ते प्रयोग के कारण उठाया गया है, जहां मशीनें अब कई मानवीय कार्यों को संभालने में सक्षम हो गई हैं।
गुरुग्राम और हैदराबाद स्थित कर्मचारियों को इस छंटनी का सबसे अधिक असर झेलना पड़ा। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि Zomato अपनी सेवाओं को अधिक कुशल और लागत-कम करने वाले मॉडल की ओर ले जाना चाहती है।
Rinshul Chandra, रिंशुल चंद्रा का योगदान
रिंशुल चंद्रा (Rinshul Chandra )का जोमैटो में योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने न केवल फूड डिलीवरी ऑपरेशन्स को सुदृढ़ किया, बल्कि कंपनी की ब्रांड वैल्यू को भी बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कंपनी ने महामारी के दौरान अपनी सेवाओं को बनाए रखा और कई नई पहल शुरू कीं।
Rinshul Chandra Resigns Zomato दर्शाता है कि वे अब अपने करियर में नए आयाम तलाशने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, “मैंने नए अवसरों और जुनून को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है जो मेरे व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों से मेल खाते हैं।”
क्या है आगे की राह?
इटरनल लिमिटेड का नया संगठनात्मक ढांचा इस बात की ओर संकेत करता है कि कंपनी अब एक पारंपरिक फूड डिलीवरी कंपनी नहीं रही। वह एक multi-vertical consumer platform बनने की ओर अग्रसर है।
रिंशुल चंद्रा (Rinshul Chandra) जैसे अनुभवी कार्यकारी के जाने से कंपनी के सामने एक नेतृत्व की चुनौती जरूर खड़ी हुई है, लेकिन यह भी संभव है कि यह मौका कंपनी को नए प्रतिभाओं को उभारने और नए दृष्टिकोण अपनाने का अवसर दे।
बाजार की प्रतिक्रिया
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जोमैटो (अब इटरनल) के इस संगठनात्मक बदलाव और रRinshul Chandra इस्तीफे का कंपनी की ब्रांड इमेज पर तत्काल कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। बल्कि, यदि AI और ऑटोमेशन का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह बदलाव लंबी अवधि में फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
जोमैटो से इटरनल लिमिटेड की यात्रा केवल नाम का परिवर्तन नहीं, बल्कि एक बिजनेस फिलॉसफी का विस्तार है। रिंशुल चंद्रा(Rinshul Chandra) का इस्तीफा उस बदलाव की एक कड़ी है, जहां नई सोच, नई टेक्नोलॉजी और नए नेतृत्व के साथ कंपनी खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रही है।
जहां एक ओर AI का प्रयोग और संगठनात्मक पुनर्गठन कंपनी को तकनीकी रूप से मजबूत बना सकता है, वहीं दूसरी ओर इस प्रक्रिया में मानवीय संसाधनों की अनदेखी से कई सवाल भी उठते हैं।
फिलहाल, इटरनल लिमिटेड का यह संक्रमण काल देखना दिलचस्प होगा कि क्या कंपनी अपने इन बदलावों से भारत की टेक-संचालित कंज्यूमर कंपनियों में अग्रणी बने रहने में सफल होती है या नहीं।
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