अमरोहा, उत्तर प्रदेश, Amroha News | पत्रकारिता जगत को सूचना और समाज के बीच सेतु माना जाता है। लेकिन जब इस सेतु को ही एक के बाद एक झटके लगते हैं, तो पूरा समाज सन्न रह जाता है। कुछ ही महीनों के भीतर अमरोहा की पत्रकारिता जगत में ऐसी कई दुखद घटनाएं घटित हुईं, जिनकी वजह से शोक की गहरी लहर दौड़ गई। शहर के तमाम पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर नगर पालिका परिषद परिसर में आयोजित एक शोकसभा के माध्यम से दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।
Amroha: एक के बाद एक दुःखद घटनाएं, पत्रकारों और उनके परिजनों की असमय विदाई
अमरोहा(Amroha) के पत्रकारों के लिए यह साल पीड़ा और क्षति का प्रतीक बन गया है। वरिष्ठ पत्रकार मोमिनीन कुरैशी की धर्मपत्नी मायरा बेगम के निधन की खबर ने पत्रकारों को गहरा आघात पहुंचाया। वहीँ वरिष्ठ पत्रकार नवाब सिद्दीकी के बड़े भाई डॉ. वसीम सिद्दीकी, जो एक प्रख्यात चिकित्सक और समाजसेवी थे, उनके निधन ने भी सभी को शोक में डुबो दिया।
इस दुःख की लिस्ट यहीं नहीं रुकी। वरिष्ठ पत्रकार सतीश त्यागी, जिनका पत्रकारिता जगत में गहरा योगदान रहा है, उनका अचानक निधन भी इस दर्द को और बढ़ा गया। वहीं युवा और उत्साही पत्रकार गौरव श्रीमाली के बड़े भाई सुंदरलाल श्रीमाली के आकस्मिक निधन ने भी सभी को भावुक कर दिया। इन सभी अपूरणीय क्षतियों ने अमरोहा की मीडिया बिरादरी को अंदर से झकझोर दिया है।
नगर पालिका परिषद परिसर में हुआ शोकसभा का आयोजन : Amroha News
इन दुखद घटनाओं को लेकर रजिस्टर्ड प्रेस क्लब अमरोहा(Amroha) की ओर से नगर पालिका परिषद परिसर में एक शोकसभा आयोजित की गई, जहाँ पत्रकारों के साथ-साथ नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी और समाज के अन्य वर्गों के लोग भी मौजूद रहे। इस अवसर पर हर चेहरा भावुक था और हर आँख नम।
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी एवं उप आयुक्त डॉ. बृजेश कुमार ने कहा, “यह दुख शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता। पत्रकार समाज की आवाज होते हैं और उनके दुख में पूरा समाज शामिल होता है। हम इन कठिन क्षणों में पत्रकार साथियों के साथ खड़े हैं।” उनका यह वक्तव्य हर किसी के दिल को छू गया।
शहर के प्रमुख पत्रकार और अधिकारी रहे मौजूद
शोकसभा में रजिस्टर्ड प्रेस क्लब अमरोहा (Amroha) के अध्यक्ष विनीत कुमार अग्रवाल ने कहा, “हमने अपने साथी नहीं, अपने परिवार के सदस्य खोए हैं। यह खालीपन केवल पत्रकारिता नहीं, अपितु पूरे समाज के लिए क्षति है।” उन्होंने सभी दिवंगत आत्माओं की आत्मिक शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और उनके परिजनों को ढांढस बंधाया।
इस अवसर पर अमरोहा शहर के सभी प्रमुख पत्रकार, वरिष्ठ संपादक, रिपोर्टर, कैमरामैन, और समाचार एजेंसियों से जुड़े लोग उपस्थित रहे। साथ ही नगर पालिका के तमाम अधिकारी और कर्मचारी भी शोक प्रकट करने पहुंचे। सभी ने मौन धारण कर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी।
भावुक माहौल, श्रद्धांजलियों का सिलसिला
शोकसभा के दौरान हर वक्ता की आँखों में आंसू थे, और दिल में भारीपन। किसी ने अपने सहकर्मी को याद किया, तो किसी ने अपने बचपन के दोस्त को। सभी ने एक ही सुर में कहा – यह साल अमरोहा पत्रकारिता के लिए अत्यंत पीड़ादायक रहा है।
सभा के दौरान प्रार्थनाएं की गईं कि ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे और उनके परिजनों को इस अपार दुख को सहने की शक्ति दे। शोकसभा का माहौल अत्यंत भावुक था, जहाँ शब्द कम पड़ रहे थे और भावनाएं अपने आप बह रही थीं।
समाज और पत्रकारिता – एकजुटता का संदेश
इस शोकसभा ने यह भी सिद्ध किया कि पत्रकार केवल खबरों तक सीमित नहीं होते, बल्कि वे समाज का अभिन्न अंग होते हैं। जब पत्रकारों पर दुख आता है, तो समाज उनके साथ खड़ा होता है। यह एकजुटता अमरोहा के पत्रकारिता जगत की ताकत है।
नगरवासियों और अधिकारियों ने भी पत्रकारों को यह भरोसा दिलाया कि कठिन समय में वे अकेले नहीं हैं। पत्रकारिता को आगे बढ़ाने और दिवंगत आत्माओं के सपनों को जीवित रखने का संकल्प भी लिया गया।
अमरोहा Amroha News की पत्रकारिता ने इस वर्ष बहुत कुछ खोया है। पर इन नुकसानों के बीच जो एकजुटता, संवेदना और भाईचारा देखने को मिला, वह इस शहर की आत्मा को दर्शाता है। यह शोकसभा सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं थी, यह एक संदेश थी — कि जब कठिन समय आता है, तो अमरोहा पत्रकार भी एक परिवार की तरह एक-दूसरे का संबल बनते हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और उनके परिजन इस गहरे दुःख को सहने की शक्ति प्राप्त करें। अमरोहा की पत्रकारिता अपने इन खोए हुए सितारों को कभी नहीं भूलेगी।
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