Salman Khan का नाम हटाएं याचिका से
मुंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को अभिनेता Salman Khan के घर के बाहर गोलीबारी के मामले में एक आरोपी की हिरासत में मौत की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका में प्रतिवादी के रूप में उनका नाम हटाने का आदेश दिया। आरोपी अनुज थापन 1 मई को यहां अपराध शाखा के पुलिस लॉक-अप के शौचालय के अंदर मृत पाए गए थे।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और श्याम चांडक की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता रीता देवी, थापन की मां को याचिका से खान का नाम हटाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, उनका नाम हटाएं। 4 अप्रैल को, यहां बांद्रा इलाके में बॉलीवुड सुपरस्टार Salman Khan के आवास के बाहर मोटरसाइकिल सवार दो व्यक्तियों ने गोलीबारी की। कथित शूटर – विक्की गुप्ता और सागर पाल – को बाद में गुजरात से गिरफ्तार किया गया।
खान के आवास पर गोलीबारी करने के लिए शूटरों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में थापन को एक अन्य व्यक्ति के साथ 26 अप्रैल को पंजाब से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का दावा है कि थापन ने खुद को मार डाला, जबकि रीता देवी ने 3 मई को हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में गड़बड़ी का आरोप लगाया और दावा किया कि उसकी हत्या की गई।
अपनी याचिका में उन्होंने हाईकोर्ट से अपने बेटे की मौत की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश देने की मांग की। याचिका में कहा गया है कि थापन को हिरासत में पुलिस ने शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया । रीता देवी ने अपनी याचिका में Salman Khan को प्रतिवादी बनाया था। हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि याचिका में खान के खिलाफ कोई आरोप या राहत नहीं मांगी गई है और इसलिए अभिनेता को याचिका में शामिल रखने का कोई मतलब नहीं है।
पीठ ने कहा, “पीड़ित माने जाने वाले व्यक्ति को प्रतिवादी बनाने का क्या मतलब है? हमें कोई कारण नहीं दिखता की सलमान खान को प्रतिवादी बनाया जाये। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की चिंता उसके बेटे की मौत थी, लेकिन याचिका में खान को प्रतिवादी बनाने का कोई मतलब नहीं है। पीठ ने पूछा, “आप अपने बेटे की मौत से चिंतित हैं…जिस पर अदालत गौर करेगी…लेकिन Salman Khan को याचिका में शामिल करने का क्या मतलब है।
अदालत ने कहा, “यह बहुत दूर की बात है। उसके खिलाफ कोई राहत नहीं मांगी गई है और उसके खिलाफ कोई बयान या आरोप नहीं लगाया गया है।” याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि हालांकि वे अभिनेता के खिलाफ अपनी याचिका में कोई राहत नहीं मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें थापन की मौत के मामले में राज्य अपराध जांच विभाग द्वारा की जा रही जांच का हिस्सा होना चाहिए।
अदालत ने कहा कि यह सीआईडी को तय करना है। अदालत ने कहा कि खान को याचिका में प्रतिवादी बनाकर याचिकाकर्ता अपना ध्यान मुख्य मुद्दे के बजाय किसी और चीज पर केंद्रित कर रही है।अदालत ने कहा, “आपका ध्यान मुख्य मुद्दे पर होना चाहिए। ऐसा करके आप मूल मुद्दे से भटक रहे हैं, जो आपकी चिंता का विषय होना चाहिए। याचिकाकर्ता को नया समन जारी करेगा हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद तय की है।
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