-एशिया की सबसे बडी आईटी सिटी ग्रुरूग्राम हुआ बाढ ग्रस्त,खटटर सरकार है मस्त;-डा सुशील गुप्ता, सांसद आम आदमी पार्टी,
-बारिश में शहर और गांव जलमग्न, सोती रही सरकार; डा सुशील गुप्ता, सासंद।
-गुरूग्राम में करोडों के आफिस व मकान, बारिश के पानी से हुए बेहाल, यह है खटटर सरकार;-डा सुशील गुप्ता, सांसद
-प्रदेश के शहर, गांव व अपाटमेंट तक में लोग घरों में कैद हो गए है, खूली खटटर सरकार के प्रशासन की पोल खोल; डा सुशील गुप्ता सासंद,
नई दिल्ली : मानसून की बारिश से भले ही किसानों को बुआई और लोगों को गर्मी से राहत मिली गई हो मगर दूसरी तरफ हरियाणा में शहर से लेकर गांवों, अपाटमेंट तक बारिश के पानी से नंदियों वाला हाल हो गया है, जिसके कारण लोग अपने घरों में बंधक बनकर बैठे है। यह हाल मुख्यमंत्री के उस शहर का भी है, जिसको वह अपना सर्वाधिक प्रिय और कमाउं पुत्र कहे जाने वाले शहर गुरूग्राम का। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि वह गुड़गांव को स्मार्ट सिटी बनाएंगेl स्मार्ट सिटी तो कितना बना पता नहीं लेकिन मिलेनियम सिटी का बेड़ागर्क करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गईl
यह कहना है आम आदमी पार्टी के सांसद व पार्टी के सहप्रभारी डा सुशील गुप्ता का।
डा गुप्ता ने कहा कि गुरूग्राम के अलावा हरियाणा का कोई ऐसा भी शहर व गांव नहीं, जिसकी हालत एक बाढ ग्रस्त शहर जैसी ना हो। प्रदेश का आईटी शहर कहलाने वाले गुरूग्राम में लोगांे ने करोड रूपये देकर मकान और आफिस बनाए हुए है। लेकिन उनकी भी हालत बढागस्त शहर के रूप में हो गई है। रात से अधिकतर सेक्टरों में बिजली नहीं है घरों के अंदर पानी आ रहा है और सरकार सो रही हैl
उन्होंने कहा कि मार्केट ही नहीं,बल्कि अपाटमेंटों की पार्किंगं मंे भी बारिश का पानी 2 से 3 फीट तक भरा पडा है। जिस कारण महंगी कारों के भीतर पानी भर गया है। अपाटमेंट व सडक तक बारिश के पानी की निकासी का कोई इंतजाम नहीं है। पिछले साल से पूरे गुड़गांव में कई करोड़ रुपए खर्च के रेन वॉटर ड्रेन बनाई गई थी उनका कोई फायदा नहीं हुआl सरकार को ऑडिट करना चाहिए कि जितने करोड़ रुपए लगाए गए उससे शहर को एक पैसे का भी फायदा हुआ या नहींl बिना प्लानिंग ऑल स्टडी के केवल नालियां बनाने से शहर की पानी के रुकावट की समस्या खत्म नहीं होगी l गुप्ता ने कहा कि एक सप्ताह पूर्व ही मौसम की पहली बारिश ने भी हरियाणा सरकार के प्रशासन की पोल खोल कर रख दी थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया। अब हालत यह है कि लोग अपने घरों में बंधक बन कर बैठे हुए है। लोग बारिश से तो खुश दिखाई दिए, मगर अपने घरों तक पहुंचने में लगे कई घंटों के जाम से भी गुजरना पड रहा है। प्रदेश के हाईवे का तो बुरा ही हाल है,लोग अपनी गाडियों से 10 मिनट का रास्त 1-1 घंटे मे पूरा कर रहे है। दूसरा उनका यह डर भी सताने लगा है कि कहां सडक तो नहीं धंस जायेगी। ऐसी शिकायते भी सुनने में आ रही है, बाजारों का तो ऐसा हाल है कि उसके बारें में कहने के लिए शब्द ही नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह जनता के पैसों की बर्बादी को दर्शाता है। इससे एक बडे भ्रष्टृाचार की बू आ रही है। क्योंकि सरकार ने करोडो खर्च कर हाईवे तथा अन्य सडके बना डाली, मगर पानी निकासी का इंतजाम नहीं किया। यह पूरी तरह से सरकार की नाकामी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि बरसाती पानी की निकासी के लिए विभिन्न जिलों में 92 ड्रेन हैं और बरसाती पानी लिफ्ट करने के लिए करीब 104 डीजल व 109 बिजली के पंप हैं। लेकिन वह ना के बराबर ही काम कर रहें है। यह पैसो की बर्बादी नहीं तो और क्या है।
हरियाणा सहप्रभारी डा गुप्ता ने कहा कि बारिश पानी के निकासी का कार्य केवल और केवल कागजों में किया गया है,इसकी जांच की जानी चाहिए।