वन प्रभाग के विकास कार्यों में हुए फर्जीवाड़े का खुलेगा काला चिट्ठा, जांच कमेटी गठित-आंचलिक ख़बरें- अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

Aanchalik Khabre
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जांच कमेटी वन प्रभाग के पांचों रेंजो में कराए गए कार्यों का करेगी स्थलीय निरीक्षण

चित्रकूट। वन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित द्वारा किए गए फर्जी भुगतान व करोड़ों रुपए के गबन का पिटारा जल्द ही खुलने वाला है वन प्रभाग के पांचों रेंजों में विकास कार्यों में हुए फर्जीवाड़े का परत दर परत खुलासा होगा जिससे प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित सहित पांचों रेंजों के क्षेत्रीय वनाधिकारियों के फर्जीवाड़े की पोल खुलकर सामने आ जाएगी lवन प्रभाग चित्रकूट में प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित द्वारा वित्तीय वर्ष 2021/22 में बिना कार्य हुए ही करोड़ों रुपए का भुगतान अपने चहेते व्यक्तियों/फर्मों/ठेकेदारों के नाम पर करके करोड़ों रुपए का गबन किया गया था जिसकी शिकायतें मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष को प्राप्त होती रही है जिसको संज्ञान में लेते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष द्वारा चित्रकूट वन प्रभाग में हुए फर्जीवाड़े व गबन को लेकर जांच टीम गठित की गई है जिसमें जांच टीम द्वारा वन प्रभाग चित्रकूट के पांचों रेंजों में हुए फर्जीवाड़े का स्थलीय निरीक्षण करेगी और जांच रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजेगी lजांच टीम द्वारा वन प्रभाग चित्रकूट के रैपुरा रेंज,बरगढ रेंज, मारकुंडी रेंज, मानिकपुर रेंज व कर्वी रेंज में बौना नाली खोदाई, गोल गड्ढे खोदाई, सुरक्षा खाई, पौध भराई, पत्थर खखरी निर्माण, ड्राई चेकडैम निर्माण, बंधी निर्माण सहित वन क्षेत्रों में हुए अवैध खनन का स्थलीय निरीक्षण करेगी व अपनी जांच रिपोर्ट जल्द ही शासन को भेजेगी lवन प्रभाग चित्रकूट के पांचों रेंजों में विकास कार्यों के नाम पर हुए फर्जीवाड़े व करोड़ों रुपए के गबन की जांच बैठने से जिम्मेदार अधिकारियों के होश उडे हुए हैं जिसमें उन्हें यह डर सताने लगा है कि जांच रिपोर्ट द्वारा स्थलीय निरीक्षण करने के कारण भ्रष्टाचार के काले कारनामों का खुलासा हो जाएगा व जल्द ही शासन प्रशासन द्वारा उनके ऊपर शिकंजा कसने का काम किया जाएगा lवन प्रभाग चित्रकूट के पांचों रेंजों में सबसे ज्यादा चर्चित रेंज रैपुरा रहा है जहां पर प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित की सह पर क्षेत्रीय वनाधिकारी राधेश्याम दिवाकर व वन दरोगा जितेन्द्र प्रताप सिंह व कार्यालय में तैनात बाबू विजय मोहन उर्फ पिंटू द्वारा खूब मनमानी व फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी तरीके से बिना कराए गए कार्यों का भुगतान किया गया है व सरकारी धन का गबन किया गया है वहीं वन दरोगा जितेन्द्र प्रताप सिंह व बाबू विजय मोहन उर्फ पिंटू द्वारा अवैध खनन माफियाओं से मनमाने तरीके से वसूली की जाती रही है व वृक्षों का कटान कराकर मनमाने तरीके से बेंचने का काम किया गया है जिसकी जांच गठित कमेटी द्वारा की जाएगी व वन प्रभाग चित्रकूट में विकास कार्यों में नाम पर हुए फर्जीवाड़े की पोल खुलकर सामने आ जाएगी l

 

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