शामली: रामड़ा रोड पर गोवंश अवशेष मिलने से हड़कंप, हिंदूवादी संगठन ने जताया विरोध
शामली, उत्तर प्रदेश: जनपद शामली के रामड़ा रोड स्थित एक आडू के बाग में गोवंश अवशेष मिलने की सूचना से इलाके में हड़कंप मच गया। इस मामले की जानकारी हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी संघ को मिली, जिसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने अवशेषों को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है।
घटना की सूचना पर हड़कंप
मामले की जानकारी हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी संघ के जिला उपाध्यक्ष सागर कश्यप को मिली। सागर कश्यप, जो गांव मलकपुर के निवासी हैं, सूचना मिलते ही संगठन के अन्य कार्यकर्ताओं अनुज, विक्रम, आयुष और गौरव के साथ मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने देखा कि बाग में गोवंश अवशेष पड़े हुए हैं, तो तुरंत ही पुलिस को सूचित किया।
डायल-112 पर सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस हरकत में आई और मौके पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेंद्र सिंह रावत अपनी टीम के साथ पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और आसपास के लोगों से पूछताछ की। इस दौरान पुलिस ने बाग के ठेकेदार और खेतों में काम करने वाले मजदूरों से जानकारी ली कि वे इस बारे में कुछ जानते हैं या नहीं।
पशु चिकित्सकों की टीम ने की जांच
मौके पर पशु चिकित्सकों की टीम भी बुलाई गई, जिन्होंने बरामद अवशेषों के सैंपल लिए। प्रारंभिक जांच के आधार पर यह साफ हुआ कि ये अवशेष गोवंश के ही हैं। सैंपल जांच के लिए भेजे गए और स्थानीय प्रशासन के आदेश पर बरामद अवशेषों को गड्ढा खुदवाकर मिट्टी में दबवा दिया गया।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और हिंदूवादी संगठनों में आक्रोश फैल गया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की कि दोषियों की जल्द से जल्द पहचान की जाए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
हिंदू संगठनों में रोष, पुलिस पर दबाव
राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी संघ और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से अपील की कि गोवंश अवशेष मिलने की इस घटना को गंभीरता से लिया जाए और इसके पीछे कौन लोग हैं, इसका जल्द से जल्द खुलासा किया जाए।
हिंदूवादी संगठनों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। संगठन के सदस्यों का आरोप है कि इस तरह की घटनाओं से हिंदू समाज की भावनाएं आहत होती हैं और प्रशासन को इस पर कठोर कदम उठाने चाहिए।
इस पूरे मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक बिजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जल्द से जल्द दोषियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
रामड़ा रोड के आसपास रहने वाले स्थानीय लोग भी इस घटना से परेशान हैं। उनका कहना है कि ऐसी घटनाओं से समाज में तनाव बढ़ता है और प्रशासन को इसे रोकने के लिए विशेष निगरानी रखनी चाहिए। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि शामली क्षेत्र में पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन प्रशासन दोषियों को पकड़ने में असफल रहा है।
स्थानीय निवासी रामपाल सिंह का कहना है,
“यह बेहद दुखद घटना है। हम हिंदू समाज की भावनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि आगे से कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।”
इसी तरह, गांव के ही एक अन्य व्यक्ति संजय चौधरी ने कहा,
“पुलिस को इस मामले में पूरी गंभीरता से जांच करनी चाहिए। यह सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं बल्कि धार्मिक आस्था का भी प्रश्न है।”
पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच कई बिंदुओं पर की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गोवंश अवशेष यहां कैसे पहुंचे और इसके पीछे कौन लोग शामिल हो सकते हैं।
पुलिस का कहना है कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आए। इसके अलावा, पुलिस ने इलाके के कुछ संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी संघ ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि गौहत्या रोकने के लिए सरकार को और सख्त कानून लागू करने चाहिए। संगठन के जिला उपाध्यक्ष सागर कश्यप ने कहा,
“हम गौहत्या के खिलाफ कड़े कानून की मांग करते हैं। पुलिस को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। अगर जल्द न्याय नहीं मिला, तो हम बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।”
धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा, प्रशासन सतर्क
चूंकि यह मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। शामली के पुलिस अधीक्षक ने भी इस घटना को गंभीरता से लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
शामली के डीएम का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में गोवंश हत्या पर सख्त कानून हैं। अगर किसी व्यक्ति को गोहत्या या गोवंश से जुड़े अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम, 1955 के तहत राज्य में गाय और अन्य गोवंश की हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले को 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है।
स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों की मांग है कि इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि प्रशासन को अधिक सतर्क रहना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
रामड़ा रोड पर गोवंश अवशेष मिलने की घटना ने शामली जिले में हड़कंप मचा दिया है। हिंदूवादी संगठनों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है, जबकि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दे रहा है। पुलिस जांच में जुटी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में दोषियों की पहचान कर ली जाएगी। फिलहाल, पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।