Jhansi UP : झांसी पुलिस की बड़ी कार्रवाई: दो शातिर वाहन चोर गिरफ्तार, 9 बाइक, ट्रैक्टर और आपे बरामद

News Desk
8 Min Read
Screenshot 2025 03 28 165604

झांसी। अपराध और अपराधियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। एसएसपी सुधा सिंह के निर्देशन में झांसी पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। अपराध की दुनिया में सक्रिय वाहन चोरों पर शिकंजा कसते हुए देर रात स्वाट टीम और थाना प्रेमनगर पुलिस ने संयुक्त अभियान में बिजौली स्थित ग्रोथ सेंटर के जंगलों में छापेमारी कर दो कुख्यात अपराधियों को धर-दबोचा। इन अपराधियों के कब्जे से चोरी की नौ बाइक, एक ट्रैक्टर और एक आपे (छोटा कमर्शियल वाहन) बरामद किए गए हैं। यह सभी वाहन मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों से चुराए गए थे।

कैसे मिली अपराधियों के छिपे होने की सूचना?

प्रेमनगर थाना प्रभारी निरीक्षक सरिता मिश्रा और स्वाट टीम प्रभारी जितेंद्र सिंह तक्खर अपनी-अपनी टीमों के साथ रात्रि गश्त पर थे। अपराधियों की धरपकड़ के लिए विभिन्न संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जा रही थी। इसी दौरान पुलिस को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली। मुखबिर ने बताया कि दो शातिर अपराधी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में झांसी-ललितपुर राजमार्ग पर बिजौली ग्रोथ सेंटर के जंगलों में छिपे हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस टीम सतर्क हो गई और तुरंत योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाने का निर्णय लिया। पुलिस की दोनों टीमों ने बिजौली के जंगलों में घेराबंदी की और एक सटीक रणनीति के तहत अपराधियों को पकड़ने के लिए आगे बढ़ी। जैसे ही पुलिस ने घेरा डाला, दोनों बदमाश भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन पुलिस टीम की चुस्ती और मुस्तैदी के कारण वे अधिक दूर नहीं भाग सके और धर लिए गए।

पुलिस को क्या-क्या बरामद हुआ?

पकड़े गए अपराधियों की तलाशी के दौरान उनके पास से दो तमंचे और चार जिंदा कारतूस बरामद किए गए। इसके अलावा, उनके पास से एक बुलेट मोटरसाइकिल और कुल नौ दोपहिया वाहन बरामद किए गए। यह वाहन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से चोरी किए गए थे। इसके अलावा, एक चोरी का ट्रैक्टर और एक आपे भी पुलिस ने बरामद किया।

जब्त किए गए वाहनों की जानकारी एकत्र करने पर यह सामने आया कि इनमें से कुछ वाहन उन जिलों से चुराए गए थे जहां हाल ही में वाहन चोरी की कई घटनाएं सामने आई थीं। पुलिस अब इन वाहनों के वास्तविक मालिकों की पहचान करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।

अपराधियों की पहचान और उनकी करतूतें

पकड़े गए बदमाशों की पहचान मध्यप्रदेश के जिला शिवपुरी निवासी राकेश लोधी और हरिपत के रूप में हुई। पुलिस पूछताछ के दौरान दोनों ने कबूल किया कि वे लंबे समय से वाहन चोरी के कारोबार में लिप्त हैं। दोनों अपराधी मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बाइक और अन्य वाहन चोरी कर उन्हें पांच से सात हजार रुपये में बेच देते थे।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि इन अपराधियों का मध्यप्रदेश में बड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। इनके खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन हर बार ये बच निकलते थे। पुलिस अब इनके आपराधिक नेटवर्क को खंगालने में जुटी हुई है।

Screenshot 2025 03 28 165617

पूछताछ के दौरान बदमाशों ने वाहन चोरी की अपनी तरकीब का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे आमतौर पर सुनसान इलाकों में खड़ी गाड़ियों को निशाना बनाते थे। अधिकतर वे उन स्थानों को चुनते थे जहां लोग गाड़ियां पार्क कर कुछ समय के लिए चले जाते थे, जैसे कि बाजार, रेलवे स्टेशन, या फिर हाइवे किनारे ढाबे और होटल।

वाहन चोरी करने के बाद वे नंबर प्लेट बदल देते थे और कुछ मामूली बदलाव कर वाहनों को पहचान से बाहर कर देते थे। फिर इन वाहनों को सस्ते दामों में उन ग्राहकों को बेच देते थे जो बिना कागजात के सस्ते वाहन खरीदने के इच्छुक होते थे।

झांसी में बढ़ती वाहन चोरी और पुलिस की कार्यवाही

झांसी में पिछले कुछ महीनों में वाहन चोरी की घटनाओं में इजाफा हुआ था। कई लोगों ने अपनी गाड़ियां चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अपराधी बार-बार बचकर निकल जाते थे। इस गिरफ्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि वाहन चोरी के मामलों में कमी आएगी और चोरी के गिरोह का नेटवर्क उजागर होगा।

“अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। हमारी पुलिस टीम पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है। इस कार्रवाई से वाहन चोरी में शामिल अन्य अपराधियों को भी सख्त संदेश जाएगा।”

यह पहली बार नहीं है जब झांसी-ललितपुर राजमार्ग के जंगलों में अपराधियों की गिरफ्तारी हुई है। इस इलाके को कई बार अपराधियों की शरणस्थली के रूप में पहचाना गया है। सुनसान इलाका और घना जंगल अपराधियों को छिपने का मौका देता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,
“हमें इस पूरे इलाके में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जानी चाहिए और जंगलों में छिपे अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष ऑपरेशन चलाए जाने चाहिए।”

इस मामले के बाद पुलिस ने अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करने का फैसला किया है। अब झांसी पुलिस निम्नलिखित कदम उठाने जा रही है—

हाईवे पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी – झांसी-ललितपुर राजमार्ग और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाएगी।

सीसीटीवी निगरानी – संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे अपराधियों पर नजर रखी जा सके।

विशेष टीम का गठन – वाहन चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो लगातार संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेगी।

जनता को जागरूक किया जाएगा – वाहन मालिकों को सतर्क रहने और सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरूक किया जाएगा।

क्या यह गिरफ्तारी वाहन चोरी पर लगेगा लगाम?

झांसी में इस गिरफ्तारी को पुलिस की एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह कार्रवाई वाहन चोरी के मामलों में कमी लाने में मदद कर सकेगी या नहीं।

पुलिस को उम्मीद है कि इन अपराधियों से मिली जानकारी के आधार पर अन्य वाहन चोरों तक भी पहुंचा जा सकेगा। साथ ही, इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी से वाहन चोरी के अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है।

इस पूरी घटना से यह साफ होता है कि झांसी पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह तैयार है। अपराध और अपराधियों के खिलाफ यह कार्रवाई दर्शाती है कि कानून के शिकंजे से बचना आसान नहीं है।

बिजौली ग्रोथ सेंटर के जंगलों से शुरू हुई यह कहानी केवल दो अपराधियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झांसी पुलिस के बढ़ते प्रभाव और अपराध रोकने की उनकी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।

अब यह देखना होगा कि पुलिस इस सफलता को कितनी दूर तक ले जा पाती है और क्या आने वाले समय में झांसी में वाहन चोरी के मामले कम हो पाएंगे।

 

 

 

 

Share This Article
Leave a Comment