शासकीय Land अवैध रूप से कब्जा कर तेरा दुकानों का निर्माण किया जा रहा था
भितरवार। नगर भितरवार के वार्ड क्रमांक 4 पार्वती नदी पुल पास लखेश्वरी माता मंदिर रावत समाज उप समिति पार्वती नदी पुल हनुमान मंदिर के द्वारा घाटमपुर मौजे की शासकीय land पर अवैध रूप से कब्जा कर तेरा दुकानों का निर्माण किया जा रहा था जिसकी जानकारी लगने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पहुंचे प्रशासन के अमले ने हो रहे निर्माण कार्य को रुकवा कर समिति अध्यक्ष को उक्त Land के दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी है कि अब से अगर निर्माण बगैर दस्तावेजों की किया गया तो किए गए निर्माण को तोड़कर सामान की जप्ती के बात कही है।
बता दें की भितरवार के करेरा रोड पर्वती नदी पुल के समीप में रोड पर करोड़ों रुपए की शासकीय Land पड़ी हुई थी जहां पिछले 40 से 50 वर्ष पूर्व से लखेश्वरी मंदिर न्यास समिति रावत समाज की उप समिति द्वारा नदी पुल के समीप ही भव्य हनुमान मंदिर बनाया गया था तो वहीं खुले हुए Land को बाउंड्री वॉल कर दिया गया था।
शासकीय Land पर कब्ज़ा भारी पड़ सकता है आपके लिए
तो वहीं विधानसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता के बीच रावत समाज की उपसमती द्वारा उक्त बेस कीमती Land पर दुकानों का निर्माण कराया जा रहा था जिस पर आधे अधूरे निर्माण के दौरान प्रशासन द्वारा पूर्व में रोक लगा दी गई थी और समिति पर शासकीय Land पर अवैध रूप से किए जा रहे दुकानों के निर्माण को लेकर दो से ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।
लेकिन समिति के द्वारा उक्त Land के वैधता के संबंध में कोई दस्तावेज नहीं दिखाई तो वही लगाया गया जुर्माना भी नहीं भरा गया। तो साथ ही प्रशासन द्वारा लगाई गई रोक के बावजूद सोमवार को उपरोक्त घाटमपुर मौजा के शासकीय सर्वे नंबर 492 पर 13 दुकानों का पुनः निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था जिसकी जानकारी जैसे ही कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसडीएम देवकीनंदन सिंह को लगी तो उन्होंने तत्काल किए जा रहे निर्माण कार्य को रोकने के लिए नायब तहसीलदार राकेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में, पुलिस प्रशासन और राजस्व अमले के साथ नगरीय निकाय का अमला कार्यवाही करने के लिए टीम बनाकर भेजा गया जहां उक्त टीम द्वारा हो रहे निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रूकवाते हुए निर्माण उपयोग में लाने वाली सामग्री को हटाने की कार्रवाई की गई।
तो वही रावत समाज उप समिति के अध्यक्ष हरिवल्लभ सिंह रावत को पूर्व में लगाए गए जमाने को भरने और भूमि की वैधता के दस्तावेज दो दिवस के अंदर तहसील कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि अगर संबंधित Land के संबंधित कोई दस्तावेज अगर वैध नहीं पाया जाता है तो उक्त दुकानों को जप्त कर आगे की कार्यवाही वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से की जाएगी।
इस दौरान अमले में प्रमुख रूप से राजस्व, निरीक्षक सुरेश चंद्र नागर, पटवारी मनोज नरवरिया, निकाय अतिक्रमण प्रभारी विनोद वाल्मीकि के अलावा पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।
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