Bhagwat Puran की कथा श्री जयराम विद्यापीठ में सुनाई गई

News Desk
4 Min Read
Bhagwat Puran की कथा
Bhagwat Puran की कथा

Bhagwat Puran को आचार्य श्याम भाई ठाकर परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के साथ संतों ने किया  नमन

कुरुक्षेत्र। देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में गीता जयंती महोत्सव 2023 के अवसर पर श्री जयराम विद्यापीठ में Bhagwat Puran की कथा के अवसर पर तीसरे दिन व्यासपीठ से भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर ने कहा कि मानव के जीवन में दुखों का कारण स्वयं उसका अपना स्वभाव है और मानव को अपनी जीवन शैली व स्वभाव को सुधारने का कठिन कार्य करना है।

Bhagwat Puran की कथा
Bhagwat Puran की कथा

तीसरे दिन की कथा प्रारंभ से पूर्व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने संत महापुरुषों के साथ व्यासपीठ को नमन कर पूजन किया। कथा वाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर ने कहाकि कहा कि कोई भी कार्य बुद्धि व शक्ति के बगैर नहीं हो सकता है। बुद्धि और शक्ति ईश्वर की कृपा व आराधना के बगैर प्राप्त नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहाकि मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ ही परमात्मा का साक्षात्कार हो सकता है। हमारा मन शुद्ध होगा तभी परमात्मा की कृपा होगी। जहां भक्त है वहीं सिद्ध है। उन्होंने कथा में राजा परीक्षित के जीवन का वर्णन करते हुए धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला।

आचार्य ठाकर ने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है। इसलिए इस देह को उपयोग व्यर्थ कामों में ना करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित कर दें। कथा में बताया कि Bhagwat Puran कथा कर्म को महत्व देती है। सात्विक कर्मों से ही मुक्ति संभव है। कथा में संगीतमयी भजनों से श्रोता तथा श्रद्धालु झूम उठे।

आचार्य ठाकर ने Bhagwat Puran कथा में कहा कि मोक्ष प्राप्ति का द्वार ही मानव जीवन है

Jairam Katha 3

आचार्य ठाकर ने Bhagwat Puran कथा में कहा कि मोक्ष प्राप्ति का द्वार ही मानव जीवन है, जो हमें परमात्मा मिलन और सत्कर्म करने के लिए प्रभु देते हैं, मानव जीवन मिलने के बाद परमात्मा को मनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा, जब हम संसार की मोह -माया का त्याग कर प्रभु की शरण में जायेंगे।

इस अवसर पर तीसरे दिन की कथा के समापन पर व्यासपीठ पर Bhagwat Puran की आरती की गई। कथा में श्री जयराम शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष व सेवानिवृत्त आयुक्त टी के शर्मा, निदेशक एस.एन. गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, अश्विनी वालिया, राकेश ग़ोयल, प्रवीण ग़ोयल, के.के. कौशिक एडवोकेट, कुलवंत सैनी, टेक सिंह, पवन गर्ग, खरैती लाल सिंगला, राजेश सिंगला, ईश्वर गुप्ता, चंद्रभान कमोदा, जयपाल शर्मा, महिला मंडल की संगीता शर्मा व संतोष यादव, रणबीर भारद्वाज, आचार्य राजेश लेखवार, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।

 

अश्विनी वालिया, कुरुक्षेत्र

See Our Social Media Pages

YouTube:@Aanchalikkhabre

Facebook:@Aanchalikkhabre

Twitter:@Aanchalikkhabre

 

इसे भी पढ़ें – पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को दिया आध्यात्मिक ज्ञान : Bharat Bhushan

Share This Article
Leave a Comment