Test Movie Review : आर. माधवन का शानदार अभिनय, दमदार कहानी और ज़बरदस्त थ्रिल!

News Desk
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Test Movie Review : सिद्धार्थ और नयनतारा की ये फिल्म आपको हिला कर रख देगी – देखना ना भूलें!

क्रिकेट और सिनेमा, दोनों भारत में जुनून से कम नहीं। जब इन दोनों का मेल होता है, तो दर्शकों को एक अनोखा अनुभव मिलता है। निर्देशक एस शशिकांत की नई फिल्म ‘टेस्ट’ क्रिकेट की पृष्ठभूमि में बुनी गई एक दिलचस्प थ्रिलर है। इस फिल्म में भावनाओं, देशभक्ति, निजी संघर्षों और भ्रष्टाचार की परतों को खूबसूरती से दिखाया गया है। ‘फर्जी’, ‘गन्स एंड गुलाब्स’ और ‘फैमिली मैन’ जैसी चर्चित वेब सीरीज़ लिखने वाले सुमन कुमार ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट को दमदार बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। आइए, जानते हैं कि यह फिल्म दर्शकों के लिए कितनी रोमांचक है।

कहानी: क्रिकेट के मैदान से प्रयोगशाला तक

Test Movie : फिल्म की कहानी चेपक स्टेडियम में हो रहे एक टेस्ट मैच के इर्द-गिर्द घूमती है। अर्जुन (आर माधवन) भारतीय क्रिकेट टीम का एक बेहतरीन खिलाड़ी है, लेकिन अब उसका करियर ढलान पर है। टीम मैनेजमेंट उसे रिटायर करना चाहता है, जबकि अर्जुन अपनी आखिरी पारी को ऐतिहासिक बनाना चाहता है।

दूसरी ओर, कहानी में प्रवेश होता है सरवनन (सिद्धार्थ), जो एमआईटी (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से डबल डॉक्टरेट करने के बावजूद अपने देश भारत लौटता है। वह पानी से हाइड्रो फ्यूल बनाने की तकनीक विकसित करता है, जो पेट्रोल और डीजल का बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण उसे अपनी इस खोज को लागू करने के लिए पांच करोड़ रुपये की रिश्वत देनी पड़ती है।

Test Movie Review

सरवनन की पत्नी कुमुदा (नयनतारा) एक स्कूल टीचर है, जो अर्जुन के बेटे आदित्य को पढ़ाती है। दिलचस्प बात यह है कि कुमुदा के पिता कभी अर्जुन के कोच थे और कुमुदा खुद भी अर्जुन पर क्रश रखती थी। अब उसकी जिंदगी में दो अहम लोग हैं—उसका पति सरवनन, जो अपनी खोज को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है, और अर्जुन, जो अपनी आखिरी पारी खेल रहा है।

कहानी का ट्विस्ट: जब नायक विलेन बनता है

फिल्म की शुरुआत में ही एक दिलचस्प संदेश दिया जाता है:

हीरो वह है, जो दुनिया बचाने के लिए अपने करीबी की जान की परवाह नहीं करता।

विलेन वह है, जो अपने करीबी को बचाने के लिए दुनिया को तबाह कर सकता है।

यही परिभाषाएं फिल्म Test Movie  के मुख्य पात्रों पर लागू होती हैं। सरवनन को पांच करोड़ रुपये की जरूरत है—पचास लाख रुपये उसके कर्ज के लिए, पांच लाख रुपये पत्नी के IVF इलाज के लिए और बाकी भ्रष्ट अधिकारियों की रिश्वत चुकाने के लिए। जब वह पैसे जुटाने के लिए हताश होता है, तो उसे अपने ही सिद्धांतों से समझौता करना पड़ता है। एक आदर्शवादी वैज्ञानिक से एक मजबूर इंसान तक का उसका सफर फिल्म का सबसे भावनात्मक और रोचक हिस्सा है।

अभिनय: जब कलाकारों ने जान फूंक दी

आर माधवन (अर्जुन)

माधवन ने क्रिकेटर अर्जुन के रूप में अपने करियर की आखिरी पारी को जीवंत कर दिया है। उनका अभिनय बेहद प्रभावशाली है। खासकर जब वे अपने करियर और सम्मान के लिए संघर्ष करते हैं, तो उनकी आंखों की बेचैनी और संवादों की गहराई दर्शकों को झकझोर देती है।

सिद्धार्थ (सरवनन)

सिद्धार्थ ने वैज्ञानिक सरवनन के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। एक आदर्शवादी वैज्ञानिक से एक हताश व्यक्ति में बदलने की उनकी यात्रा को उन्होंने बहुत प्रभावी तरीके से निभाया है।

नयनतारा (कुमुदा)

नयनतारा फिल्म की आत्मा हैं। एक पत्नी, एक टीचर और एक पूर्व प्रेमिका के रूप में उनका किरदार बेहद सशक्त है। उनका अभिनय संवेदनशीलता और गंभीरता से भरा हुआ है। वह सिर्फ ग्लैमर के लिए नहीं, बल्कि पूरी कहानी को भावनात्मक गहराई देने के लिए फिल्म में मौजूद हैं।

तकनीकी पक्ष: सिनेमैटोग्राफी और निर्देशन

Test Movie के सिनेमैटोग्राफर विराज सिंह गोहिल ने बेहतरीन वाइड एंगल शॉट्स का उपयोग किया है, जिससे क्रिकेट स्टेडियम के दृश्य बेहद शानदार लगते हैं। अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं, तो यह फिल्म सिर्फ इसके शानदार फ्रेम्स की वजह से भी देखी जा सकती है।

निर्देशक एस शशिकांत, जो पहले ‘विक्रम वेधा’ जैसी शानदार तमिल फिल्म बना चुके हैं, इस बार निर्देशन में अपना हुनर दिखा रहे हैं। उन्होंने कहानी को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है, हालांकि फिल्म के दूसरे हिस्से को थोड़ा छोटा किया जा सकता था।

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर

फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी के उतार-चढ़ाव को बेहतरीन तरीके से दर्शाता है। हालांकि, कुछ जगहों पर यह थोड़ा अधिक मेलोड्रामेटिक लगता है। शक्तिश्री गोपालन के गाने अच्छे हैं, लेकिन बहुत यादगार नहीं कहे जा सकते।

कमजोर कड़ियां

कहानी का दूसरा हिस्सा थोड़ा लंबा लगता है – फिल्म की गति आधे हिस्से तक बहुत अच्छी रहती है, लेकिन उसके बाद थोड़ी धीमी हो जाती है।

कुछ तकनीकी गलतियां – क्रिकेट कमेंट्री, स्कोरबोर्ड और सबटाइटल्स में कुछ असमानताएं देखने को मिलती हैं।

संपादन बेहतर हो सकता था – कुछ दृश्यों को छोटा किया जा सकता था ताकि फिल्म अधिक कसी हुई लगे।

फाइनल वर्डिक्ट: देखनी चाहिए या नहीं?

टेस्ट’ सिर्फ एक क्रिकेट फिल्म नहीं है, बल्कि यह जिंदगी के संघर्षों, आदर्शों और नैतिकता के टकराव की कहानी भी है। माधवन, सिद्धार्थ और नयनतारा का अभिनय शानदार है, सिनेमैटोग्राफी बेहतरीन है, और कहानी में दमदार ट्विस्ट हैं। हालांकि, फिल्म थोड़ी लंबी लग सकती है और बैकग्राउंड म्यूजिक कुछ जगहों पर अधिक प्रभावी हो सकता था, लेकिन कुल मिलाकर यह एक शानदार फिल्म है।

Test Movie Review: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)

अगर आपको क्रिकेट, थ्रिलर और मजबूत परफॉर्मेंस वाली फिल्में पसंद हैं, तो ‘टेस्ट’ आपके लिए एक बेहतरीन अनुभव साबित हो सकती है।

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