J&K Bank Share Down | अचानक 4% गिरा ये शेयर! निवेशकों के लिए खतरे की घंटी या सुनहरा मौका?

News Desk
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J&K बैंक पर 8,130 करोड़ का GST नोटिस: निवेशकों के बीच मची हलचल!
GST डिमांड नोटिस 8130 करोड़ का, बैंक की मार्केट कैप 11,073 करोड़
J&K बैंक का इतिहास: 1938 में महाराजा हरि सिंह ने की थी स्थापना
J&K बैंक पर 8,130 करोड़ का GST नोटिस: असली वजह क्या है?
अचानक 4% गिरा ये शेयर! निवेशकों के लिए खतरे की घंटी या सुनहरा मौका?
1938 से लेकर अब तक का सफर: J&K बैंक के सामने सबसे बड़ी चुनौती

5 फरवरी 2025, सुबह का वक्त। शेयर बाजार में सामान्य हलचल थी। J&K बैंक का शेयर अपने पिछले बंद भाव 103.35 रुपये से हल्की बढ़त लेते हुए 103.75 रुपये पर खुला। निवेशकों के चेहरे पर संतोष झलक रहा था। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि कुछ ही घंटों में यह संतोष चिंता और घबराहट में बदल जाएगा।

सुबह 11 बजे एक खबर आई, जिसने बाजार को झकझोर कर रख दिया। अचानक J&K बैंक के शेयर में 4% की गिरावट आ गई और यह 100 रुपये के नीचे फिसल गया। कुछ ही देर में 82.68 रुपये के निचले स्तर तक पहुंचने की स्थिति बन गई।

शेयर पर लोअर सर्किट लगने का खतरा मंडराने लगा। हर निवेशक यही सवाल कर रहा था: “आखिर ऐसा क्या हुआ?”

GST डिमांड नोटिस का खुलासा

दरअसल, J&K बैंक को GST कमिश्नर, जम्मू की तरफ से 8,130 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया गया था। यह नोटिस बैंक के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और बकाया GST को लेकर था।

यह रकम बैंक की मौजूदा मार्केट कैप (11,073 करोड़ रुपये) के लगभग 73% के बराबर है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंक को इतनी बड़ी राशि चुकानी पड़ेगी, तो उसकी वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

यह खबर सामने आते ही निवेशकों में घबराहट फैल गई। बैंक के शेयर **तेजी से गिरने लगे।

हाल ही में लगा RBI का जुर्माना
यह नोटिस ऐसे वक्त में आया, जब कुछ दिन पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने KYC नियमों के उल्लंघन पर जम्मू एंड कश्मीर बैंक पर 3.31 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना बैंक की KYC प्रक्रियाओं में लापरवाही और ग्राहकों के दस्तावेजों की ठीक से जांच न करने को लेकर था।

इस खबर ने पहले ही बाजार में हलचल मचा रखी थी, और अब GST डिमांड नोटिस ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

J&K बैंक: एक क्षेत्रीय बैंक से राष्ट्रीय पहचान तक

जम्मू एंड कश्मीर बैंक (J&K Bank) की स्थापना 1 अक्टूबर 1938 को महाराजा हरि सिंह ने की थी। यह भारत का पहला राज्य द्वारा प्रवर्तित बैंक था। बैंक का मुख्यालय श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में स्थित है। बैंक की 1,012 शाखाएं और 1,423 एटीएम हैं, जिनमें से अधिकांश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थित हैं। यह बैंक MSME सेक्टर, खुदरा ऋण और कृषि क्षेत्र में कर्ज देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जम्मू और कश्मीर सरकार के पास बैंक की बड़ी हिस्सेदारी (51%) है, जिससे इसे एक सरकारी कंपनी की तरह भी देखा जाता है। हालांकि, तकनीकी रूप से यह एक प्राइवेट सेक्टर बैंक है।

GST नोटिस: क्या हो सकते हैं इसके कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी GST डिमांड शायद रिपोर्टिंग की त्रुटि, टैक्स देनदारी की गलत गणना, या अनजाने में हुई वित्तीय गड़बड़ी के कारण हो सकती है।

1. तकनीकी गड़बड़ी: बैंक ने कुछ लेनदेन को सही तरीके से नहीं दिखाया होगा।
2. जीएसटी क्रेडिट का गलत दावा: बैंक ने अपने लेनदेन पर गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया होगा।
3. वित्तीय ऑडिट: यह नोटिस नियमित वित्तीय ऑडिट के दौरान पाई गई किसी गलती का नतीजा हो सकता है।

अगर यह नोटिस सही पाया गया, तो बैंक को इसे चुकाना होगा, जिससे उसकी लिक्विडिटी पर दबाव बढ़ सकता है।

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बाजार में निवेशकों की प्रतिक्रिया
इस खबर के बाद निवेशकों में घबराहट फैल गई।
बैंक के शेयर में तेजी से बिकवाली शुरू हो गई। कई निवेशकों ने शेयर बेचकर नुकसान से बचने की कोशिश की।

एक हफ्ते में शेयर 7% बढ़ा था। लेकिन एक साल में यह 30% गिर चुका है। तीन साल के परफॉर्मेंस को देखें तो इसने 150% की वृद्धि की है।
इसके बावजूद, कुछ लंबी अवधि के निवेशकों ने इसे खरीदारी का अवसर माना। विदेशी निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी भी सितंबर 2024 के 6.47% से बढ़कर दिसंबर 2024 में 7.07% हो गई है।

क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को इस समय घबराने की बजाय धैर्य रखना चाहिए।

1. GST नोटिस की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
2. बैंक इसे चुनौती दे सकता है और समाधान की प्रक्रिया जारी है।
3. अगर यह नोटिस किसी तकनीकी त्रुटि की वजह से है, तो इसे जल्दी ही हल किया जा सकता है।

क्या करें निवेशक?
1. अल्पकालिक निवेशक इस समय सतर्क रहें।
2. दीर्घकालिक निवेशक इसे अवसर के रूप में देख सकते हैं।
3. GST नोटिस की आधिकारिक स्थिति पर नजर बनाए रखें।

सरकार की रणनीति और बैंक का भविष्य
हाल ही में सरकार ने J&K बैंक के संचालन में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें
1. डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार।
2. कर्ज वसूली की प्रक्रिया में तेजी।
3. क्षेत्रीय विस्तार की योजना।

अगर ये सुधार सफल होते हैं, तो J&K बैंक आने वाले वर्षों में स्थिरता और लाभप्रदता की नई ऊंचाइयों को छू सकता है।

क्या यह संकट स्थायी है?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकट स्थायी नहीं है।
अगर बैंक सही दस्तावेज और आंकड़े पेश कर सका, तो GST नोटिस की राशि कम या रद्द भी हो सकती है।

डिस्क्लेमर:
यह वीडियो सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। इसमें दी गई सलाहें और विचार व्यक्तिगत राय पर आधारित हैं। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श लें।

 

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