झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर इलाज के दौरान युवक की मौत-आँचलिक ख़बरें-राजेश गुप्ता

News Desk
By News Desk
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उत्तर प्रदेश के एटा शहर के, निधौलीकलां रोड स्थिति एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक पर इलाज के दौरान, युवक की मौत हो गई, इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा, शव को सड़क पर रखकर एटा-जलेसर रोड जाम कर दिया, इतना ही नहीं आक्रोशित मृतक के परिवारी जन व ग्रामीणों ने हंगामे के बीच पथराव भी कर दिया, इस दौरान आक्रोशित लोगों को समझाने गए एसडीएम सदर शिवकुमार सिंह बुरी तरह जख़्मी हो गए, यह पूरा मामला सोमवार की देर रात्रि का है।

एटा जिले की कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव बारथर निवासी बालिस्टर सिंह ने बताया के उसके भाई अरविंद (२५ वर्ष ) को 7 फरवरी की देर रात्रि को शरीर पर खुजली की समस्या हुई,इस पर उसी समय निधौली रोड स्थित एक क्लीनिक पर ले आए,यहां चिकित्सक ने एक इंजेक्शन लगा दिया,जिसके बाद अवनीश अचेत होकर गिर पड़ा, उसे मेडिकल कॉलेज ले गए,जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, शव को लेकर वापस क्लीनिक पहुंचे तब तक झोलाछाप ताले लगाकर भाग चुका था,इसके बाद आक्रोशित लोगों ने शव को निधौली रोड पर ही रख दिया,सड़क पर ही बाइक आदि खड़ी कर दीं और बल्ली लगाकर रात्रि के समय यातायात जाम कर दिया,आक्रोशित लोग हाथों में डंडे लेकर हंगामा करने लगे,सूचना मिलने पर एसडीएम सदर शिवकुमार सिंह,सीओ सिटी कालू सिंह कोतवाली नगर और कोतवाली देहात के पुलिसबल के साथ वहां पहुंचे,जहां उन्होंने परिजनों को समझाने की बहुत कोशिश की,कहा कि तहरीर लिखकर दो, मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी,लेकिन आक्रोशित लोग पहले आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए,इसी बीच भीड़ से पथराव शुरू हो गया,जिसमें से एक पत्थर एसडीएम शिवकुमार सिंह की आंख के पास चेहरे पर जा लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए,उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेज ले जाया गया,वहीं अब बलवाईयो पर भी कार्यवाही की बात कही जा रही है।

वहीं इस मामले में एसडीएम सदर शिवकुमार सिंह ने बताया कि हमें सूचना मिली कि निधौलीकलां रोड पर कुछ लोग डेड बॉडी रखकर जाम लगा रहे हैं,वहां जाकर लोगों को समझाया क्लीनिक भी सील करा दिया था, मगर तबतक हंगामा काट रहे लोगों ने पथराव कर दिया जिसमें से एक पत्थर मुझे भी लग गया।

वही इस मामले सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि मामले की जांच कराएंगे कि क्लीनिक पर कौन चिकित्सक इलाज कर रहा था,यदि अपंजीकृत और अवैध रूप से इलाज किया जा रहा था तो क्लीनिक को सील कराया जाएगा।

 

 

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