Vice President श्री जगदीप धनखड़ ने CM श्री मनोहर लाल के व्यक्तित्व की सराहना करते हुए उन्हें गीता का सच्चा अनुयायी बताया
कुरुक्षेत्र 17 दिसंबर भारत के Vice President श्री जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के व्यक्तित्व की सराहना करते हुए उन्हें गीता का सच्चा अनुयायी बताया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर इनकी पहचान लोगों के लिए मनोहर है तो वहीं ये पारदर्शिता, सुचिता व उत्तरदायित्वता के लिए जाने जाते हैं। श्री मनोहर लाल ने गीता के संदेश को जमीनी स्तर पर सार्थक बनाया है, जब गांव के बच्चे को बिना पैसे के नौकरी का पत्र दिया है।
Vice President आज अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। श्री जगदीप धनखड़ ने अपनी पत्नी डॉ सुदेश धनखड़, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ संगोष्ठी का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।
Vice President श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब-जब मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुझे हरियाणा आने का निमंत्रण देते हैं, तो यहां आकर मुझे हर बार नया अनुभव व ऊर्जा मिलती है। इस बार तो कुरुक्षेत्र की धरा पर आने का सौभाग्य मिला है।
उन्होंने कहा कि जब वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में गीता जयंती कार्यक्रम में आये थे, तो उन्होंने मुख्यमंत्री को गीता के संदेश को देश-?विदेश में पहुंचाने का विजऩ दिया था और श्री मनोहर लाल वर्ष 2016 से लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव मना रहे हैं। इस बार के अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पार्टनर स्टेट असम है, जिससे उत्तरी-पूर्वी राज्यों में गीता का संदेश पहुंचेगा।
श्री धनखड़ ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार को गीता गर्वेंनेंस कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। प्रधानमंत्री गीता में दिए गए संदेश को अपनाते हुए कभी पथ भ्रष्ट नहीं होते और सदैव कर्तव्य करते रहते हैं।
गीता में फल प्राप्ति की इच्छा किए बिना कर्म के सिद्धांत पर चलने को कहा गया है। आज भारत तकनीक के क्षेत्र में बहुत आगे बढ़ गया है, पहले विदेशों से तकनीक खरीदनी पड़ती थी। आज के भारत की विकास यात्रा एक बहुत बड़ा महायज्ञ है, जिसमें हर भारतीय को अपनी आहुति देनी है। हर नागरिक को आज यह संकल्प लेना चाहिए कि मेरे लिए देश सबसे पहले है। उन्होंने कहा कि यह अमृतकाल देश का गौरवकाल है और 2047 तक हमें भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
गीता केवल एक पुस्तक या ग्रंथ नहीं है, जीवन का सार है, गीता सार्वभौमिक व सार्वकालिक – मुख्यमंत्री मनोहर लाल
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने Vice President श्री जगदीप धनखड़ का स्वागत करते हुए कहा कि आज बहुत ही प्रसन्नता का विषय है, जब हम लगातार आठवीं बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठियों के माध्यम से गीता का संदेश देश दुनिया में जाएगा।
उन्होंने कहा कि गीता केवल एक पुस्तक या ग्रंथ मात्र नहीं है, बल्कि जीवन का सार है। गीता सार्वभौमिक व सार्वकालिक और आज भी गीता की सार्थकता उतनी ही है, जितनी उस समय थी।
विश्व को सुखी बनाने के लिए, शांति के रास्ते पर ले जाने के लिए गीता का संदेश आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब आपसी समझ देशों में बनेगी तो विश्व एक इकाई के रूप में शांति की ओर आगे बढ़ेगा, इसके लिए गीता से कोई बड़ा साधन नहीं है। गीता के माध्यम से हम दुनिया को दिशा दे सकते हैं।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सराहना के पात्र हैं, जिन्होंने रूस और यूक्रेन के युद्ध के समय संवाद का एक ऐसा दृष्टिकोण सामने रखा और रूस के राष्ट्रपति से बात की और कहा कि इसका समाधान लड़ाई लडऩे से नहीं निकलेगा, बल्कि विवादों का समाधान आपसी बातचीत व परस्पर संवाद करने से ही निकलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्री राम की तरह आचरण है और कर्तव्य और कर्म के बारे में श्री कृष्ण के पदचिह्नों पर चल रहे हैं।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बनेगा अंग्रेजी एवं विदेशी भाषाओं का रिजनल केंद्र
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के दर्जनभर देश ऐसे हैं जो हमें अपने यहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन करने का निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के एक विश्वविद्यालय ने अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा के रीजनल सेंटर बनाने की बात कही है, जिसके लिए हमने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का प्रस्ताव दिया है।
विश्व की भाषाओं का एक केंद्र यहां खुलेगा और विश्वविद्यालय में गीता का भी केंद्र है, जिसके माध्यम से हम दुनिया के बहुत देशों को एक प्लैटफॉर्म पर जोडक़र गीता के संदेश को दुनिया में पहुंचा सकते हैं। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया।
Vice President व अन्य अतिथियों ने स्मारिका का भी विमोचन किया, जिसमें 448 शोधपत्र संकलित किए गए। इस मौके पर असम के सांस्कृतिक राज्य मंत्री श्री बिमल बोरा, सांसद श्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा के राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह, असम के मुख्य सचिव श्री पवन कुमार बोरठाकुर, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
अश्विनी वालिया, कुरुक्षेत्र
See Our Social Media Pages
YouTube:@Aanchalikkhabre
Facebook:@Aanchalikkhabre
Twitter:@Aanchalikkhabre
इसे भी पढ़ें – Festival के रंग में रंग कर मदमस्त होकर नाचे कलाकार