Human Rights Day 2024 : हर साल 10 दिसंबर को दुनिया भर के लोग मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) मनाते हैं। यह 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) को अपनाने की याद दिलाता है। यह कथन जो हर व्यक्ति को चाहे उसकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो मौलिक अधिकारों का वर्णन करता है विश्व इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। UDHR के अनुसार हर व्यक्ति को मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त है चाहे उसकी राष्ट्रीयता, लिंग, जातीयता, धर्म या कोई अन्य विशेषता कुछ भी हो।
इसका मुख्य लक्ष्य हमारे दैनिक जीवन पर मानवाधिकारों के प्रभाव को स्वीकार करना है। यह झूठ, कट्टरता और गलत सूचनाओं के खिलाफ़ आवाज़ उठाने की याद दिलाता है। संयुक्त राष्ट्र इस बात पर ज़ोर देता है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आंदोलन को फिर से पुनर्जीवित करने समय आ गया है ।
मानवाधिकार दिवस का इतिहास क्या है? History of Human Rights Day
1950 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव पारित किया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 10 दिसंबर 1948 को यूडीएचआर को अपनाने के उपलक्ष्य में इस तिथि का चयन किया गया था जिसका उद्देश्य मानवीय गरिमा को बनाए रखना और आगे होने वाले अत्याचारों को रोकना था। स्थापना के बाद से यह हर साल मानवाधिकार दिवस को अन्याय, असमानता और भेदभाव सहित मानवाधिकारों के लिए निरंतर संघर्षों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। 530 से अधिक भाषाओं में अनुवाद के साथ यूडीएचआर ने विश्व भर में सर्वाधिक अनुवादित दस्तावेज़ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
मानवाधिकार दिवस का महत्व Importance of Human Rights Day
यूडीएचआर का निर्माण द्वितीय विश्व युद्ध के दुखद नतीजों के परिणामस्वरूप हुआ था जिसने यह स्पष्ट कर दिया था कि मौलिक मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता की तत्काल आवश्यकता है। यह आशावाद का प्रतीक बन गया जिसने प्रदर्शित किया कि हर किसी को हर जगह मानवाधिकारों मिलने चाहिए।
मानवाधिकार दिवस समारोह 2024
मानवाधिकार दिवस दुनिया भर में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है जिसमें वेबिनार, सेमिनार और प्रभावशाली लोगों द्वारा इसके महत्व को उजागर करने के लिए भाषण शामिल हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), भारत इस दिन को मनाने के लिए नई दिल्ली के विज्ञान भवन में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करेगा। इस वर्ष के कार्यक्रमों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।
शीर्ष अधिकारियों, वैधानिक आयोगों, नागरिक समाज, शिक्षाविदों, गैर सरकारी संगठनों और मानवाधिकार रक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे जिनमें एनएचआरसी भारत की अध्यक्ष विजया भारती सयानी, महासचिव भरत लाल और अन्य उपस्थित रहे ।
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