वित्त विधेयक 2025: करदाताओं को बड़ी राहत, नए कर सुधारों का ऐलान
लोकसभा में पारित वित्त विधेयक 2025, मध्यम वर्ग और व्यवसायों को मिलेगी राहत
वित्त विधेयक 2025 लोकसभा में पारित, करदाताओं को मिलेगी बड़ी राहत!
मध्यम वर्ग और व्यवसायों के लिए खुशखबरी, कर सुधारों का ऐलान
सीमा शुल्क में बदलाव से महंगाई पर नियंत्रण, निर्यात को मिलेगी गति
नया आयकर विधेयक मानसून सत्र में पेश होगा, कर प्रणाली होगी और सरल
एक लाख करोड़ के राजस्व नुकसान के बावजूद आयकर संग्रह में 13.14% वृद्धि का अनुमान
ऑनलाइन विज्ञापनों पर समानीकरण शुल्क होगा समाप्त, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
नए कर सुधारों से स्टार्टअप्स और MSMEs को मिलेगी राहत
विपक्ष ने वित्त विधेयक पर उठाए सवाल, सरकार ने दिया करारा जवाब
वित्त विधेयक 2025 लोकसभा में पारित
मंगलवार को लोकसभा ने वित्त विधेयक 2025 को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया। इस विधेयक को पारित करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे करदाताओं के लिए अभूतपूर्व राहत देने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक मध्यम वर्ग और छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा।
वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार की प्राथमिकता कर प्रणाली को सरल बनाना और आम नागरिकों को राहत पहुंचाना है। इस विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो करदाताओं के हित में हैं।
कर सुधारों की बड़ी घोषणा
लोकसभा में चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कर सुधारों को लेकर बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला समानीकरण शुल्क समाप्त किया जाएगा। यह निर्णय डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
सीतारमण ने यह भी बताया कि सरकार ने एक लाख करोड़ रुपये के संभावित राजस्व नुकसान के बावजूद 2025-26 के लिए व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 13.14% की वृद्धि का यथार्थवादी अनुमान लगाया है। यह वृद्धि कर नीति में सुधार और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक रुझानों के कारण संभव होगी।
सीमा शुल्क में बदलाव से महंगाई पर नियंत्रण
वित्त मंत्री ने बताया कि सीमा शुल्क में तर्कसंगत बदलाव किए जाएंगे, जिससे देश में विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और निर्यात में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इन सुधारों से आम जनता को महंगाई से राहत मिलेगी।
सीमा शुल्क में बदलाव का उद्देश्य घरेलू उद्योगों को समर्थन देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा।
नए आयकर विधेयक पर होगी संसद में विस्तृत चर्चा
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार नए आयकर विधेयक पर संसद के आगामी मानसून सत्र में विस्तृत चर्चा करेगी। लोकसभा में वित्त विधेयक 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नया आयकर विधेयक वर्तमान में प्रवर समिति द्वारा जांचा जा रहा है।
प्रवर समिति को संसद के अगले सत्र के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। सीतारमण ने कहा, ”हम इसे मानसून सत्र में लाएंगे।” संसद का मानसून सत्र आमतौर पर जुलाई में शुरू होकर अगस्त तक चलता है।
नए आयकर विधेयक में क्या होगा खास?
नया आयकर विधेयक, जो 1961 के आयकर अधिनियम का एक सरलीकृत संस्करण है, कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाने का प्रयास करता है। सरकार का मानना है कि इस विधेयक के लागू होने से करदाताओं को अधिक स्पष्टता मिलेगी और मुकदमेबाजी की गुंजाइश कम होगी।
आयकर विभाग के अनुसार, नए विधेयक में:
शब्दों की संख्या 2.6 लाख होगी, जो वर्तमान आयकर अधिनियम (5.12 लाख शब्द) से लगभग आधी है।
धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 की गई है।
अध्यायों की संख्या भी 47 से घटाकर 23 कर दी गई है।
नए विधेयक में 57 तालिकाएं होंगी, जबकि मौजूदा अधिनियम में केवल 18 तालिकाएं हैं।
लगभग 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं।
इन बदलावों का उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना और करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाना है।
सरकार की कर नीति: मध्यम वर्ग और व्यवसायों को राहत
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि सरकार की कर नीति का मुख्य उद्देश्य करदाताओं को अधिकतम राहत प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि वित्त विधेयक 2025 के जरिए सरकार ने मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सरकार द्वारा घोषित कर सुधारों के तहत:
छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए कर छूट बढ़ाई जाएगी।
नई स्टार्टअप्स को टैक्स में रियायत दी जाएगी।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर लाभ को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा।
इन उपायों से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आम नागरिकों को कर राहत का लाभ मिलेगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सरकार का जवाब
विपक्षी दलों ने वित्त विधेयक 2025 पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए। कुछ नेताओं ने कहा कि सरकार को आम जनता के लिए अधिक कर राहत प्रदान करनी चाहिए।
इस पर वित्त मंत्री ने जवाब दिया कि सरकार न केवल कर राहत दे रही है, बल्कि रोजगार सृजन और महंगाई नियंत्रण के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना और जनता के हितों की रक्षा करना है।
क्या यह बजट ऐतिहासिक साबित होगा?
वित्त विधेयक 2025 को कर प्रणाली में बड़े बदलावों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस विधेयक से करदाताओं को कई प्रकार की राहत मिलेगी और कर प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि क्या यह विधेयक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक साबित होगा? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार इसे सही तरीके से लागू करती है, तो यह मध्यम वर्ग और व्यवसायों के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
वित्त विधेयक 2025 से क्या उम्मीदें?
वित्त विधेयक 2025 भारतीय कर प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। यह विधेयक मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को राहत प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कर प्रणाली को अधिक सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।
व्यक्तिगत आयकर संग्रह में वृद्धि के बावजूद करदाताओं को राहत मिलेगी।
सीमा शुल्क में सुधार से महंगाई पर नियंत्रण रहेगा।
नया आयकर विधेयक कर अनुपालन को आसान बनाएगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संसद के मानसून सत्र में इस विधेयक को किस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है और यह भविष्य में करदाताओं के लिए कितना फायदेमंद साबित होता है।
क्या वित्त विधेयक 2025 करदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरेगा? यह आने वाले समय में साफ होगा!