Indian National Lok Dal: पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा इनेलो में हुए शामिल

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Indian National Lok Dal: पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा इनेलो में हुए शामिल
Indian National Lok Dal चंडीगढ़: 20 मार्च। पूर्व में सीपीएस रहे रामपाल माजरा ने बुधवार को Indian National Lok Dal के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के नेतृत्व में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

Indian National Lok Dal सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला ने रामपाल माजरा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष

अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ स्थित Indian National Lok Dal मुख्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए रामपाल माजरा को इनेलो का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब इनेलो पार्टी की स्थापना की गई थी तब से ही रामपाल माजरा ने जननायक चौधरी देवीलाल और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के साथ मिलकर पूरी लगन और निष्ठा से पार्टी को मजबूत करने का काम किया।
Indian National Lok Dal: पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा इनेलो में हुए शामिल
Indian National Lok Dal पत्रकार वार्ता
Indian National Lok Dal के प्रति रामपाल माजरा का हमेशा लगाव रहा है। रामपाल माजरा कुछ समय के लिए निष्क्रिय हुए थे लेकिन अब फिर से पार्टी को मजबूत करने के लिए इनेलो के साथ आए हैं। पार्टी के सारे कार्यकर्ताओं की और Indian National Lok Dal सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला की यह इच्छा थी पार्टी की कमान रामपाल माजरा को सौंपी जाए। आज से हम सभी इनके नेतृत्व में काम करेंगे।

नायब सैनी को CM बनने का नहीं हो रहा विश्वास: अभय सिंह चौटाला

भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री बदलने पर अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि वो 14 फसलें एमएसपी पर खरीद कर रहे हैं। उनके दावों के उलट आज किसानों को सरसों की फसल बेचने पर एमएसपी से 700-750 रुपए कम मिल रहे हैं। सबसे पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी को किसानों की सरसों की फसल एमएसपी पर खरीदनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नए मंत्रिमंडल से लोगों के साथ-साथ अनिल विज और भाजपा विधायकों एवं निर्दलीय विधायकों में बड़ी नाराजगी है। अनिल विज को तो अब तक पार्टी छोड़ देनी चाहिए थी।
उनको देखकर लगता है कि वो एक भी दिन इस सरकार को बर्दाश्त नहीं करना चाहते। मुख्यमंत्री को पहले दिन ही कहना चाहिए था कि वो कानून व्यवस्था को लेकर काम करेंगे। नायब सैनी को विश्वास ही नहीं हो रहा है की वो मुख्यमंत्री बन गए हैं और वो पूर्व मुख्यमंत्री को अभी भी मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर रहे हैं। आप के प्रत्याशी सुशील गुप्ता द्वारा अभय सिंह को बाहरी प्रत्याशी बताने के बयान पर पलटवार करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि छाज तो बोले, छलनी भी बोल रही है।

सुशील गुप्ता की जमानत जब्त होगी और वो जैसे आए हैं वैसे ही चले जाएंगे

सुशील गुप्ता जब कारोबार करने के लिए दिल्ली गए तो फिर कभी वापस नहीं आए। गुप्ता तो राज्यसभा के सदस्य भी दिल्ली से रहे हैं। मैंने और मेरे बेटे अर्जुन ने पहले भी कुरुक्षेत्र लोकसभा का चुनाव लड़ा है। हरियाणा देवीलाल का लगाया हुआ पौधा है हम प्रदेश के किसी भी हिस्से से चुनाव लड़ सकते हैं। सुशील गुप्ता की जमानत जब्त होगी और वो जैसे आए हैं वैसे ही चले जाएंगे। हम सभी 10 सीटों पर लोकसभा चुनाव लडेंग़े।

परिवार में कुछ मतभेद हो जाते हैं लेकिन मै कभी इनेलो पार्टी से दूर नहीं : रामपाल माजरा

Indian National Lok Dal प्रदेश अध्यक्ष की नई जिम्मेदारी मिलने पर रामपाल माजरा ने कहा कि परिवार में कुछ मतभेद हो जाते हैं लेकिन वे कभी भी Indian National Lok Dal पार्टी से दूर नहीं हुए। वे चौ. देवीलाल के न्याय युद्ध और राजीव लोंगेवाला समझौते के खिलाफ भी शामिल रहे हैं। चौधरी देवीलाल 1982 में बहुमत लेकर आए लेकिन उनकी सरकार नहीं बनने दी गई।
Indian National Lok Dal: पूर्व सीपीएस रामपाल माजरा इनेलो में हुए शामिल
Indian National Lok Dal पत्रकार वार्ता
हमने तब भी चंडीगढ़ में बड़ा प्रदर्शन किया। अभय चौटाला ने तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए किसान आंदोलन का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की अध्यक्षता में समर्थन किया और उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था।

BJP सरकार पारदर्शिता के आधार पर नौकरियां देने और किसान की आय दुगनी करने के कर रही है झूठे दावे

उसके बाद मैने भी बीजेपी छोड़ दी और उनका साथ दिया। आज बीजेपी सरकार पारदर्शिता के आधार पर नौकरियां देने और किसान की आय दुगनी करने के बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन सरकार को समर्थन देने वाले पूंडरी के निर्दलीय विधायक अपने बेटे को नौकरी लगवाने के लिए रिश्वत देते हैं। सच्चाई यह है कि बीजेपी से जवान और किसान समेत सभी वर्ग दुखी हैं। भाजपा ने इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर बड़ा घोटाला किया है।
ये लोग 400 पार का दावा करते हैं। क्या इन्होंने ईवीएम को हैक कर रखा है? 2019 में बीजेपी ने हरियाणा में 75 सीट जीतने का दावा किया था लेकिन 40 जीत पाई। एसवाईएल का पानी हरियाणा को नहीं मिला। लेकिन राज्य सरकार ने बरसात के दौरान यमुना का पानी राजस्थान देने का समझौता किया है यह प्रदेश की जनता के साथ एक धोखा है। दादूपुर नलवी नहर को बंद कर दिया गया उसमें पानी नहीं है, न ही हांसी बुटाना नहर में पानी है।
अश्विनी वालिया 
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