स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) Co-ordinator KK Gupta ने यूआईटी में तकनीकी अधिकारियों की ली बैठक

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By Aanchalik khabre
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KK Gupta take meeting

डूंगरपुर नगर की तर्ज पर उदयपुर को भी प्रदूषण मुक्त एवं स्वच्छ बनाएंगे : KK Gupta

उदयपुर। नगर परिषद डूंगरपुर के पूर्व सभापति और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए नियुक्त समन्वयक KK Gupta ने शुक्रवार को यूआईटी में तकनीकी अधिकारियों की बैठक लेते हुए शहर के गार्डन्स, सफाई, कचरा व्यवस्था को लेकर सुझाव दिए। अध्यक्षता संभागीय आयुक्त और यूडीए के चेयरमैन राजेन्द्र भट्ट ने की।

Gupta ने कहा कि सफाई को लेकर राजस्थान में धरातल पर कैसे उतारें और ये बहुत छोटे छोटे तरीकों से सम्भव है। सिर्फ इच्छा शक्ति होनी चाहिए। आज के हालात को देखते हुए सोए हुए को जगाने की नहीं जागे हुए व्यक्ति को जगाने की जरूरत पड़ रही है।

आज के फोटो दिखाते हुए गुप्ता ने कहा कि उदयपुर के पेरा फेरी क्षेत्रों में गायों को खुला छोड़ रखा है, सड़क पर कचरा फैला हुआ है, सड़क पर कचरा जला रहे हैं, राख पड़ी रहती है, शहर के अच्छे पॉश क्षेत्रों मैं रहने वाले 165 कॉलोनी के हाल बेहाल है चारों तरफ कचरा फैला हुआ है। पैसे का महत्व नहीं आज जनता को काम से मतलब है।

उन्हें बलीचा ने डंपिंग यार्ड के फोटो दिखाते हुए कहा कि कचरे में आग लग रही है ये बहुत बड़ा अपराध है। खुले में शौच आज भी उदयपुर यूडीए पेराफेरी क्षत्रों में हो रहे हैं। पर्यावरण को सुधारने के लिए चारों तरफ अच्छे वृक्षारोपण की जरूरत है। घरों में प्लास्टिक एकत्र करें और उसे रिसाइकिल के लिए खरीदने की प्लानिंग की जा रही है। प्लास्टिक खाने वाले जानवरों के दूध पीने से वह कैंसर को आमंत्रण दे रहा है।

संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने सफाई का ठेका निरस्त कर यूडीए द्वारा स्वयं लेने के दिए निर्देश

भट्ट ने अधिकारियों को यूडीए क्षेत्र में सफाई का जिम्मा स्वयं लेते हुए टेंडर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नगर निगम को 4 करोड़ रुपये देने के बाद यदि ऐसे कचरा जलते हुए, सड़क पर फैला हुआ दिखता है तो ये सब व्यर्थ है। उन्होंने सफाई, प्लास्टिक के निगम के ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई कर ठेका निरस्त करने के निर्देश दिए।

Gupta ने कहा कि राज्य के 195 निकायों में दौरे किये और सब जगह निर्देश किये। पहले डूंगरपुर को शामिल नही किया जाता था तब मेरे आग्रह पर विभिन्न श्रेणियां बनाकर स्वच्छता सर्वेक्षण किया गया। डूंगरपुर के बच्चे स्वच्छता के दूत हैं। स्कूलों से हमने शुरुआत की।

मेरा दावा है कि डूंगरपुर जैसे गार्डन और अब उनकी मेंटेनेंस पूरे राज्य भर में प्रथम स्थान पर है। गार्डन में न सिर्फ फाउंटेन होने चाहिए बल्कि 365 दिन चलना चाहिए। झील की इतनी सफाई की कि आप अपना मुंह उसमें देख लें, आईने की जरूरत नहीं। श्रीनगर के सीवरेज प्लांट को देखा तो वहां एक कमरे में बतखें बंद कर रखी थीं। गेट खोला और बतखें छोड़ी तो वे सारी गंदगी खा गई और पानी साफ हो गया।

उसको देखकर गेपसागर में बतखें मंगवाई। गृहमंत्री अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र के 5 गांव मैंने लिए और वहां के रूपाल गांव, मानपोल और मोडासर देश में उच्च स्थान पर आए। वाटर हार्वेस्टिंग, पर्यावरण, जल सब क्षेत्रों में हमने काम किया। उल्टी, दस्त, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड के बारे मे बताएं। साथ ही प्लास्टिक से गौ माता को होने वाली परेशानी की बारे में बताएं ताकि वे न सिर्फ गंदगी बल्कि प्लास्टिक के बारे में जागरूक हों।

Gupta ने कहा कि प्रदेश के सभी शहरों से प्रदूषण सूचकांक के आंकड़े जारी किए गए थे जिसमें डूंगरपुर नगर का वातावरण प्रदूषण के मानक से बहुत कम रहते हुए सबसे स्वच्छ जलवायु वाला नगर घोषित हुआ था। उदयपुर संभाग का सबसे बड़ा नगर है और यहां पर बजट की भी कमी नहीं है, तो ऐसी स्थिति में विश्व पर्यटन नगरी उदयपुर के वातावरण को स्वच्छ क्यों नहीं बनाया जा सकता है |

Gupta ने कहा कि डूंगरपुर नगर परिषद पूरे प्रदेश की एकमात्र ऐसी निकाय बनी हुई है जो कचरे से भी राजस्व प्राप्त करती है क्योंकि डूंगरपुर में घर-घर से जो कचरा है कचरा किया जाता है उसे सेग्रीगेशन करके गीले कचरे से खाद बनाई जाती है जिसका किसान वर्ग को विक्रय किया जाता है और नगर परिषद की भी आमदनी होती है। डूंगरपुर नगर में किसी भी मुख्य मार्ग अथवा गली मोहल्ले में मवेशी खुले में घूमते हुए नहीं मिलेंगे।

यहां पर नियमित रूप से लावारिस घूमते हुए गोवंश को पकड़ कर नगर परिषद द्वारा ही संचालित गौशाला में रखा जाता है वहां पर भी गोवंश के चारा पानी सहित पशु चिकित्सक की व्यवस्था की गई है। डूंगरपुर नगर के सभी वार्ड में बगीचे बने हुए हैं जहां पर उच्च स्तरीय सुविधाएं बनी हुई है जैसे की ऑस्ट्रेलिया से लाई हुई घास लगाई गई है इसके साथ ही प्रत्येक गार्डन में फाउंटेन लगा हुआ है जो 365 दिन कार्य करता है तथा नगर के प्रमुख स्थान फतेह गढ़ी पहाड़ी पर म्यूजिकल फाउंटेन लगा हुआ है।

प्रत्येक गार्डन में ओपन जिम की भी व्यवस्था की गई है और मॉर्निंग वॉक के लिए भी पाथ बनाया गया है। डूंगरपुर नगर में नगर परिषद द्वारा निर्मित सार्वजनिक शौचालय भी विश्व स्तरीय सुविधा युक्त बनाई गई है जैसी सुविधाएं एयरपोर्ट पर प्राप्त होती है। जिसमें इन सभी शौचालय में ए.सी. लगे हुए हैं तथा यहां पर क्वालिटी कंट्रोल के लिए फीडबैक मशीन भी लगे हुए हैं।

संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने Gupta परिचय देते हुए कहा कि डूंगरपुर में गुप्ता के किये गए कार्य उल्लेखनीय है। मेरे डूंगरपुर जिला कलेक्टर कार्यकाल के दौरान जो श्री गुप्ता ने कार्य करके दिखाया उसका प्रतिफल और अवार्ड्स आज भी डूंगरपुर को मिल रहे हैं।

राजीव गांधी उद्यान और संजय गार्डन मॉडल बनाने का निर्णय

लिगेसी वेस्ट, लिक्विड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर श्री Gupta ने जो कार्य किये उन्हें वहां जाकर देखने चाहिए। सफाई में उदयपुर का 206 वाँ नम्बर आना अपने आप में शर्मनाक है। सफाई, गार्डन्स का फायदा नागरिकों, पर्यटकों को भी मिलता है। उदयपुर का इम्प्रेशन आने वाले पर्यटकों पर अच्छा पड़ना चाहिए। जब डूंगरपुर जैसे आदिवासी क्षेत्र में यह हो सकता है तो फिर उदयपुर में क्यों नहीं!

बैठक में यूडीए के अधीक्षण अभियंता अनित माथुर, अधिशासी अभियंता निर्मल सुथार, नगर निगम के उपायुक्त सुधांशु सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी सत्यनारायण शर्मा, आर्किटेक्ट सुनील लढ्ढा सहित अन्य तकनीकी स्टाफ मौजूद रहे।

झुन्झुनू,(चंद्रकांत बंका)

 

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