भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी। इसका जन्म जनसंघ से हुआ, जिसे 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्थापित किया था। आपातकाल (1975–77) के बाद जनता पार्टी बनी, लेकिन 1979 में विचारधारात्मक मतभेदों के कारण उसमें विभाजन हुआ और 1980 में भाजपा का गठन हुआ।
भाजपा सरकार पर घिरते सवाल: हरियाणा में अफसरशाही, युवा जोड़ो अभियान और दुष्यंत चौटाला की सीएम दावेदारी पर नई बहस:-
हरियाणा की राजनीति इन दिनों कई परतों में उलझी हुई दिखाई दे रही है। एक तरफ भाजपा सरकार पर लगातार आरोप लग रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य में अफसरशाही के बढ़ते प्रभाव ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका को पीछे धकेल दिया है। इन सबके बीच नीरज गुनीयाना जैसे युवा नेता नीलोखेड़ी से उभर कर आ रहे हैं और जनता के बीच युवा जोड़ो अभियान के जरिए बदलाव की अलख जगा रहे हैं। वहीं दुष्यंत चौटाला ने भी खुलकर खुद को अगला मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करके हरियाणा की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। आइए इन सभी पहलुओं को विस्तार से समझते हैं।
भाजपा सरकार पर बढ़ते आरोप:-
हरियाणा में पिछले कुछ वर्षों से भाजपा सरकार सत्ता में है। इस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास योजनाओं की शुरुआत की, लेकिन साथ ही साथ उस पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और जनहित की अनदेखी जैसे गंभीर आरोप भी लगे हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा ने सिर्फ अपने हितों के लिए शासन चलाया, जबकि आम जनता के मुद्दों की उपेक्षा की गई।
खासकर किसानों से जुड़े मुद्दों, बेरोजगारी और शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं में गिरावट को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया है। भाजपा सरकार पर आरोप है कि उसने अफसरशाही को खुली छूट दे रखी है, जिससे मंत्रीगण और जनप्रतिनिधि हाशिए पर चले गए हैं।
हरियाणा में अफसरशाही का वर्चस्व:-
हरियाणा में हाल के वर्षों में अफसरशाही का ऐसा बोलबाला देखा गया है कि कई बार जनता के चुने हुए प्रतिनिधि भी निर्णय प्रक्रिया से बाहर हो जाते हैं। अधिकारी वर्ग की मनमानी और राजनीतिक हस्तक्षेप की कमी ने राज्य की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है।
सरकार के कई निर्णय बिना स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय के लिए गए हैं। भाजपा सरकार के अंतर्गत कुछ प्रमुख अफसरों को इतनी ताकत दी गई कि वे मंत्री पद से भी अधिक प्रभावशाली बन गए। इससे सरकार और जनता के बीच संवाद का सेतु कमजोर हुआ है, जिससे असंतोष पनप रहा है।
जोगिंद्र सिंह/ रिपोर्टर नीलोखेड़ी
लोकेशन गुनीयाना
भाजपा सरकार के कारण अफसरशाही पूरी तरह हावी: दिग्विजय चौटाला
भाजपा के मंत्रियों और विधायकों की चपरासी भी सुनवाई नहीं करते
एंकर – जननायक जनता पार्टी के युवा प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला हरियाणा प्रदेश के 13 जिलों के 46 विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर युवा जोड़ो अभियान के तहत युवाओं को पार्टी में जोड़ने का काम कर रहे हैं। सोमवार को गांव बसतली से युवा प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ट्रैक्टर चलाकर युवा नेता नीरज गुनीयाना के निवास स्थान पर पहुंचे ओर पिछे- पिछे ट्रैक्टरों ओर गाड़ियों का काफिला चल रहा था। युवा नेता नीरज गुनीयाना के निवास पर पगड़ी पहनाकर ओर फुल मालाओं से जोरदार किया। दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में कमजोर, नाकाम भाजपा सरकार के कारण अफसरशाही पूरी तरह हावी है और प्रदेश के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा के मंत्रियों और विधायकों की चपरासी तक सुनवाई नहीं करते है और जनप्रतिनिधि शासन-प्रशासन के रवैये से खफा होकर धरना देने को मजबूर है। दिग्विजय ने कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि की सरकार में कोई सुनवाई नहीं है तो आम लोगों की सुनवाई कैसे होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से न तो गुंडे गुंडागर्दी छोड़ रहे है और न ही हरियाणा। दिग्विजय सिंह चौटाला सोमवार को जेजेपी के युवा जोड़ो अभियान के तहत नीलोखेड़ी विधानसभा के नीरज गुनीयाना के निवास स्थान पर प्रेस वार्ता में जमकर भड़ास निकाली। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि दिन में उमस भरी गर्मी थी ओर गुनीयाना में पहुंचते ही सुहावना मौसम के साथ बारिश हुई है।जो भी युवा जेजेपी का साथ दे रहा है, इसका एहसान समय आने पर सवाया करके लौटाएंगे।
दिग्विजय चौटाला कांग्रेस की गुटबाजी पर बोलते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पुत्र मोह में पूरी कांग्रेस को डूबो कर रख दिया। उन्होंने कहा कि 37 विधायकों वाली पार्टी अपना प्रतिपक्ष नेता नहीं चुन पाई। उन्होंने युवाओं से जेजेपी से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम गर्मी-सर्दी की परवाह किए बगैर स्व. चौधरी देवीलाल की नीतियों पर निरंतर आगे बढ़ रहे है और प्रदेश में जरूर बदलाव आएगा, दुष्यंत सीएम बनेगा और फिर गरीब, किसान, कमेरे वर्ग की सरकार होगी। दिग्विजय चौटाला ने यह भी कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन सरकार के दौरान बिना भेदभाव अनेक ऐतिहासिक विकास कार्य किए, जिससे हर वर्ग को लाभ पहुंचा और प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर चला लेकिन मौजूदा सरकार ने तमाम जन सुविधा की व्यवस्थाओं को ठप करके छोड़ दिया है। दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि भाजपा सरकार ने किसानों के सामने संकट पैदा कर दिया है। किसानों को फसलों के लिए खाद नहीं मिल रही है। किसान को फसलों के लिए डीएपी, यूरिया की जरूरत है लेकिन प्रदेश के जिलों-जिलों में खाद का संकट है। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में आज हर वर्ग परेशान है। किसान, मजदूर, व्यापारी सब सरकार से तंग है। आज जगह-जगह किसान अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं, निरंतर हो रही आपराधिक वारदातों से गुस्साए व्यापारी बाजारों को बंद कर रहे हैं। ऐसा कोई वर्ग नहीं जो सरकार से परेशान न हो
युवा जोड़ो अभियान: जेजेपी का जनसंपर्क का नया हथियार:-
वहीं दूसरी तरफ, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने युवा जोड़ो अभियान की शुरुआत कर एक नई राजनीतिक ऊर्जा पैदा की है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य के युवाओं को राजनीति में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है। रोजगार, शिक्षा और सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों को लेकर युवाओं को जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
नीरज गुनीयाना, जो नीलोखेड़ी क्षेत्र से आते हैं, इस अभियान के मुख्य चेहरे बनकर उभरे हैं। उन्होंने जमीनी स्तर पर युवाओं के साथ संवाद कर जेजेपी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाया है। यह अभियान न सिर्फ युवाओं को जागरूक कर रहा है बल्कि हरियाणा की पारंपरिक राजनीति में एक नई सोच का संकेत भी दे रहा है।
नीरज गुनीयाना: नीलोखेड़ी से नई लहर:-
नीरज गुनीयाना ने हरियाणा की राजनीति में अपने स्वच्छ और मजबूत विचारों से विशेष पहचान बनाई है। वे नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और जेजेपी के युवा चेहरों में से एक हैं। नीरज का मुख्य फोकस शिक्षा, रोजगार और पारदर्शिता पर है। उन्होंने स्थानीय स्तर पर युवाओं की समस्याओं को समझकर युवा जोड़ो अभियान को जनांदोलन में बदल दिया है।
नीरज गुनीयाना का कहना है कि “आज का युवा सिर्फ भाषण नहीं, कार्रवाई चाहता है। हम हर घर में एक शिक्षित, स्वावलंबी और जागरूक युवा देखना चाहते हैं।” उनका यह दृष्टिकोण जमीनी कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच गहरी पकड़ बना चुका है।
दुष्यंत चौटाला की सीएम पद की दावेदारी:-
हरियाणा की सियासत में एक बड़ा मोड़ तब आया जब जेजेपी नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने खुद को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस घोषणा ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे दुष्यंत चौटाला का यह स्टैंड भविष्य की अलग राह की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा कि “अब समय आ गया है कि हरियाणा को युवा नेतृत्व मिले, जो सिर्फ वादे न करे, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारे।” उनकी इस घोषणा को विपक्ष और जनता दोनों से मिलाजुला प्रतिक्रिया मिल रही है।
वर्तमान में भाजपा सरकार की कार्यशैली और अफसरशाही से उपजी नाराजगी ने दुष्यंत की दावेदारी को बल दिया है। वे अब अपनी पार्टी को स्वतंत्र रूप से स्थापित करने की दिशा में सक्रिय हैं, जिसका केंद्र बिंदु युवा शक्ति और पारदर्शिता है।
भाजपा–जेजेपी गठबंधन में दरार के संकेत?
हालांकि भाजपा और जेजेपी गठबंधन सरकार में हैं, लेकिन हाल की घटनाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों दलों के बीच दूरी बढ़ रही है। भाजपा सरकार पर आरोप है कि वह छोटे सहयोगियों को निर्णय प्रक्रिया में समुचित महत्व नहीं देती। वहीं जेजेपी भी अपने संगठनात्मक विस्तार और युवाओं की ऊर्जा के बल पर स्वतंत्र रणनीति बना रही है।
दुष्यंत चौटाला की मुख्यमंत्री पद की घोषणा इस बात का संकेत हो सकती है कि आने वाले चुनावों में जेजेपी अकेले चुनाव लड़ सकती है या फिर भाजपा के खिलाफ मोर्चा भी खोल सकती है।
जनता का रुख क्या कहता है?
हरियाणा में लोगों के बीच अब यह चर्चा आम है कि क्या भाजपा सरकार को एक और मौका दिया जाना चाहिए, या क्या राज्य को किसी नए नेतृत्व की आवश्यकता है। अफसरशाही से परेशान जनता बदलाव की ओर देख रही है। वहीं, युवा जोड़ो अभियान ने युवाओं को जागरूक किया है कि वे सिर्फ वोटर नहीं, बदलाव के वाहक भी हैं।
नीरज गुनीयाना जैसे युवा नेता और दुष्यंत चौटाला जैसे अनुभवी युवाओं का गठजोड़ हरियाणा की राजनीति को नई दिशा दे सकता है।
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