शिवप्रसाद साहू
अपर सत्र न्यायालय देवसर की अदालत ने आरोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, सात हजार रुपए के जुर्माने से किया दंडित
मध्य प्रदेश, सिंगरौली: अपर सत्र न्यायालय देवसर में हत्या के मामले में तृतीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय श्रीमान् श्याम सुंदर झां की अदालत ने आरोपी धीरपाल सिंह गोंड उर्फ दिरपाल सिंह पुत्र सुंदर सिंह गोंड उम्र 60 वर्ष निवासी ग्राम पेडरा थाना सरई जिला सिंगरौली की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 7 हजार रुपए के जुर्माने से भी दंडित किया गया है।
अभियोजन कहानी
उक्त मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजन अधिकारी मारकण्डेय मणि त्रिपाठी ने बताया कि दिनांक 12/09/2022 को पुलिस थाना-सरई में गोपाल सिंह ने घटना की सूचना में इस आशय का रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 12 सितम्बर 2022 को सुबह करीब 8 बाजे ग्राम पेड़रा स्थित अपने घर में आरोपी धीरपाल सिंह के साथ मुन्नीलाल सिंह बैठे हुए थे।दोपहर करीब 12 बजे फरियादी का भाई महेन्द्र सिंह ने फरियादी के पास आकर बताया कि आरोपी धीरपाल सिंह घर के अन्दर मुन्नीलाल सिंह के गले में बरछी मारकर हत्या कर दी है और भाग गया है।
तब फरियादी घर आया और देखा कि आरोपी ने मुन्नीलाल सिंह के गले में बरछी मारकर हत्या कर दी है और भाग गया है।तब फरियादी घर गया तो देखा कि मुन्नी लाल सिंह का शव रसोइया घर में जमीन पर पड़ा था। उसके गले में गम्भीर चोट थी,जमीन पर खून फैला हुआ था।मुन्नीलाल सिंह की हत्या की बात फूल कुमारी फरियादी गोपाल सिंह के भाई की पत्नी ने बताई भी कि आरोपी सुबह आया था और मुन्नी लाल सिंह के पास बैठा था तथा फिर अपने घर चला गया था।उसके बाद मुन्नी लाल सिंह को फूलकुमारी ने खाना दिया वह खाना खाकर हाथ नहीं धोया था,उसी समय आरोपी पुन: अपने घर से बरछी लेकर आया और घर के अन्दर घुसकर मुन्नीलाल सिंह गले में बरछी मारा तो मुन्नीलाल सिंह जमीन पर गिर गया और खून बहने लगा। आरोपी धीरपाल सिंह बरछी लेकर भाग गया।फूलकुमारी के द्वारा हल्ला गोहार करने पर पड़ोसी हीराबाई सिंह और उसके घर के लोग दौड़कर आये।
उक्त घटना की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 858/22 की धारा 302,449 भादवि.1860 के अपराध का प्रथम सूचना रिपोर्ट आरोपी के विरुद्ध कायम किया गया।उक्त मामले में दिनांक 7 फरवरी 2023 को आरोप विरचित किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा 15 मार्च 2023 को अभियोजन साक्ष्य प्रारंभ किया गया।विवेचना के अनुक्रम में आरोपी धीरपाल सिंह के विरुद्ध प्रथम दृष्टया अपराध प्रमाणित पाये जाने पर मा.न्यायालय देवसर में चालान प्रस्तुत किया गया।
उक्त मामले के समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी धीरपाल सिंह को भादवि.1860 की धारा 449 व धारा 302 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध कारित का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाया है।साथ ही अलग-अलग धाराओं में 7 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।