Jhunjhunu बीजेपी में लोकसभा चुनाव को लेकर एक अनार कई बीमार की स्थिति बनी हुई है
झुंझुनू। राजस्थान विधानसभा में भाजपा मोदी चेहरे के नाम पर पूर्ण बहुमत की सरकार स्थापित करने के बाद अब Jhunjhunu जिले में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। लोकसभा के चुनाव होने में अभी समय बचा हुआ है लेकिन Jhunjhunu बीजेपी में लोकसभा चुनाव को लेकर एक अनार कई बीमार की स्थिति बनी हुई है।
Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र में जिले की सात विधानसभा सीटें नवलगढ़, मंडावा, Jhunjhunu, उदयपुरवाटी, पिलानी, खेतड़ी और सूरजगढ़ क्षेत्र शामिल है वहीं सीकर जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट भी Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है। विधानसभा चुनाव में झुंझुनू संसदीय क्षेत्र की आठों सीटों पर भाजपा कांग्रेस से सीधे मुकाबले में कांग्रेस 6 सीट पर जीत हासिल कर पाई वहीं भाजपा को सिर्फ नवलगढ़ और खेतड़ी सीट पर जीत नसीब हो सकी।
खेतड़ी विधानसभा क्षेत्र से इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर ने 20 साल बाद कमल का फूल खिलाया है वहीं नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा पहली बार अपना परचम लहराकर जीत दर्ज कर पाई है। जबकि कांग्रेस शेखावाटी में Jhunjhunu में अपने गढ़ को बचाने में सफल रही जिसके तहत मंडावा, पिलानी, Jhunjhunu, सूरजगढ़, उदयपुरवाटी और सीकर जिले की फतेहपुर विधानसभा सीट जीतकर संसदीय क्षेत्र में अपना गढ़ कायम रखा।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र से भाजपा टिकट के लोकसभा उम्मीदवारों की फहरिस्त काफी लंबी होती जा रही है। मोदी चेहरे के नाम पर झुंझुनू भाजपा जिला अध्यक्ष पवन मावंडिया सहित दर्जन भर सांसद टिकट की लालसा में है।
प्रदेश में भजनलाल मंत्री मंडल गठन के बाद शेखावाटी से एकमात्र श्रीमाधोपुर से भाजपा विधायक झाबर सिंह खर्रा के मंत्री बनने से Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र के टिकट चाहने वाले पिछले कई दिनों से जयपुर में डेरा डाले हुए हैं।
राजेन्द्र भाम्बू भी लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकट हथियाने के जोड़-तोड़ में बताए जा रहे हैं
सूत्रों के अनुसार पूर्व में भाजपा प्रत्याशी और गत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के विरुद्ध ताल ठोकने वाले राजेन्द्र भाम्बू भी लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकट हथियाने के जोड़-तोड़ में बताए जा रहे हैं जबकि भाजपा ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित किया हुआ है।
राजेंद्र भाम्बू पहले भाजपा प्रत्याशी के रूप में Jhunjhunu विधानसभा क्षेत्र से असफल रहे वहीं विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध प्रदेश स्तरीय नेताओं के समझाइस के बाद भी चुनावी समर में ताल ठोके रखना भाम्बू के लिए सांसद टिकट मिलना मुसीबतों भरी डगर है।
आमजन में राजेन्द्र भाम्बू के लगातार दो चुनाव हार जाने से सहानुभूति अवश्य है वहीं लोगों का मानना है कि भाम्बू विधानसभा चुनाव की बजाय लोकसभा के ही प्रत्याशी थे उन्हें विधानसभा चुनाव नहीं लडऩा चाहिए था।
फिलहाल राजेन्द्र भाम्बू का पार्टी से निलंबन चल रहा है। विधानसभा चुनाव में भाबू सम्मानजनक वोट हासिल करने में जरूर कामयाब रहे लोगों में मिलनसार व्यक्तित्व की छवि और सम्मानजनक वोट मिलने पर भाजपा निलम्बन रद्द कर पार्टी टिकट देती है तो मुकाबला कांटेदार हो सकता है।
सांसद खीचड़ नहीं जीत पाए विधानसभा चुनाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में सांसदों को चुनाव लड़ाकर जमीनी हकीकत का अंदाज लिया। जिसके तहत सात वर्तमान सांसदों को विधायक का टिकट थमा कर विधानसभा क्षेत्र में भेजा। भाजपा द्वारा सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा जिसमें चार सांसद चुनाव जीते वहीं तीन सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में विधानसभा का चुनाव हार गए।
Jhunjhunu सांसद नरेन्द्र कुमार जिले की मंडावा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रीटा चौधरी के सामने मात खा बैठे। जबकि सांसद नरेन्द्र कुमार लोकसभा चुनाव तीन लाख से अधिक वोटों से जीते थे वहीं पहली बार मंडावा में भगवा पताका भी नरेन्द्र कुमार ने ही फहराई थी लेकिन आमजन तथा क्षेत्र के लोगों से दूरी बनाए रखना विधानसभा चुनाव में उन्हें भारी पड़ गया।
पूर्व सांसद अहलावत भी हारी चुनाव
जिले की सूरजगढ़ विधानसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने फेरबदल करते हुए वर्तमान विधायक सुभाष पूनिया का टिकट काटकर पूर्व सांसद संतोष अहलावत पर भरोसा जताया। भाजपा द्वारा पूर्व सांसद पर किए गए विश्वास को क्षेत्र की जनता ने नकार दिया।
जिस वजह से कांग्रेस ने अपनी खोई हुई सीट फिर से बहाल कर भाजपा प्रत्याशी अहलावत को बड़े अन्तर से हरा दिया। संतोष अहलावत पूर्व में सूरजगढ़ विधायक रह चुकी है उस समय उन्हें रिकॉर्ड मतों से विजयश्री मिली थी फिर मोदी लहर में सांसद बनी।
बुहाना पंचायत समिति प्रधान फिर सूरजगढ़ विधायक बनने के बाद मोदी लहर में सांसद निर्वाचित होने पर जिले की जनता से दूरी बनाए रखने की वजह से दोबारा सांसद टिकट मौका नहीं मिला। पार्टी ने प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर कद बढ़ाया विधानसभा चुनाव टिकट देकर फिर से लोकप्रियता का जमीनी स्तर आकलन में विधानसभा चुनाव में हार मिलने से संसदीय चुनाव में टिकट मिलना मुश्किल है।
संतोष अहलावत पूर्व में सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से रिकार्ड मतों से जीत कर भी अपना लोहा मनवा चुकी है वहीं सांसद के रूप में भी बड़ी जीत हासिल कर कांग्रेस के अभेद किले को ढहा चुकी है लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली हार ने सारा खेल बिगाड़ दिया।
बृजेन्द्र ओला का कांग्रेस में बढ़ता कद
Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के दिग्गज नेता पद्मश्री शीशराम ओला लम्बे समय तक करते रहे उनके दिवंगत होने के उपरांत ही 2014 में मोदी लहर के चलते भाजपा प्रत्याशी संतोष अहलावत सांसद बनी। उक्त चुनाव में शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला ओला कांग्रेस प्रत्याशी रही।
सन् 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने अहलावत की जगह मंडावा में पहली दफा कमल खिलाने का तोहफा देते हुए विधायक नरेन्द्र कुमार पर भरोसा जताया वहीं कांग्रेस ने भी सूरजगढ़ पूर्व विधायक श्रवण कुमार को प्रत्याशी बनाया जिन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। कांग्रेस की हार में पार्टी नेताओं की आपसी खींचतान बड़ी वजह रही वहीं मोदी चेहरा साथ में एकजुटता से भाजपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन बड़ी जीत दिलाने में कारगर सिद्ध हुआ।
Jhunjhunu से कांग्रेस टिकट पर लगातार चार विधानसभा चुनाव जीतकर बृजेन्द्र ओला जिले के दमदार नेताओं में शामिल हुए है वहीं वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा के नेतृत्व में जिले के लगभग कांग्रेस जन एक जूट नजर आ रहे हैं वहीं विधायक बृजेन्द्र ओला भी अपने पुराने खराब सम्बन्धो को सुलझाने में सफल हुए ऐसे में लोकसभा चुनाव में उनकी दावेदार मजबूत मानी जा रही है।
विधानसभा चुनाव में ओला जहां टिकटों के बटवारे में अग्रणी भूमिका रही। ओला खुद के अलावा पिलानी, खेतड़ी, उदयपुरवाटी, फतेहपुर क्षेत्र में अपने चहेते प्रत्याशियों टिकट दिलाने और उनके जीतकर आने से जिले में बृजेन्द्र ओला का कद प्रदेश के साथ ही केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व में भी बढ़ा है।
21 लाख से ज्यादा मतदाताओं का जातिगत समीकरण
Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 21 लाख से ज्यादा मतदाता है। सबसे ज्यादा जाट समुदाय के मतदाता है वहीं एससी-एसटी के मतदाताओं की संख्या भी 4 लाख के आसपास है।
जाट 4.50 लाख
सैनी 3.00 लाख
मुस्लिम 2.50 लाख
एससी/एसटी 4.00 लाख
ब्राह्मण 1.25 लाख
राजपूत 1.00 लाख
गुर्जर 70 हजार
यादव 60 हजार
अन्य 4.00 लाख
सुभाष पूनिया ने कहा पार्टी के प्रति निष्ठा और धैर्य का मिल सकता है प्रतिफल
सूरजगढ़ पंचायत समिति के प्रधान तथा सूरजगढ़ विधायक रह चुके है। जिले की जनता में ईमानदार और स्पष्ट छवि के विधायक के रूप में ख्याति प्राप्त है साथ ही कार्यकर्ताओं को एक जुट रखने का मादा रखते हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट काटने पर भी पार्टी से बगावत ना कर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में लगातार रहकर मजबूती प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाई।
आरएसएस से प्रगाढ़ सम्बन्ध तथा प्रदेश व आलाकमान के शीर्ष नेतृत्व के मापदंडों पर खरा उतरते हुए पार्टी गाइडलाइन का पालन और टिकट कटने के बाद धर्य रखने का प्रतिफल मिल सकता हैं। पार्टी टिकट मिलने पर ही चुनाव लड़ेंगे गत चुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहे दिल से साथ देंगे तो भाजपा Jhunjhunu संसदीय क्षेत्र से सीट निकालने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी
विश्म्भर पूनिया
भारतीय जनता पार्टी के गठन से समर्पित कार्यकर्ता रहे है वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के प्रतिनिधि है। पार्टी कार्यकर्ताओं में साफ सुथरी छवि के साथ वर्तमान तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्षों से निकटता शीर्ष नेतृत्व के विश्वासपात्र। चौंकाने वाले फैसलों के लिए मशहूर मोदी सरकार दे सकती है सांसद टिकट के रूप में बड़ा तोहफा।
पवन मावंडिया
भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया टिकट मिलने पर ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं जिलाध्यक्ष सैनी समाज से आते है जिनकी संख्या लोकसभा क्षेत्र में जाट समाज के बाद दूसर नंबर हैं। वहीं टिकट नहीं मिलने के बारे में पूछने पर बताया कि पार्टी का जो फैसला होगा वहीं सर्वोपरी होगा। बागी होकर लडऩे व पार्टी के खिलाफ जाने के सवाल पर साफ मना कर दिया।
वहीं कहा की हमारा प्रत्याशी कमल का फुल होगा। वहीं बात करें विधानसभा चुनाव की तो पार्टी ने किसी भी सैनी प्रत्याशी को आठों विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं दिया था। इसी को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि इस बार पार्टी जाट समाज को टिकट ना देकर सैनी प्रत्याशी पर भरोसा जता सकती हैं।
इंजीनियर प्यारेलाल ढूकिया
भाजपा जिला उपाध्यक्ष व भाजपा विकसित भारत संकल्प यात्रा के जिला संयोजक इंजीनियर प्यारेलाल ढूकिया भी टिकट मिलने पर ही चुनाव लड़ेंगे। ढूकिया पिछले करीब एक दशक से काफी सक्रिय रूप से पार्टी के लिए कार्य कर रहे है। वहीं विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविर में भी केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
वहीं विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने पर भी पार्टी के खिलाफ ना जाकर चुनाव लड़ रहे सांसद नरेन्द्र खीचड़ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार में साथ दिया। वहीं बागी बनकर चुनाव लडऩे के सवाल पर मना करते हुए पार्टी के फैसले को सर्वाेपरी बताया वही पार्टी जिसे भी टिकट देगी उसके साथ एक कार्यकर्ता के रूप में कमल के चिह्न को विजयी करना बताया।
एडवोकेट संजय महला
राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय महला ने भी प्रधानमन्त्री मोदी के विजन को आगे बढ़ाने का जज्बा लेकर और Jhunjhunu जिले को विकास के शिखर पर ले जाने के लिए भाजपा से सांसद का चुनाव लडऩे की दावेदारी प्रस्तुत की है। संजय महला खाजपुर नया गांव के निवासी है। लम्बे समय से वकालत क्षेत्र से जुड़े होने से जिले के लोगों से जुड़ाव है।
इनकी नजर में आजादी के बाद सम्पूर्ण Jhunjhunu जिले का जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हो पाया। महला ने पिछले लम्बे समय से गौशालाओ, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व शैक्षणिक गतिविधियों व बहुत सी सामाजिक पहल को लेकर प्रयासरत। महला केंद्र सरकार की शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई के अधिवक्ता के तौर पर कई हाई प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर अपनी अमिट छाप छोड़ी। वर्तमान में केंद्र सरकार व राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों के अधिवक्ता है। बार एसोसिएशन में लम्बे समय निर्वाचित पदाधिकारी रहे है।
शुभकरण चौधरी
इनेलो और भाजपा के गठबंधन से नवलगढ़ से चुनाव लडक़र हार चुके हैं उसके बाद क्षेत्र बदलकर क्षेत्र बदलकर उन्होंने उदयपुरवाटी से चुनाव लड़ा। उदयपुरवाटी विधानसभा से एक बार भाजपा की लहर में विधायक बन चुके हैं शुभकरण चौधरी अगर एक बार उस तुक्के को छोड़ दिया जाए तो उसके बाद के दो चुनाव में शुभकरण चौधरी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है।
हार की वजह चाहे जो भी रही हो पर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अपनी अकड़ छवि के चलते शुभकरण चौधरी को लगातार दो बार हार का सामना करना पड़ा है और भाजपा के संगठन से बड़ा खुद को समझते हैं पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ऐसा भी भाजपा के पदाधिकारी का ही कहना है। ऐसे में भी शुभकरण चौधरी खुद को भाजपा से Jhunjhunu लोकसभा क्षेत्र से दावेदारी पेश कर रहे हैं।
संजय सोनी, झुंझुनू
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