श्रोताओं से भरे खचाखच हाल में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्हें यह सम्मान प्रदान किया गया।
सर्व प्रथम असिथा क्रमधारी एवं तृप्ति राजपरिया ने राग यमन में अरी एरी आली पिया बिन तथा पायोजी मैंने राम रतन धन प्रस्तुत किया। पंडित परमानंद यादव ने राग केदार और राग भूपाली मे तराना प्रस्तुत किया दोनों बंदिशें कुमार गंधर्व द्वारा सिखाया हुआ तथा मोतियन माला तोड़ दई री बंदीश एवं निर्गुणी भजन नईहरवा हमका न भावे प्रस्तुत कर रसवर्षा की।
इनके साथ तबले से गुरशांत सिंह, हार्मोनियम से तन्मय मिस्त्री तथा तानपुरों पर अनुज शर्मा,स्नेहा गावस, सुमित राउत ने साथ दिया। पंडित सुधाकर चव्हाण ने राग मारूविहाग में बड़ा ख्याल,छोटा ख्याल तथा अभंग ज्ञानी अंतर राजा गुरू महाराव प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया। इनके साथ तबले से पंडित विश्वास जाधव हार्मोनियम से श्री गंगाधर तुकाराम शिंदे मंजीरा पर रघुनाथ राउत तथा गायन सहयोग इनके शिष्यों शिवानंद स्वामी, नामदेव शिंदे ने दिया।
वार्षिक सम्मान समारोह में विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव
प्रमुख अतिथियों में डा. विद्या गौरी गोखले, कैप्टन सी एल दुबे,डा. गुलाबचंद यादव, रविशंकर सिंह मंच पर उपस्थित थे। गांधर्व महाविद्यालय मंडल के अध्यक्ष प्रोफेसर बालासाहेब सूर्यवंशी एवं सामाजिक कार्यकर्ता एम. अनंत रमन का भी सम्मान किया गया। डा.गौतमी पाटिल ने संचालन बड़े ही मनोभाव से किया। मुंबई में मौसम खराब होने के बावजूद भी हाल श्रोताओं से खचाखच भरा रहा। शहर के कला, संस्कृति, पत्रकारिता क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फाउंडेशन की ट्रस्टी चंद्रावती यादव, चेतन सावंत, संजीत यादव ने सभी सम्माननीय अतिथियों को भोजन कराकर उन्हें कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद दिया। हर वर्ष यह सम्मान समारोह धूमधाम से मनाया जाता है।
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