Lok Sabha Elections-2024: मत प्राप्त करने के लिए जातीय व साम्प्रदायिक भावनाओं की नहीं देनी चाहिए दुहाई, सभी राजनीतिक दलों को करनी होगी आदर्श आचार संहिता की सख्ती से पालन|
मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों को Elections प्रचार के मंच के रूप में नहीं करना चाहिए प्रयोग
कुरुक्षेत्र 28 मार्च चुनाव तहसीलदार सरला ने कहा कि Lok Sabha Elections-2024 में सभी राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों को आदर्श आचार संहिता की सख्ती से पालना करनी होगी। सभी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी हिदायतों की पालना करके चुनावों को निष्पक्ष, पारदर्शी, शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाने में सहयोग करना चाहिए। अहम पहलू यह है कि हिदायतों के अनुसार मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों को निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिए।
Elections तहसीलदार सरला ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए आदर्श आचार संहिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी दल या अभ्यर्थी को विभिन्न जातियों, धार्मिक या भाषाई समुदाय के बीच मतभेदों को बढ़ाने या घृणा की भावना उत्पन्न करने और तनाव पैदा करने जैसे कार्यों से बचना चाहिए। इन Lok Sabha Elections-2024 के दौरान जब अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना की जाए तो उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए।
यह भी आवश्यक है कि व्यक्ति जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जिसका संबंध अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से ना हो। सभी दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई भी ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जो ऐसे आरोपों पर, जिसकी सत्यता स्थापित ना हुई हो या जो तोड़-मरोड़ कर कही गई बातों पर आधारित हो।
उन्होंने कहा कि वोट प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए और धार्मिक स्थलों का Lok Sabha Elections प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए, जो निर्वाचन के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध है, जैसे की मतदाताओं को रिश्वत देना, डराना, धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केंद्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभा करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केंद्र तक ले जाना और वहां से वापिस लाना आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्न रहित घरेलू जीवन के अधिकार का आदर करें या वे उसके राजनीतिक विचारों या कार्यों के कितने ही विरुद्ध क्यों ना हो। इसके अलावा व्यक्तियों के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिए उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का किसी भी परिस्थिति में सहारा नहीं लेना चाहिए।
Elections तहसीलदार ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वजदंड बनाने, ध्वज टांगने, सूचनाएं चस्पाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए। राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलूसों आदि में बाधा उत्पन्न करें।
एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं या शुभचिंतकों को दूसरे राजनीतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रुप से प्रश्न पूछकर या अपने दल के पर्चे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करनी चाहिए। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिए, जिन स्थानों पर दूसरे दलों द्वारा सभा की जा रही हो। हिदायतों के अनुसार एक दल द्वारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हटाए नहीं जाने चाहिए।
अश्विनी वालिया
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