यूपी में गोली मार कर की शक्स की हत्या, गांव में दहशत का माहौल है
अमेठी उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में दबंगई और गुंडागर्दी की एक और घटना सामने आई है, जिसमें तेज रफ्तार कार चलाने का विरोध करना एक युवक को भारी पड़ गया। तेज रफ्तार कार से उड़ने वाली धूल का विरोध करने पर पहले युवक की पिटाई की गई और फिर उसे गोली मार दी गई। घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। घायल युवक को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना अमेठी जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के इटरौर गांव की है। बताया जा रहा है कि गांव का ही एक युवक शादाब अपने किसी रिश्तेदार की कार को तेज रफ्तार से सड़कों पर घुमा रहा था। इसी दौरान जब उसकी कार इरफान के घर के सामने से गुजरी, तो तेज रफ्तार की वजह से उठी धूल इरफान पर जा गिरी। धूल उड़ने से नाराज इरफान ने शादाब को धीरे चलाने के लिए कहा, जिससे शादाब भड़क गया।
शुरुआत में यह मामूली बहस थी, लेकिन मामला जल्दी ही हिंसक झगड़े में बदल गया। शादाब ने पहले तो इरफान को धमकाया और फिर वहां से चला गया। कुछ देर बाद वह अपने चार-पांच साथियों के साथ वापस आया और इरफान पर हमला कर दिया। लात-घूंसों से उसकी जमकर पिटाई की गई। जब शादाब को लगा कि सिर्फ पिटाई से ही उसका गुस्सा शांत नहीं होगा, तो उसने अपने पास रखे अवैध हथियार से इरफान को गोली मार दी।
घटना के बाद भगदड़, आरोपी फरार
गोली चलने की आवाज सुनकर गांव में भगदड़ मच गई। इरफान खून से लथपथ ज़मीन पर गिर पड़ा और हमलावर फरार हो गए। आसपास के लोग किसी तरह उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। पहले उसे जगदीशपुर सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया।
पुलिस की सक्रियता और गांव में तनाव
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी। चूंकि मामला फायरिंग और दबंगई से जुड़ा था, इसलिए गांव में भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है और पुलिस लगातार दबंगों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
इस बीच मुसाफिरखाना के सीओ अतुल सिंह ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई लिखित तहरीर नहीं मिली है। पुलिस ने कहा कि जैसे ही तहरीर मिलेगी, एफआईआर दर्ज की जाएगी और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
तेज रफ्तार और गुंडागर्दी – अपराधियों के हौसले बुलंद
इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? क्या कानून-व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि कोई भी व्यक्ति मामूली बात पर गोली चला सकता है? यह पहली बार नहीं है जब किसी ने तेज रफ्तार गाड़ी चलाने या सड़क पर मनमानी करने का विरोध किया हो और उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ा हो।
गांववालों में आक्रोश, पुलिस पर उठे सवाल
गांव के लोगों का कहना है कि शादाब और उसके साथी अक्सर गांव में दबंगई दिखाते रहते थे। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की वजह से पहले भी कई बार विवाद हो चुका था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अगर समय रहते इनपर सख्त कार्रवाई की जाती, तो शायद आज यह घटना न होती।
गांववालों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है और कहा है कि यदि जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे। पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं, क्योंकि अभी तक मुख्य आरोपी शादाब को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
तेज रफ्तार वाहनों का बढ़ता खतरा
यह मामला केवल एक झगड़े का नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक समस्या का हिस्सा है। तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, जिनमें लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से झगड़े होते हैं, दुर्घटनाएं होती हैं और लोगों की जान चली जाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त ट्रैफिक नियमों को लागू करने और जनता को जागरूक करने की जरूरत है। प्रशासन को भी चाहिए कि अवैध हथियारों पर सख्ती से रोक लगाए और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे।
भारत में अवैध हथियार रखने और फायरिंग करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत, किसी को गोली मारने का प्रयास करने पर 307 (हत्या का प्रयास) और 326 (गंभीर रूप से घायल करने) जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया जा सकता है।
अगर इस मामले में पुलिस ने सख्ती दिखाई, तो आरोपियों को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पुलिस त्वरित कार्रवाई करे और आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करे।
पुलिस जल्द से जल्द मुख्य आरोपी शादाब और उसके साथियों को गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
पीड़ित इरफान की हालत गंभीर बनी हुई है, और डॉक्टर उसकी सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं।
गांव में अभी भी पुलिसबल तैनात है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।
अगर पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो गांववालों के विरोध प्रदर्शन की संभावना है।
अमेठी की यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि सड़क पर तेज रफ्तार और गुंडागर्दी का विरोध करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि इस मामले में जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
अब देखना यह होगा कि पुलिस कितनी तेजी से आरोपियों को पकड़ती है और क्या इरफान को न्याय मिल पाता है या नहीं।
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