Guru Ravidas Ji: संत शिरोमणि Guru Ravidas Ji के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में गुरू रविदास सभा शामगढ़ की ओर से जी.टी. रोड़ शामगढ़ के पास लंगर लगाया गया। जिसमें सभा से जुड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ समस्त समाज के लोगों ने हिस्सा लेकर हाईवे पर आने जाने वाले वाहन चालकों व राहगीरों को चाय-ब्रैड, पकौड़े और हलवे का प्रसाद वितरित किया। गांव शामगढ़ के पास हाईवे पर संत गुरू रविदास जी का सुंदर दरबार सजाया गया था।
Guru Ravidas Ji सभा शामगढ़ की ओर से दिल्ली-चंडीगढ़ नैशनल हाईवे पर लगाए गए लंगर
कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुपुत्र एवं वरिष्ठ नेता राजीव मामूराम गोंदर समेत कई गणमान्य लोगों ने विशेष रूप से शिरकत की। सभी गणमान्य लोग गुरू रविदास जी के समक्ष नत्मस्तक हुए। Guru Ravidas सभा शामगढ़ की ओर से दिल्ली-चंडीगढ़ नैशनल हाईवे पर लगाए गए लंगर में हजारों की संख्या में वाहन चालकों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता राजीव मामूराम गोंदर ने मन चंगा तो कठौती में गंगा के गुरु वाक्य को दोहराते हुए संत की मूर्ति और चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। संबोधित करते हुए राजीव मामूराम गोंदर ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास जी कुरीतियों को मिटाने के लिए संकल्पित रहे। उन्होंने गरीबों व दबे कुचले लोगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया।
राजीव मामूराम गोंदर ने कहा कि संत Guru Ravidas Ji को कभी भूलाया नही जा सकता। जिन्होंने हमेशा ही सत्य मार्ग पर चलने का संदेश दिया। पूर्व विधायक सुपुत्र राजीव मामूूराम गोंदर ने कहा कि संत गुरु रविदास जी ने हमेशा लोगों को सच्चाई की राह पर चलने का मार्ग दिखाया। समाज में फैली ऊंच-नीच की भावना को लोगों के मन से दूर किया। उन्हें लोग कभी भूला नहीं सकते। उन्होंने कहा कि रविदास जी आध्यात्मिक गुरु के साथ समाज सुधारक भी थे। जिन्होंने सभी को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया।
इस दौरान Guru Ravidas सभा शामगढ़ की ओर से वरिष्ठ नेता राजीव मामूराम गोंदर,जय भारत युवा मंडल के प्रदेश मीडिया प्रभारी रोहित लामसर को सिरोंपा भेंट कर सम्मान दिया गया। इस अवसर पर एस.एम.सी. कमेेटी के चेयरमैन सुनील ग्रोवर, अर्पित पोपली, पूर्व प्रधान राजेश नरवाल, सुभाष, रतनचंद, ब्लाक समिति सदस्य अंकुर शामगढ़, राजा राम, पाला राम, मोजी राम, नरेंद्र मास्टर, चिरंजी लाल, रामकुमार, गुरदास, रवि कुमार, वरिंदर सिंह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जानिए संत Guru Ravidas Ji महाराज की कहानी
संवत् 1377 माघ पूर्णिमा के दिन रविवार को Guru Ravidas Ji (रैदास) का जन्म काशी में हुआ था। उनका एक दोहा है जो काफी पसंद किया जाता है.जरूरतमंद लोगों का कल्याण श्री गुरु रविदास जी की गतिविधियों का केंद्र बिंदु था। उनकी माता का नाम कलसम देवी और पिता संतोख दास थे।
कहा जाता है कि लोना देवी उनकी पत्नी हैं साधु-संतों की संगति से रैदास ने काफी कुछ सीखा था। रविखंडा, जो जन्म से चमार जाति का सदस्य थे, एक मोची के रूप में काम करता थे और हमेशा अपने व्यवसाय के प्रति बेहद समर्पित थे , लंबे समय तक काम करता थे और समय सीमा पर पूरा ध्यान देते थे |
उनकी विश्वसनीयता और दयालु व्यवहार के कारण, लोग साधु-संतों की मदद करना उन्हें विशेष रूप से अच्छा लगता था। वह उन्हें हर समय मुफ़्त में जूते देते थे। उसके माता-पिता उसे उस रूप में पसंद नहीं करते थे जैसा वह थे। अंततः उन्होंने रविदास और उनकी पत्नी को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। पड़ोस में, रविदास ने अपने लिए एक अलग संरचना बनाई। वह अपने व्यवसाय में कड़ी मेहनत करता थेऔर अपना शेष समय भगवान की पूजा करने और साधु-संतों के साथ सत्संग में लगते थे।
निसिंग/ जोगिंद्र सिंह
Visit Our Social Media Pages