गृह मंत्री ने Hindi Diwas पर अपने संदेश में कहा कि हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है
Hindi Diwas 2024: आज Hindi Diwas के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। गृह मंत्री ने Hindi Diwas पर अपने संदेश में कहा कि हम सभी को इस पावन दिवस पर गर्व होना चाहिए, क्योंकि इसी दिन 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा द्वारा हिंदी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया था। श्री अमित शाह के अनुसार, इस वर्ष राजभाषा की 75वीं वर्षगांठ होगी और हम इसकी हीरक जयंती मनाएंगे।
पिछले 75 साल भारत की राष्ट्रीय भाषा हिंदी और हमारे प्रत्येक राज्य की अलग-अलग भाषाओं के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने माना कि हिंदी में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन अभी उन्हें पूरा भरोसा है कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा से बेजोड़ है।
श्री अमित शाह के अनुसार, हिंदी सभी भारतीय भाषाओं की मित्र है और उन दोनों को बढ़ाती है। उनके अनुसार गुजराती, मराठी, तेलुगु, मलयालम, तमिल और बांग्ला सहित सभी भाषाएँ हिंदी को बढ़ावा देती हैं और हिंदी सभी भाषाओं को बढ़ावा देती है। अगर हम बारीकी से देखें तो हिंदी आंदोलन के नेता – राजगोपालाचारी जी, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आचार्य कृपलानी आदि – सभी ऐसे स्थानों से आए थे जहाँ हिंदी प्राथमिक भाषा नहीं थी। यह बात केंद्रीय गृह मंत्री ने कही।
उनके अनुसार, संविधान सभा को श्री अयंगर और श्री केएम मुंशी की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट मिली थी, जिसमें हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने और देश में बोली जाने वाली सभी अन्य भाषाओं को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई थी। इसके अलावा, इनमें से कोई भी नेता हिंदी भाषी क्षेत्र से नहीं था।
Hindi Diwas: पिछले दस वर्षों में PM मोदी के नेतृत्व में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन के लिए बहुत काम हुआ है
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं के संवर्धन के लिए बहुत काम हुआ है। मोदी जी ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गर्व के साथ हिंदी बोली है, जिससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस भाषा का महत्व उजागर हुआ है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय भाषाओं के प्रति राष्ट्रीय गौरव को भी बढ़ाया है।
हमने पिछले दस वर्षों में अनेक भारतीय भाषाओं को बेहतर बनाने के लिए बहुत मेहनत की है। नई शिक्षा रणनीति के एक प्रमुख घटक के रूप में घरेलू भाषा में बुनियादी शिक्षा की शुरुआत के साथ, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी सहित हमारी सभी भाषाओं में नई जान फूंक दी है।
श्री अमित शाह के अनुसार, पिछले दस वर्षों से हमने कंठस्थ नामक एक टूल बनाया है। पिछले दस वर्षों में हमने संसदीय राजभाषा समिति को चार रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं और हमने सरकारी कामकाज में हिंदी को प्रमुख भाषा बनाने का प्रयास किया है। राजभाषा विभाग जल्द ही एक वेबपेज शुरू करने जा रहा है, जिस पर आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में हिंदी से अनुवाद किया जा सकेगा। इससे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके किसी भी भाषण या पत्र का किसी भी भाषा में त्वरित अनुवाद कर सकेंगे। गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इससे हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में काफी सुधार होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि वह सभी को यह बताना चाहते हैं कि हमारी भाषाएँ आज दुनिया में सबसे विविध भाषाओं में से हैं। हमारी भाषाएँ और हिंदी आपस में जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि संविधान सभा की भावना के अनुसार, हर भारतीय व्यक्ति को, चाहे वह किसी भी भाषा का क्यों न हो – हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम या गुजराती – एक दूसरे से भारतीय भाषा में बात करनी चाहिए। एकीकरण के अभ्यास से, ये सभी भाषाएँ हमारी संस्कृति, इतिहास, साहित्य, व्याकरण और हमारे बच्चों के संस्कार को भी आगे ले जाएँगी। हिंदी के विकास से ये सभी भाषाएँ लचीली और समृद्ध भी होंगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, वह अपने सभी देशवासियों से अपील करना चाहते हैं कि वे Hindi Diwas के दिन राजभाषा विभाग के प्रयासों का समर्थन करने और हिंदी और अपनी मातृभाषाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताएं। एक बार फिर, मेरे सभी देशवासियों को Hindi Diwas की शुभकामनाएं। आइए राजभाषा को और मजबूत बनाएं। वंदे मातरम की याद में।
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