MLA Pooja Pal : 20 नवंबर को यूपी की नौ सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। सभी प्रमुख क्षेत्रीय दलों ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इन नौ सीटों में से सबसे अहम सीट प्रयागराज की फूलपुर सीट है, जहां एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। इस बार सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हरसंभव कोशिश करने को तैयार है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) भी पूरी ताकत लगा रही हैं।
Pooja Pal उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जानी-मानी हस्ती हैं, जो अपनी दृढ़ता और लगन के लिए मशहूर हैं। वह प्रयागराज में फूलपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दीपक पटेल का प्रचार कर रही हैं। सपा को असहज करने के साथ ही इस हरकत ने प्रदेश की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। आइए जानते हैं कि कैसे एक पंचर रिपेयर करने वाले की बेटी उत्तर प्रदेश की राजनीति में छा गई और करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली।
पंचर वाले की बेटी से MLA बनने तक का सफर
Pooja Pal एक साधारण परिवार से आती हैं। उनके पिता कभी पंचर रिपेयर का काम करते थे। आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए पूजा ने एक निजी अस्पताल में काम करना शुरू किया। वहीं उनकी मुलाकात राजू पाल से हुई, जो उस समय माफिया अतीक अहमद के साथ राजनीतिक टकराव में उलझे हुए थे। राजू पाल ने 2004 में प्रयागराज पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र से अतीक अहमद के भाई अशरफ को हराकर विधायक बनने का गौरव हासिल किया। विधायक चुने जाने के बाद जनवरी 2005 में उन्होंने पूजा पाल से शादी कर ली।
शादी के 9वें दिन पति की हत्या के बाद Pooja Pal न मानी हार
शादी के मात्र 9 दिन बाद 25 जनवरी 2005 को अतीक अहमद ने अपने गुंडों से राजू पाल की हत्या करवा दी। इस घटना ने पूजा की जिंदगी बदल दी। नौ दिन में ही वह विधवा हो गई। 2007 में मायावती ने पूजा पाल की मुश्किलें समझते हुए उन्हें पश्चिमी विधानसभा सीट से टिकट दिया। अशरफ को हराकर पूजा पहली बार विधायक बनीं। 2012 में भी उन्होंने इसी सीट से जीत दर्ज की। 2017 में भाजपा उम्मीदवार सिद्धार्थ नाथ सिंह से हारने के बाद वह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गईं और 2022 में कौशांबी की चायल विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं।
Pooja Pal की सास रानी पाल की 2015 में मृत्यु हो गई थी। पूजा ने खुद ही लड़ाई जारी रखने की कसम खाई । पूजा ने रानी पाल से हमेशा यही सीखा है कि अतीक अहमद के आतंक के खिलाफ लड़ाई कभी खत्म नहीं करेंगे। पूजा ने अपने पति की हत्या के बाद अठारह साल तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। इस मामले में योगी आदित्यनाथ प्रशासन ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। राजू पाल के हत्यारों को हिरासत में लिया गया।
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