लोगों की लापरवाही से लगती है Road side आग
निसिंग: – पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार एवं प्रशासन चाहे लाख दावे करे, लेकिन धरातल पर सभी दावे कागजी साबित हो रहे हैं। क्षेत्र में लोग खेतों व आसपास Road side के साथ खड़े Trees & plants को भी जलाने से नहीं चूक रहे हैं। वन विभाग की ओर से हर साल लाखों रुपये खर्च कर Road side पेड़-पौधों लगाए जाते हैं, जब तक ये अपने यौवन पर पहुंचते हैं, साथ लगते किसान इन्हें आग के हवाले कर रहे हैं। बड़े होने से पहले ही आग की भेंट चढ़ रहे हैं।
वन विभाग के पास आग को रोकने वाली फायर लाइन जैसी कोई योजना नहीं है। इससे वातावरण तो प्रदूषित हो ही रहा है, साथ में हरित क्रांति को भी नुकसान हो रहा है। अधिकांश मार्गों पर Road side आग लगने से वन विभाग के अलावा किसानों के पेड़ भी जल रहें हैं, इस ओर यदि थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो लाखों पौधों को बचाया जा सकता है।
करनाल – कैथल स्टेट हाईवे पर निसिंग से बस्तली की ओर जाने वाली Road side खड़े पेड़-पौधों को आग की लपटों से झुलसा हुआ देखा जा सकता है। सैकड़ो की संख्या में पेड़ जलकर नष्ट हो गए हैं। वैसे तो सरकारी व गैर-सरकारी विभागों द्वारा पर्यावरण का संदेश दिया जाता है, लेकिन यही संदेश देने वाले पेड़ों में लग रही आग को देखते हैं और आगे निकल जाते है। इसकी सूचना भी देना जरूरी नहीं समझते। वन विभाग के पास आग लगने का कोई कारण भी सामने नहीं आता है कहीं किसान, तो कहीं धूम्रपान करने वालों की लापरवाही इन जीवनदायी पेड़ों को भस्म कर रही है।
वन विभाग हर बार गर्मी के मौसम में लगने वाली आग को रोकने के लिए गंभीर नजर नहीं आता है। वन विभाग के हर वर्ष सैकड़ो पेड़-पौधे आग की लपटों से खामोश हो जाते हैं, लेकिन वन विभाग को आज तक आग लगाने वाले एक भी शख्श का पता नहीं चल सका है। बस पेड़-पौधों लगाने की योजना तो वन विभाग के पास हैं, लेकिन Road side खड़े पेड़-पौधों को आग से बचाने की कोई योजना विभाग के पास नहीं है। आग से खोखले हुए बड़े पेड़ हादसों को दावत दे रहे हैं। ऐसी ही पेड़ जलते रहे तो सड़कों की हरियाली खत्म हो जाएगी।
निसिंग से जोगिंद्र सिंह
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