पदनाम लिखकर नियमों की उड़ाई धज्जियां
संजय सोनी
राजस्थान, झुंझुनू। पद बड़ा हो जाए तो कद बड़ा दिखाने के लिए रौब ना जमाए तो कौन मानेगा आम से खास। इसी को चरितार्थ कर रहे हैं झुंझुनू नगर परिषद में अधिशासी अभियंता राहुल भाटिया। जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक सब बौने साबित हो रहे हैं झुंझुनू नगर परिषद में पदासीन अधिशासी अभियंता राहुल भाटिया के सामने। नगर परिषद झुंझुनू के एक्सईएन राहुल भाटिया लगाकर चलते हैं अपनी गाड़ी पर हूटर और सायरन साथ ही नंबर प्लेट पर नियम विरुद्ध पदनाम अधिशासी अधिकारी , स्वायत शासन विभाग और राजस्थान सरकार लिखकर गाड़ी पर अपना रुतबा दिखाने के चक्कर में कानून की धज्जियां उड़ा रहे है। जबकि उन्हें हूटर , सायरन लगाने की कोई इजाजत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी आदेशों की अनदेखी करते हुए वाहनों में सायरन और हूटर का प्रयोग करते हैं। जब पढ़े लिखे अधिकारी ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने लगे तो आमजन को क्या सन्देश देंगे। चिड़ावा से लेकर झुंझुनू तक आवाजाही और पुलिस तथा परिवहन विभाग द्वारा अनदेखी करना सवालिया निशान बना हुआ है।
यातायात पुलिस यूं तो हररोज किसी ना किसी नाम पर गली मोहल्ले में खड़े होकर भी चालान काट रहे हैं वहीं बेखोफ यह गाड़ी किस रसूख के चलते अपवाद बनी हुई है।आजकल गाड़ी में हूटर, सायरन और प्रेशर हॉर्न एक तरह से लोगों का स्टेटस सिंबल बनता जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई का डर भी प्रेशर हॉर्न लगाने वालों पर दिखाई नहीं देता।
सिर्फ इन्हें है अधिकार
हूटर और सायरन का प्रयोग फायर ब्रिगेड की गाड़ी और हॉस्पिटल की एम्बुलेंस ही कर सकते हैं। इन्हें भी हर समय सायरन और हूटर बजाने का अधिकार नहीं है। एम्बुलेंस में मरीज होने पर ही सायरन और हूटर बजाया जा सकता है। इसके अलावा आग की सूचना पर जाते समय ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी में सायरन और हूटर का प्रयोग हो सकता है। विशेष परिस्थितियों में पुलिस भी सायरन के इस्तेमाल का अधिकार है।
अधिकारी का कहना है
यातायात प्रभारी धर्मेंद्र कुमार मीणा बताते हैं कि हूटर, सायरन और प्रेशर हॉर्न का प्रयोग करते समय पकड़े जाने पर पुलिस को केवल चालान करने का अधिकार है। इसके अलावा किसी प्रकार की सजा का प्रावधान नहीं है। ऐसे वाहनों का एक हजार रुपये चालान काटा जाता है। हूटर, सायरन और प्रेशर लगी गड़ियो का प्रयोग हर कोई नहीं कर सकता। एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ी के अलावा कभी-कभी पुलिसकर्मी भी आकस्मिक हालत में हूटर का प्रयोग कर सकतें है। इसके अलावा जो भी प्रयोग करते पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई बनती है।
रोक के बावजूद पदनाम
निजी व सरकारी वाहनों पर सरकार ने पहले से ही नाम व पद, जाति आदि लिखने पर पाबंदी लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद आमजन व जनप्रतिनिधि, निजी व सरकारी अधिकारी अपनी गाड़ियों पर बड़े-बड़े अक्षरों में नंबर प्लेट के ऊपर अपना नाम, पद की प्लेट लगा कर आदेशों की धज्जियां उड़े रहे हैं।
रुतबे के लिए सोशल मीडिया पर डीपी
माना सोशल मीडिया का जमाना है। लेकिन सोशल मीडिया पर अफवाह , दहशत फैलाने के लिए लोग अपनी डीपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक , व्हाट्सएप , इंस्टाग्राम पर लगाना कई लोगों को भारी पड़ा है। झुंझुनू पुलिस ने ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की है। ऐसा ही कानून की धज्जियां उड़ाते हुए झुंझुनू नगर परिषद के एक्सईएन राहुल भाटिया द्वारा भी फेसबुक एवं व्हाट्सएप पर हूटर लगी गाड़ी के साथ डीपी लगाकर आमजन में रुतबा दिखाने की कोशिश की गई है। यह गाड़ी कार्यालय समय में नगर परिषद झुंझुनू में खड़ी रहती है , वहीं चिड़ावा तक आने-जाने का सफर भी उक्त गाड़ी से ही किया जाता है। नियमों को तिलांजलि देकर किया गया कृत्य पर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ,नगर परिषद प्रशासन क्या लेते है एक्शन यह देखने वाली बात है।