World Earth Day : धरती की घटती उर्वरता शक्ति चिंता का विषय है। पहले ही धरती में घटते जल स्तर ने कृषि की स्थिति को खराब किया है। कृषि महंगी दर महंगी होती जा रही है। ऐसे में किसानों को अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. सी बी सिंह ने विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) के अवसर पर किसानों को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसानों की अधिक से अधिक पैदावार लेने की होड़ ने धरती को निचोड़ कर रख दिया है।
World Earth Day पर डा. सी बी सिंह ने कहा धरती की घटती उर्वरता शक्ति चिंता का विषय है
उन्होंने कहा कि इसमें किसानों द्वारा अधिक कृषि रासायनों प्रयोग भी कारण है। उन्होंने कहा कि सबका विश्वास और उम्मीद कृषि पर ही है। भारत कृषि प्रधान देश है। भारत की कृषि ही देश को संभाल सकती है। डा. सिंह ने कहा कि कृषि का अर्थ ही पृथ्वी और मृदा है। जब तक भूमि सुरक्षित रहेगी, उपजाऊ रहेगी तभी कृषि टिकी रहेगी। किसानों ने आधुनिक तरीकों, अत्यधिक रसायनों, अधिकतम उपज लेने के लालच में भूमि को बिल्कुल निचोड़ लिया गया है।
आर्गेनिक कार्बन, पोषक तत्व न्यूनतम स्तर पर आ चुके हैं। अब किसान भी इस स्थिति समझ रहे हैं कि अगर इसी तरह व्यवहार किया गया तो भूमि को बंजर होने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में फिर इस बढ़ती हुई जनसंख्या का पेट कैसे भरेगा। मृदा की सेहत सुधारने हेतु सबको एकजुट होना होगा। परम्परागत पुराने तौर तरीकों, प्राकृतिक प्रदत्त उत्पादों का प्रयोग बढ़ाना होगा। जहरीले रसायनों से तौबा करनी पड़ेगी। तभी मृदा की उपजाऊ शक्ति बच पाएगी।
विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) क्यों मनाया जाता है
World Earth Day हमारे पृथ्वी ग्रह के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालता है और हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी पृथ्वी की देखभाल कैसे करनी चाहिए। विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है और इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है जैसे की बृक्षारोपण अभियान, सफाई अभियान एंड ऊर्जा सरक्षण अभियान।
विश्व पृथ्वी दिवस हमें याद दिलाता है कि हम सभी को अपने ग्रह की रक्षा करने और उसे भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए है।
अश्विनी वालिया
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