माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिसमें असहनीय सिर दर्द होता है। Migraine Pain को दूर करने के लिए योगा सबसे असरदार कारक है
माइग्रेन एक ऐसी बीमारी है जिसमें असहनीय सिर दर्द होता है। आमतौर पर ये दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है, लेकिन कभी-कभी ये सिर के पूरे हिस्से में भी फैल जाता है। Migraine Pain किसी भी वक्त उठ सकता है जिसे बर्दाश्त कर पाना बड़ा मुश्किल है।
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अपने सिरदर्द को कभी इग्नोर न करें और ये जानने की कोशिश करें कि आपको कब Migraine Pain उठता है। तेज गंध, डिहाइड्रेशन, एल्कोल का सेवन या बहुत ज्यादा स्ट्रेस की वजह से माइग्रेन का दर्द हो सकता है। कई बार मौसम बदलने या दूसरे कारणों से भी माइग्रेन का दर्द आपको घेर सकता है।
माइग्रेन (Migraine) नाड़ीतंत्र की विकृति से उत्पन्न एक रोग है जिसमे बार बार सिर के अर्ध भाग में मध्यम से तीव्र सिरदर्द होता है। यह सिर किसी एक अर्ध भाग में होता है और दो घंटे से लेकर दो दिन की अवधि तक रहता है। माइग्रेन के आक्रमण के समय अक्सर रोगी प्रकाश और शोर के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है। इसके अन्य लक्षणों में उलटी होना, जी मिचलाना तथा शारीरिक गतिविधियों के साथ दर्द का बढ़ जाना शामिल है।
यूनाइटेड किंगडम के एक न्यास के अनुसार केवल यूनाइटेड किंगडम में लगभग 80 लाख लोग इस रोग से ग्रस्त है। इनमे से लगभग 20 हजार लोगों को प्रति दिन Migraine Pain का दौरा पड़ता है। यह भी माना जाता है कि माइग्रेन के रोगियों की संख्या अस्थमा, मिर्गी व मधुमेह के रोगियों की संयुक्त सख्या से अधिक है।
योग एक प्राचीन स्वास्थ्य रक्षक विधा है जो विभिन्न शारीरिक मुद्राओं व श्वसन क्रियाओं के संगम से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करती है
अगर आप वर्षों से सिर के दो टुकड़े कर देने जैसे दर्द से ग्रस्त है या आपको हाल में ही Migraine Pain का पता चला है, तो इस दर्द से निजात पाने की दवाओं के अतिरिक्त और भी कई उपाय है। इसमें धमनियों व माँसपेशियों की शल्य चिकित्सा, ओसिपिटल नाड़ी का उद्दीपन, बोटोक्स, बीटा ब्लोकर्स तथा अवसादरोधी औषधियों के प्रयोग से माइग्रेन के दौरों को रोकने की चिकित्सा की जाती है। पर इन सभी उपचारों के कई घातक दुष्प्रभाव होते हैं।
इन दुष्प्रभावों में हृदयाघात, निम्न रक्तचाप, नींद की कमी, जी मिचलाना इत्यादि प्रमुख है। तो क्या ऐसा कोई प्राकृतिक तरीका है जिससे हम शरीर को बिना कोई क्षति पहुंचाए इस रोग से मुक्त हो सकें? “हाँ है” इसका उत्तर योग है। योगासन Migraine Pain को दूर करने के लिए | योग एक प्राचीन स्वास्थ्य रक्षक विधा है जो विभिन्न शारीरिक मुद्राओं व श्वसन क्रियाओं के संगम से सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करती है। योग से शरीर पर कोई अन्य दुष्प्रभाव नहीं पड़ता।
यहाँ उल्लेखित योगों के दैनिक व नियमित अभ्यास से आप Migraine Pain के अगले आक्रमण से निपटने व बचने के प्रभावी उपाय कर सकते हैं।
शिशु-आसन
यह आसन मस्तिष्क को शांत करता है तथा इसके अभ्यास से व्यक्ति चिंता-मुक्त हो जाता है।
सेतुबन्धासन
यह आसन नाड़ी तन्त्र को शिथिल व शान्त करता है तथा प्रभावी रूप से पीड़ा को कम करता है।इस आसन से रक्त संचार बढ़ता है और या मन को शांत करता है।
हस्त-पादासन
सीधे खड़े होकर आगे की तरफ झुकने से हमारे नाड़ी तन्त्र में रक्त की आपूर्ति अधिक होती है जिससे वह प्रबल होता है। इससे मन भी अधिक शांत होता है।
पश्चिमोतानासन
बैठ कर दोनों पैरो को आगे की ओर फैला कर, हाथो को पैर की तरफ ले जाते हुए आगे की ओर झुकने से मस्तिष्क शांत होता है और तनाव दूर होता है। इस आसन से सिरदर्द में भी आराम मिलता है।
अधोमुखश्वानासन
नीचे की ओर चेहरा रखते हुए श्वानासन करने से रक्त संचार में वृद्धि होती है जिससे सिर दर्द से मुक्ति मिलती है।
शवासन
शवासन शरीर को गहन ध्यान के विश्राम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है। इसे सभी योग आसनों के अभ्यास के बाद अंत में करना चाहिए।
अंततः निष्कर्ष निकलता है कि इन साधारण योगासनों के अभ्यास से माइग्रेन के आघात का असर काफी कम हो जाता है और समय के साथ कई बार आप स्थायी रूप से रोग मुक्त हो सकते हैं। अत: अब देर किस बात की? अपनी योग की चटाई खोलिए, प्रतिदिन कुछ समय योग करिए । योग माइग्रेन के रोग में आपकी प्रतिरोधक शक्ति को बढाता है योगाभ्यास से शरीर व मन को बहुत प्रकार के स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।
अलका सिंह,योग विशेषज्ञ
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