चित्रकूट के युवा कवि Dinesh Dixit संघर्षी के काव्यपाठ प्रसारण छतरपुर में हुआ

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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चित्रकूट के युवा कवि Dinesh Dixit संघर्षी के काव्यपाठ प्रसारण छतरपुर में हुआ

चित्रकूट । जनपद के ख्याति लब्ध युवा कवि Dinesh Dixit संघर्षी’ के आकाशवाणी छतरपुर से बृहस्पतिवार को सुबह 7 : 20 पर काव्यपाठ का प्रसारण किया गया  रेडियो के श्रोताओं द्वारा खूब पसंद किया। दिनेश दीक्षित संघर्षी यूँ तो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं उनके काव्यपाठ देश के हर एक प्रान्त में होते रहते हैं |

 

चित्रकूट के युवा कवि Dinesh Dixit संघर्षी के काव्यपाठ प्रसारण छतरपुर में हुआ

 

बात यदि इनके काव्यकला की करें तो Dinesh Dixit  एक प्रख्यात गीतकार के रूप में जाने जाते हैं इनकी कविताओं में प्रायः सभी रंगों हास्य, व्यंग्य, श्रंगार के साथ साथ ओज का अक्स झलकता है मंच पर आजकल गीत मुक्तक ज्यादा पढ़ रहे हैं शीर्ष कवियों में इनकी गिनती मानी जाती है देश के कोने कोने पर जाकर मंच पर काव्यपाठ कर जनपद चित्रकूट का नाम रोशन करने वाले Dinesh Dixit जैसे कवियों पर गर्व महसूस होता है|

 

युवा कवि Dinesh Dixit की कविताएं समाज को एक नई दिशा देती हैं

 

ऐसे कवियों की रचनात्मक कविताएं समाज को जहाँ एक नई दिशा देती हैं तो वहीं कुरूतियों पर कवियों की कविताएं करारा प्रहार करने से गुरेज नहीं करती हैं दिनेश जी के कुछ काव्यकपंक्तियां गौरवशाली गाथा का अभिमान रहे , लेकिन नूतन आयाम का ध्यान रहे, राष्ट्रवादिता हो जन-जन के मानस में, सत्य सनातन ही अपनी पहचान रहे|

 

कौन हैं दिनेश आइए जानते हैं जीवन के विशेष पलों के बारे में

 

प्रख्यात कवि गीतकार Dinesh Dixit संघर्षी का जन्म इंदौर (मध्यप्रदेश) में हुआ है। मूलतः घाटमपुर कानपुर नगर उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं इनकी माताजी का निधन इनकी 6 माह की आयु में ही हो गया था। अतः इनकी परवरिश इनके ननिहाल नरदहा,पन्ना मध्यप्रदेश हुई। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरदहा पन्ना मध्यप्रदेश में हुई।

 

चित्रकूट के युवा कवि Dinesh Dixit संघर्षी के काव्यपाठ प्रसारण छतरपुर में हुआ

 

स्नातक की शिक्षा के लिए सतना के अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा जाना पड़ा एवं परास्नातक की शिक्षा कानपुर एवं प्रयागराज से हुई।इन्होंने तीन विषयों (हिंदी,संस्कृत एवं समाजशास्त्र) से परास्नातक की उपाधि प्राप्त की। इन्होंने बीटीसी(डी एल एड), बीएड, ऑटोकैड,एवं आई टी आई की उपाधियाँ भी धारण की हैं।

 

वर्तमान में चित्रकूट जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने एक बातचीत में संवाददाता से बताया कि जीवन में बहुत ही संघर्ष रहा है अतः लोगों ने इन्हें संघर्षी कहना आरम्भ कर दिया तभी से इनका उपनाम संघर्षी हो गया। देश के हर कोने में इन्हें काव्यपाठ हेतु बुलाया जाता है। साथ ही अकाशवाणी छतरपुर एवं साधना टीवी में भी इनके काव्यपाठ का प्रसारण होता रहता है।

चित्रकूट से प्रमोद मिश्रा
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