प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेक्टर-9 की ओर से रसिया से आए Santosh Didi ने कहा कि बॉडीगार्ड की जरूरत और प्रोटेक्शन की जरूरत किसको होती है। जो बॉडी को सर्वोच्च अमूल्य समझता है जो बॉडी को महत्व देता है उसे ही बॉडीगार्ड की जरूरत होती है। जो मर गया अर्थात बॉडी यहां की थी यहीं रह गई, मैं अविनाशी शक्ति न्यारा हो गया उसे किसी बॉडीगार्ड की जरूरत नहीं ।
यह जो इस समय आत्मा आपके सामने बैठी है इस शरीर में दो बातें हैं यह आईने में दिखता वह शरीर है जो शक्ति दिखाई नहीं देती, जो इस शरीर की मालिक है ,वह आत्मा है होली अर्थात में प्रभु पिता परमात्मा की हो गई। होली अर्थात जो बीता सो बीत गया। होली अर्थात पवित्र शुद्ध होली अर्थात प्रभु के रंग में आत्मा को रंगना।
आत्मा रूपी चुनरिया प्रभु के प्रेम में रंग गई उन्होंने सभी को आने वाले होली के पावन पर्व की मुबारक दी। ब्रदर इलेक्जेंडर ने बताया कि 34 वर्ष पहले मैं इस संस्था के संपर्क में आया और मैं समझा कि मैं एक आत्मा हूं ,आत्मा का स्वधर्म शांति है, वास्तव में आत्मा पवित्र और शुद्ध है जब मुझे 34 वर्ष पहले ज्ञान की इन बातों का पता चला तब से मैं सौ प्रतिशत वेजिटेरियन हूं और मैं बहुत स्वस्थ हूं, खुश हूं, स्वस्थ हूं ,और रूस के भाई बहनों की ओर से सभी को मुबारक देता हूं। सिस्टर मारिया ने मधुबन खुशबू देता है गीत गया।
ब्रह्माकुमारी Nirmal Didi ने सभी का स्वागत किया
ब्रह्माकुमारी Nirmal Didi ने सभी का शब्दों के माध्यम से स्वागत किया। कुमारी आहना ने वेलकम सॉन्ग पर नृत्य किया। शिवानी बहन ने उड़न खटोला मेरे बाबा का गीत पर नृत्य किया। डॉ अवतार सिंह जी ने संस्था का परिचय दिया। एस पी चौहान जी ने शुभकामनाएं दी। इस मौके पर नव चेतना मंच ने मोमेंटो भेंट कर Santosh Didi को सम्मानित किया।
नीमा वूमेन फाम द्वारा दीदी को मोमेंटो भेंट किया गया। फूलों के द्वारा होली खेली गई। इस मौके पर ज्ञान सरदाना ,परमेश्वर सरदाना ,डॉ मंजू, डॉ रेनू, शशि पाल मेहता ,कशिक मान,वेदप्रकाश गर्ग, नरेश बराना, कृष्ण अरोड़ा, के एल तनेजा, प्रतिभा बिंदल , Lakshmi didi, सुदेश बहन, चेतना बहन, सारिका, मधु, रजनी, सुमन ,रेखा ,कंचन, रीना, आदि हजारों की संख्या में भाई बहन मौजूद रहे।
निसिंग/ जोगिंद्र सिंह
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