जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर Environment संरक्षण हेतु प्लास्टिक मुक्त धरती संरक्षण आदि पर परिचर्चा हुई
झुंझुनू: हाल ही में आई सी सी आई फोरम नई दिल्ली द्वारा यूनाइटेड नेशंस के सतत विकास के लक्ष्यों के क्रम में जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर आग सी तपती गर्मी को देखते हुए हमारी धरती हमारा भविष्य राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता पॉलिसी विचार विमर्श के माध्यम से विभिन्न Environment जलवायु परिवर्तन वृक्ष लगाओ आंदोलन ,प्लास्टिक मुक्त धरती संरक्षण आदि पर परिचर्चा हुई।
कार्यक्रम संचालक मानवेन्द्र कुमार ने बताया की इस राष्ट्रीय विचार मंथन कार्यक्रम में देश भर से आमंत्रित वक्ताओं में राजस्थान से भारत सरकार के पद्म श्री श्याम सुन्दर पालीवाल , एनआईडीएम गृह मंत्रालय के वरिष्ठ डॉ सूर्य प्रकाश ,कोटा शिक्षा नगरी से अर्बन प्लानिंग रिसर्चर एवं आइपीएस मुंबई के अलुम्नाई एवं नेशनल युथ एक्सेलेंस अवार्डी नयन प्रकाश गाँधी, इंदौर से कॉर्पोरेट इंडस्ट्रीयलिस्ट मनोज दुबे ,एकेडमीशन डॉं.प्रिया त्रिवेदी ,सक्रिय सोशल एक्टिविस्ट मैनेजमेंट थिंकर कमल बत्रा , महिला सशक्तिकरण पर्यावरण विद सुमित्रा सिंह ,वरिष्ठ पत्रकार सुभाष चंद्र ,डॉ कैलाश सिंह आदि ने अपने अपने विचार व्यक्ति किये।
पद्म श्री डॉ श्याम सुन्दर पालीवाल ने हर व्यक्ति परिवार को Environment संरक्षण हेतु एक व्यक्ति कम से कम एक पौधे हेतु कृत संकल्पित होने को कहा और साथ ही अपनी प्रेरणादायी पिपलांत्री गांव में पर्यावरण संरक्षण मुहीम पर व्यक्तव्य दिया।
कोटा शिक्षा नगरी से अर्बन प्लानिंग रिसर्चर एवं आइआइ पीएस मुंबई के अलुम्नाई एवं नेशनल युथ एक्सेलेंस अवार्डी नयन प्रकाश गाँधी ने इंडिविजुअल ,इंस्टीटूशनल ,गवर्मेंटल ,प्राइवेट ,नॉन गवर्मेंटल सभी स्टेकहोल्डर्स को जलवायु परिवर्तन हेतु आगे आने को कहा और सोलर रिनिवेबल एनर्जी हेतु प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की और कहा आज आवश्यकता है सोलर एनर्जी को गांव -गांव शहर-शहर अधिकाधिक एनजीओ की भूमिका द्वारा भामाशाह के सहयोग से क्षेत्रीय केम्पेन कर आगे बढ़ाया जाये ।
गाँधी ने कोटा शिक्षा नगरी में संचालित विभिन्न सामाजिक संस्थानों के माध्यम से सम्पन्न धरा मित्र ,क्लीन कोटा ग्रीन कोटा ,हरयाळो कोटा आदि के बारे में प्रजेंटेशन दिया और बताया की आमजन युवा मातृ शक्ति ,प्रशासनिक अधिकारी वर्ग ,मिडिया सहभागिता से सतत विकास के Environment हितार्थ कार्यक्रम सफल बनाये जा सकते है । आज समय की दरकार है क्लाइमेट चेंज क्षेत्रीय राष्ट्रिय नहीं अंतराष्ट्रीय मुद्दा है इसके लिए समेकित सहभागिता से प्रयास सतत रखने होंगे । डॉ सूर्य प्रकाश ने डिजास्टर मैनेजमेंट की भयावहता को प्रकट करते हुए चमोली उत्तराखंड के भूसंख्लन से सिखने को कहा और बताया की Environment का संरक्षण ही जीवन है अन्यथा अन्य नयी आपदाओं के लिए तैयार रहे इसलिए समय रहते सभी को मिलकर आगे आना होगा और धरातल पर कार्य करना होगा ।
इंडस्ट्रियलिस्ट मनोज दुबे ने इंडस्ट्री कॉर्पोरेट सभी को मिलकर सक्रिय होने की बात कही और डॉक्टर प्रिया त्रिवेदी ने इंदौर महानगर के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और कहा अगर इंदौर में Environment संरक्षण स्वछता अभियान सॉलिड वेस्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य हो सकते है तो हर राज्य शहरो में सामूहिक प्रयासों से संभव किया जा सकता है जरूरत है तो युवा वर्ग ,सामाजिक शैक्षणिक संघठनो को साथ लेकर चलने की।
Environment विद एमिटी यूनिवर्सिटी से डॉ सुमित्रा सिंह ने संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यो पर प्रकाश डाला साथ ही कमल बत्रा द्वारा Environment संरक्षण हेतु अपने घर आसपास उद्यानों ,छतो पर पौधे लगाने हेतु कहा और उसे संरक्षित करने को भी कहा. अंत में मानवेन्द्र द्वारा सभी आमंत्रित वक्ताओं का अभिनन्दन धन्यवाद ज्ञापित किया गया और कहा की इंटीएक्सीलेंट चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्री फेम फाइंडर के सहयोग से सामाजिक परिप्रेक्ष्य में जन जागरूकता का कार्यक्रम आगे भी अनवरत किया जायेगा। अंत में मानवेन्द्र द्वारा सभी आमंत्रित वक्ताओं का अभिनन्दन धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
झुंझुनू से चंद्रकांत बंका
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