Dhumeshwar Mahadev Temple: महाशिवरात्रि पर 7 और 8 मार्च को धूमेश्वर महादेव मंदिर पर लगेगा दो दिवसीय मेला

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Dhumeshwar Mahadev Temple Bhitarwar: क्षेत्र के सुप्रसिद्ध धूमेश्वर महादेव मंदिर पर महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय मेला की तैयारी और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर रविवार को मंदिर महंत महा मंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज की अध्यक्षता में भितरवार अनुविभाग के सभी अधिकारियों की बैठक मंदिर परिसर में आयोजित की गई।

भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष पर्व है महाशिवरात्रि

आगामी 8 मार्च 2024 शुक्रवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष पर्व महाशिवरात्रि पर्व बड़े ही धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जाता है इसी क्रम में क्षेत्र के सुप्रसिद्ध प्राचीन Dhumeshwar Mahadev Temple पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि के पर्व दो दिवसीय मेला का आयोजन किया जा रहा है। 7 एवं 8 मार्च को होने वाले महाशिवरात्रि मेला को लेकर आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि इस वर्ष भी भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा।
Dhumeshwar Mahadev Temple: महाशिवरात्रि पर 7 और 8 मार्च को धूमेश्वर महादेव मंदिर पर लगेगा दो दिवसीय मेला
जिसको लेकर मंदिर महंत महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज ने बैठक में मौजूद भितरवार एसडीएम डी एन सिंह सहित अन्य विभागों के मौजूद अधिकारियों से मिला के आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की घटना – दुर्घटना और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो और मेला का आयोजन शांतिपूर्ण स्वास्थ्य के साथ संपन्न हो सके जिसकी उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से अपील की। इस दौरान एसडीएम डी एन सिंह द्वारा मंदिर के समीप से निकली सिंध नदी पर बैरिकेट्स इत्यादि लगाकर व्यापक सुरक्षा इंतजाम रखने के निर्देश मौजूद थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी को दिए।
साथ ही नदी घाट पर अपने तमाम उपकरणों के साथ होमगार्ड की रेस्क्यू टीम भी मौजूद रहे एवं मंदिर प्रांगण में जगह-जगह आपातकालीन नंबर स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ सार्वजनिक तौर पर चश्पा किए जाएं जिससे कि मेला के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी उत्पन्न ना हो। वही उचित लाइटिंग की व्यवस्था को लेकर बिजली कंपनी के अधिकारियों को तो वही वाहनों की पार्किंग व्यवस्था और मंदिर प्रांगण की साफ सफाई और पेयजल व्यवस्था को लेकर भी आवश्यक निर्देश नगरीय निकाय से लेकर ग्राम पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए।

Dhumeshwar Mahadev Temple पर पार्किंग व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है

महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय मेला में हर बार प्रशासन को सबसे बड़ी कठिन समस्या के रूप में वाहन पार्किंग की समस्या का सामना करना पड़ता है। यही स्थिति इस बार आयोजित होने वाले मेला के दौरान सामने उत्पन्न न हो क्योंकि मंदिर परिसर के आसपास स्थित कृषि भूमि में किसानों की फसल खड़ी हुई है ऐसे में मेला आने वाले हजारों वाहनों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने को लेकर समस्या उत्पन्न हो रही है हालांकि कुछ खुले स्थानों पर पार्किंग व्यवस्था बनाने के लिए समतलीकरण का कार्य करने के निर्देश उपस्थित अधिकारियों के द्वारा ग्राम पंचायत को दिए हैं।
Dhumeshwar Mahadev Temple: महाशिवरात्रि पर 7 और 8 मार्च को धूमेश्वर महादेव मंदिर पर लगेगा दो दिवसीय मेला
जिससे कि यातायात व्यवस्था सुदृढ़ हो सके। वही सोरों सहित अन्य तीर्थ स्थलों से गंगाजल लेकर आने वाले शिव भक्तों को कावर चढ़ाने के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो जिसका भी ध्यान बैठक में मौजूद अधिकारियों के द्वारा रखा जा रहा है जिसमें तय किया गया है कि 7 मार्च की मध्य रात्रि से ही मंदिर परिसर में कवर चढ़ाने वाले शिव भक्तों के जत्थों के रूप में सुरक्षित तरीके से प्रवेश दिलाया जाएगा।
जिससे कि शिवरात्रि के दिन शुक्रवार को दूर दराज के शहरों से आने वाले लाखों श्रद्धालु जनों को भगवान भोलेनाथ के आसानी से दर्शन उपलब्ध हो सके। वही मिला प्रसार में किसी प्रकार की कोई अनहोनी या अप्रिय घटना घटित ना हो जिसको लेकर भी पुलिस प्रशासन की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद रखने पर विचार किया गया।
इस दौरान मंदिर महंत महामंडलेश्वर अनिरुद्ध वन महाराज एवं एसडीएम देवकीनंदन सिंह,तहसीलदार धीरज सिंह परिहार, थाना प्रभारी अतुल सिंह सोलंकी, राजस्व निरीक्षक सुरेश चंद्र नागर आदि के द्वारा अलग-अलग व्यवस्थाएं ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को सौंपी। इस दौरान बैठक में मंदिर समिति के पदाधिकारी और सांखनी, पंवाया सरपंच पति हरिशंकर प्रजापति ,  लुहारी पंचायत के सरपंच और सचिव के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

क्यों जाना जाता है Dhumeshwar (धूमेश्वर) के नाम से

धूमेश्वर मंदिर के चारों ओर कलकल करता झरना मंदिर को और मनमोहक बनाता है। लोग वहां पिकनिक मनाने के लिए पहुंचते है। इतिहासकारों के मुताबिक सिंध नदी का पानी काफी ऊपर से झरने के रूप में नीचे गिरता है, जिससे पानी के नीचे गिरने से धुआं सा उठता है। इसलिए इस मंदिर को Dhumeshwar (धूमेश्वर) महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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