Kanshi Ram (कांशी राम) एक व्यक्ति नहीं, बल्कि थे एक आंदोलनकारी: मोहन दास नैमिशराय

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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माननीय कांशी राम जी और कुमारी बहन मायावती जी
कुरुक्षेत्र। शिक्षाविद एवं लेखक मोहन दास नैमिशराय ने कहा है कि कांशी राम एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आंदोलन थे। कांशी राम ने देशभर में घूम कर दलितों का दुख जाना और दलितों को एक मंच पर लाने के लिए उन्होंने बहुजन समाज पार्टी का गठन किया।

Kanshi Ram ने डॉ.अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढा कर दलितों को किया जागरूक: डॉ. आर आर फुलिया

Kanshi Ram ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की विचाराधारा को आगे बढाया और उनके इस प्रयास से समाज में कई परिवर्तन देखने को मिले। वे कांशी राम के जनमदिवस पर श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला में आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने Kanshi Ram के साथ मीडिया सेवा में सहयोग के अपने अनुभव और बहुजनों के हित  के अनेक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। गोष्ठी का आयोजन प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवानिृत्त हुए डॉ. आर आर फुलिया ने किया।
Kanshi Ram (कांशी राम) एक व्यक्ति नहीं, बल्कि थे एक आंदोलनकारी: मोहन दास नैमिशराय
गोष्ठी में भाग लेते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुभाष चंद्र, यू.पी. कैडर के आई.ए.एस. अधिकारी बचित्तर सिंह, जो प्रिंसिपल सेक्रेटरी, नेशनल इंटीग्रेशन के पद से सेवानिवृत्त हैं तथा उनकी धर्मपत्नी इंद्रजीत कौर, जो वरिष्ठ अतिरिक्त महानिदेशक, डिफेंस एस्टेट्स के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं, गोष्ठी में सभी वक्ताओं ने महात्मा ज्योतिबा फुले, साहू,अंबेडकर विचारधारा को आगे बढ़ाने और गरीबों,शोषितों तथा पिछड़े वर्ग के लोगों को सामाजिक और राजनैतिक रूप से सशक्त करने के विशेष प्रयासों के लिए कांशीराम के प्रयासों पर चर्चा की और उन्हें  विशेष रूप से सराहा तथा सभी को एक प्रगतिशील, संवेदनशील तथा सशक्त समाज बनाने के लिए प्रेरित किया। बचित्तर सिंह ने सरकारी सेवा में रहते हुए कांशीराम के साथ के अनुभव और मान्यवर की प्रेरणा से किया गए समाज हित और लोक हित के लिए किए गए कार्यों के अनुभव सुनाए।

आयोजित गोष्ठी में डॉ. आर आर फुलिया ने डॉ.अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढाया Kanshi Ram Ji ने

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुभाष ने भी अपने विचार रखे। डॉ. आर आर फुलिया ने अपने संबोधन में Kanshi Ram को एक महान राजनीतिक बताते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. अंबेडकर की विचारधारा को आगे बढाया। उन्होंने भी डॉ. अंबेडकर व गुरु रविदास के संदेशों को जन जन तक पहुंचाने का काम किया।
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उन्होंने चुनौतियों का सामना करते हुए दलितों को एक मंच पर एकत्रित किया। जिससे एक क्रांति का आगाज हुआ। डा. आर आर फुलिया गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार और चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के पूर्व कुलपति भी रहे हैं तथा सामाजिक और शैक्षणिक जागृति के साथ-साथ जैविक खेती का समर्थन करने में भी लगे हुए हैं।
डॉक्टर  फुलिया ने हाल ही में साहित्य और संविधान, पढ़ो पढ़ाओ अभियान भी शुरू किया है जिसके अंतर्गत स्कूली छात्रों, महिलाओं और आम जन को भारत का संविधान तथा अन्य प्रेरक पुस्तकें निशुल्क वितरित की गई हैं। डॉ. फुलिया ने पिछले एक वर्ष में  हरियाणा के आठ जिलों और चार राज्यों में बाईस पुस्तकालयों में ऑनलाइन कक्षाओं की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत इस वर्ष दस हजार पुस्तकें वितरित करने का लक्ष्य है।
इस अवसर पर शिक्षाविद और  समाजसेवी डॉ. रणजीत  सिंह फुलिया द्वारा संपादित और सद्य प्रकाशित पुस्तक बहुजन नायक Kanshi Ram के प्रेरक विचार, पढऩे वाले बच्चों को और उपस्थित लोगों को निशुल्क दी गई । कार्यक्रम का संचालन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संगोहा के प्रिंसिपल जगदीश चंद्र ने किया।
अश्विनी वालिया  
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