ग्रामीण क्षेत्र में आज भी Lentils हाथों से बनाई जाती है
देवास बरोठा, आज भी घट्टी से Lentils बनाने का महत्व समझने वाली महिलाओं को बहुत ही प्राचीन यंत्र हाथ घट्टी का उपयोग करते देखा जा सकता है,खासकर ऐसे दृश्य अमूमन गांवों में ही देखने को मिलते हैं। बरोठा जिला देवास की समाजसेविका जमना गुप्ता बताती है कि उन्हें यह घट्टी आज से 40 वर्ष पूर्व बागली निवासी उनकी माताजी लीलावती गुप्ता ने दी थी, जिसे आज तक संभाल कर रखा है।
मुंग Lentils व अन्य अनाज की Lentils व थूली बनाने में हम इसी घट्टी का वर्षों से उपयोग करते आ रहें हैं। जमना गुप्ता की सुपुत्री बरखा गुप्ता, प्रीति गुप्ता बताती है कि जब भी वे छुट्टियां बिताने माताजी के पास मायके आती है तो वे घट्टी चलाने में जरा भी पीछे नहीं हटती ओर अपनी माँ का हाथ बंटाती है।
मेडिकल लाइन से जुड़े आशीष गुप्ता बताते हैं कि पुराने समय में महिलाएं इसलिए तंदरुस्त व फीट रहती थी कि हाथ से संचालित होने वाले इस तरह के कई यंत्रों का उपयोग आए दिन होता रहता था, जिससे खुद ब खुद एक्सरसाइज भी हो जाया करती थी। आज इनकी जगह मशीनरी ने ले ली है।
मध्य प्रदेश नूर मोहम्मद शेख
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