Kisan Bail: दातासिंहवाला बार्डर से गिरफ्तार किए गए Kisan नेता अक्षय नरवाल, विरेंद्र कोयल और प्रवीन मदीना को 37 दिन बाद जमानत मिली है। पिछले तीन दिनों से जेल के अंदर अनशन पर बैठे अक्षय नरवाल ने वीरवार को जमानत मिलने के बाद शाम साढ़े छह बजे बाहर आकर अनशन तोड़ा। बाहर किसान नेताओं ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन खत्म करवाया। किसानों ने कहा कि हकों के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
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13 फरवरी को दातासिंहवाला बार्डर से गिरफ्तार किए थे तीनों Kisan नेता
Kisan नेत्री प्रियंका खरकरामजी, सुशील नरवाल, संदीप चहल समेत दूसरे किसान नेताओं ने बताया कि 13 फरवरी काे दातासिंहवाला बार्डर से अक्षय नरवाल, प्रवीन मदीना, विरेंद्र कोयल को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डाल दिया था। उन पर 307 समेत 10 धाराएं लगाई गई।
किसानों की गिरफ्तारी के बाद से ग्रामीण और दूसरे Kisan संगठन लगातार प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर, प्रदर्शन के जरिए उन्हें रिहा करने की मांग कर रहे थे। सात मार्च को प्रदेश भर से किसान संगठन जींद एसपी कार्यालय का घेराव करने के लिए निकले तो उन्हें एक सप्ताह का आश्वासन दिया गया। इस पर किसानों ने प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया।
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रिहा न करने की वजह से अक्षय नरवाल ने जेल के अंदर अनशन शुरू कर दिया था
इसके बावजूद भी तीनों Kisan नेताओं को रिहा नहीं किया गया तो अक्षय नरवाल ने जेल के अंदर अनशन शुरू कर दिया। आखिरकार कोर्ट के जरिए जमानत याचिका लगाई गई। कई तारीखों के बाद आखिरकार वीरवार शाम को तीनों किसान नेताओं को जमानत मिल गई। शाम साढ़े छह बजे के करीब जेल से बाहर निकलने के बाद अक्षय ने अपना अनशन तोड़ा। इस दौरान कथूरा गांव, कोयल, मदीना, खटकड़ टोल कमेटी, बड़ौदा गांवों से लोग पहुंचे थे।
प्रियंका खरकरामजी और संदीप चहल ने बताया कि प्रशासन की तरफ से उन्हें आश्वासन मिला है कि कुछ तारीखों पर पेशी भुगतने के बाद उनका केस खारिज करवाने का प्रयास रहेगा। ओर अक्षय नरवाल ने जेल से निकलते कहा कि किसी शर्तं पर रिहा नहीं किया गया है। सरकार चाहे फांसी तोडदे आगे भी किसानों की आवाज ऐसे ही बेबाकी से उठाते रहेंगे।
निसिंग/ जोगिंद्र सिंह
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