Rice Mill Pollution: राइस मिल उगल रहे ‘मौत’ की हवा, अफसरों की खामोशी से कहीं थम न जाए सांसें

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Rice Mill Pollution: राइस मिल उगल रहे 'मौत' की हवा, अफसरों की खामोशी से कहीं थम न जाए सांसें
Rice Mill Pollution: राइस मिलों की चिमनियां रात-दिन धुआं व राख उगलती है। आसपास के किसान व गांवों के लोग प्रभावित हैं। कैथल रोड पर कुचपुरा से लेकर निसिंग तक गुजरना आसान नहीं है। एक तो Rice Mill  के बाहर दोनों तरफ ट्रकों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। जो कि हर समय हादसों का कारण बन रहे हैं। राइस मिलों द्वारा सरकार के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन ट्रकों के कारण पहले भी कई जाने चली गई है। लेकिन कोई भी अधिकारी इन पर कार्रवाई नहीं करते। दूसरी ओर राइस मिलों के ब्वायलर से निकलने वाले चावल के छिलकों के कण,व धूल आंखों को परेशान करती है।

हरियाणा के Rice Mill सरकार के नियमों की उड़ा रहे धज्जियां

Rice Mill से निकलने वाले धूएं,राखी और धान की भूसी राहगीरों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है।कई उद्योग औंगद व कुचपुरा गांव से एक किलोमीटर के दायरे में हैं। खेतों में गेहूं की फसलों पर भी धूल जमा रहती है। फसल की हाथों से कटाई तो दूर कंबाईन से भी बड़ी मुश्किल से हो पाती है। वहीं चिमनियों की राख हवा के साथ कुचपुरा व औंगद गांव की तरफ जाती है। ग्रामीण छत व आंगन में कपड़े सुखाने से अक्सर वंचित रहते हैं।
पूर्वी हवा चलने पर जुंडला शराब फैक्ट्री की चिमनी का प्रदूषण आता है और पश्चिमी हवा चलने पर राइसमिलों की चिमनियों का धुआं व राख को ग्रामीण सांसों के साथ खींचते हैं।आस पास के लोगों ने कहा कि मिलों के धुएं व राख से ग्रामीणों को भारी परेशानी पहुंच रही है। ग्रामीण अक्सर नाना प्रकार की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

Rice Mill के प्रदूषण से लोग परेशान, नहीं हो रही कोई कार्रवाई

प्रदूषण के कारण ग्रामीण पलायन करने पर मजबूर बने हैं। विभाग के अधिकारी इस संबंध में कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। किसानों ने कहा कि चिमनियों का धुंआ व राख बाहर निकलकर प्रदूषण न फैलाएं। नियमित रूप से चिमनी पर यंत्र लगाकर उसे चलाएं ताकि प्रदूषण से लोगों का बचाव रहे। धूल व राख से आंखें खराब हो रही है।
Rice Mill से निकलने वाले धुएं और राखी के खिलाफ कई बार पहले भी शिकायत जा चूंकि हैं, लेकिन राइस मिलों के मालिक और अधिकारियों की मिलीभगत से कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है। जिस कारण इनका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। अगर अधिकारी उचित कार्रवाई करें और नियम अनुसार कार्रवाई करें तो आमजन का निसिंग से गुजरना आसान हो सकता है।
इस संबंध में प्रदूषण बोर्ड के एक्शन शैलेंद्र अरोड़ा से बात की गई तो उनका कहना है कि राइस मिलों पर पहले भी कई बार कार्रवाई की गई है और हिदायतें भी दी है कि नियमानुसार ही राइस मिलों को चलाएं। इनसे निकलने वाले धुएं और राखी से आसपास रहने वाले लोगों और यहां से गुजरने वालों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसको लेकर जल्दी ही एक टीम गठित की जाएगी और औचक निरीक्षण किया जाएगा। अगर मौके पर धूंआ और राखी निकलती मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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