प्रदेश के कोने-कोने से लोक कलाकारों के Musical Instruments की धुनों ने बदली ब्रह्मसरोवर की फिजा
कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर कहीं जंगम जोगी, कहीं नगाड़ा-बीन और कहीं सारंगी की धुन कानों में घोल रही है रस, रंग-बिरंगे, छैल-छबीले, चमकते परिधानों में सजे कलाकारों संग पर्यटक जमकर ले रहे फोटो।
![लोक कलाकारों के Musical Instruments की धुनों ने बदली ब्रह्मसरोवर की फिजा 2 Musical Instruments की धुनों ने बदली ब्रह्मसरोवर की फिजा](https://aanchalikkhabre.com/wp-content/uploads/2023/12/IMG-20231219-WA0050.jpg)
ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर प्रदेश के कोने-कोने से लुप्त होने के कगार पर पंहुचे Musical Instruments की धुनों को सहजता से सुना जा सकता है। इस बार अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव 2023 में लोक कलाकारों ने अपने Musical Instruments की धुनों से ब्रह्मïसरोवर की फिजा को बदलने का काम किया है।
इस सरोवर के पावन तट पर कहीं जंगम जोगी, कहीं नगाड़ा-बीन और कहीं सारंगी की धुनों को सुनकर पर्यटक मस्ती से झूम रहे है, तो कहीं रंग-बिरंगे, चमकते परिधानों में सजे कलाकारों संग फोटो लेने का क्रेज भी पर्यटकों के सिर चढक़र बोल रहा है।
अश्विनी वालिया, कुरुक्षेत्र
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